लखनऊ। उप्र के मुख्य सचिव दुर्गा शंकर मिश्र की अध्यक्षता में डिजिटल क्राप सर्वे के लिए स्टेट लेवल स्टीयरिंग कमेटी की बैठक आयोजित की गई।
अपने संबोधन में मुख्य सचिव ने कहा कि भारत सरकार के साथ उत्तर प्रदेश सरकार ने डिजिटल पब्लिक इंफ्रांस्ट्रक्चर इनिशिएटिव (एग्रीस्टैक) के संबंध में एम0ओ0यू0 हस्ताक्षर हो चुका है। इसके माध्यम से गांव के प्रत्येक कृषि भूखण्ड का डिजिटल क्राप सर्वे कराने के लिये आवश्यक तैयारियां समय से पूरी कर ली जायें। 19 जिले-भदोही, संतकबीर नगर, औरैया, महोबा, हमीरपुर, सुल्तानपुर, वाराणसी, जौनपुर, प्रतापगढ़, मिर्जापुर, मुरादाबाद, जालौन, चित्रकूट, फर्रुखाबाद, अयोध्या, चन्दौली, झांसी, बस्ती, हरदोई जिनके शत-प्रतिशत जियो रेफरेन्स मैप उपलब्ध हैं, उनमें खरीफ और रबी की फसल का एप के माध्यम से शत-प्रतिशत सर्वे कराया जाये। इसके अलावा अन्य 56 जनपदों के ऐसे 10 गांवों का चयन किया जाये, जिनके जियो रेफरेन्स मैप उपलब्ध हैं, उनका भी डिजिटल क्राप सर्वे कराया जाये।उन्होंने कहा कि डिजिटल क्राप सर्वे लेखपाल, प्राविधिक सहायक, पंचायत सहायक, प्रोग्रेसिव फार्मर्स (किसान मित्र) के द्वारा कराया जाये और उन्हें प्रोत्साहन स्वरूप राशि भी प्रदान की जाये, ताकि वह उत्साहपूर्वक इस कार्य को करें। सर्वेयर के रूप में युवा और तकनीक से भिज्ञ कर्मियों का ही चयन किया जाये। एप पर डाटा अंकित करने में कर्मियों को असुविधा न हो, इसलिये पहले मास्टर ट्रेनर की ट्रेनिंग कराकर उनके माध्यम से सर्वेयर्स व सुपरवाइजर सहित सम्बन्धित अन्य कर्मियों की ट्रेनिंग आगामी 12 जुलाई तक करा दी जाये।
उन्होंने कहा कि सर्वेयर और सुपरवाइजर के चयन की कार्यवाही आगामी 20 जून तक पूरी करा ली जाये और जनपद स्तर पर प्रोजेक्ट ऑफिसर के रूप में मुख्य विकास आधिकारी को नामित कर दिया जाये। सर्वे कार्य में आने वाली समस्याओं के समाधान के लिये हेल्प डेस्क बनायी जाये। एप पर सर्वेयर को डाटा कम से कम फीड करना पड़े, इसके लिये एप पर ड्राप डाउन मैन्यू उपलब्ध कराया जाये।
उन्होंने कहा कि सर्वे कार्य के लिए राज्य स्तर पर कृषि सचिव की अध्यक्षता में स्टेट लेवल पीएमयू का गठन किया जाये, जिसमें राजस्व, कृषि, पंचायतीराज, उद्यान विभाग, एनआईसी व आई0टी0एक्सपर्ट को शामिल किया जाये। इसके अलावा अपर मुख्य सचिव कृषि की अध्यक्षता में प्रदेश स्तरीय इम्प्लीमेंटेशन कमेटी का गठन किया जाये, जिसमें कृषि निदेशक को को सदस्य सचिव व सम्बन्धित विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों को सदस्य के रूप में शामिल किया जाये। इसी प्रकार जनपद स्तर पर जिलाधिकारी की अध्यक्षता में जनपद स्तरीय इम्प्लीमेंटेशन कमेटी, उपजिलाधिकारी की अध्यक्षता में तहसील स्तरीय इम्प्लीमेंटेशन कमेटी का गठन किया जाये। सभी कमेटियों में प्रोग्रेसिव फार्मर्स को भी सदस्य के रूप में शामिल किया जाये।
बैठक में बताया गया कि 22 जनपदों में कृषि भूखण्डों का जियो रेफरेन्सिंग का कार्य शत-प्रतिशत पूर्ण हो चुका है, इसपर मुख्य सचिव ने अवशेष भूखण्डों के जियो रेफरेन्सिंग कार्य में तेजी लाये जाने के निर्देश दिये।
उल्लेखनीय है कि भारत सरकार के साथ उत्तर प्रदेश सरकार ने डिजिटल पब्लिक इंफ्रास्ट्रक्चर इनिशिएटिव (एग्रीस्टैक) के संबंध में एमओयू हस्ताक्षर किया गया है। एग्रीस्टैक के माध्यम से लैंड रिकॉर्ड रजिस्ट्री, फार्मर रजिस्ट्री एवं क्रॉप रजिस्ट्री का डाटाबेस तैयार किया जाएगा। उत्तर प्रदेश के अलावा गुजरात, मध्य प्रदेश, ओडिशा, असम और राजस्थान ने भी एमओयू साइन किया है।
यह डाटाबेस किसानों के लिए बहुउपयोगी आयाम विकसित करेगा। इसके माध्यम से फसल बीमा क्लेम, आपदा राहत वितरण, कृषि निवेश का वितरण, कृषि उत्पाद का विक्रय जैसे महत्वपूर्ण कार्य में कृषकों को सुविधा होगी। इसके जरिए हर किसान को एक विशिष्ट डिजिटल पहचान प्राप्त होगी।
इसके माध्यम से किसानों द्वारा की जा रही खेती, उनका व्यक्तिगत विवरण, उत्पादन व उनके वित्तीय विवरणों का रिकॉर्ड संभव हो सकेगा। एग्रीस्टैक किसानों को कृषि खाद्य मूल्य शृंखला में एंड-टू-एंड सर्विसेज प्रदान करने के लिए एकीकृत मंच तैयार करेगा।
एग्रीस्टैक डाटाबेस के आधार पर किसानों को सरकारी सुविधाओं को प्राप्त करने के लिए बार-बार सत्यापन की समस्या से भी निजात मिलेगी। किसानों की जानकारी उनके आधार के साथ लिंक होगी। इससे प्रदेश के छोटे व सीमांत स्तर के किसानों को अत्यधिक लाभ मिलेगा।
डिजिटल क्राप सर्वे में सर्वे को प्रत्येक प्लाट का भौतिक सत्यापन कर जानकारी के साथ फोटोग्राफ्स एप पर उसी समय अपलोड करनी होगी। इसके साथ ही एप पर क्राप का नाम, क्राप का टाइप, क्राप की कैटेगरी, सिंचाई का विवरण, बुवाई की तारीख, क्राप की फोटो, भूखण्ड का जी0आई0एस0 कोआर्डिअनेट्स, क्राप सर्वे का तिथि और समय अंकित करना होगा। एप पर सिंगल, मल्टीपल, मिक्सड क्राप और इंटरक्राप को भी अपलोड करने की सुविधा उपलब्ध करायी गई है। यह सर्वे रियल टाइम और जियो टैगिंग पर आधारित होने के कारण सटीक परिणाम प्राप्त होंगे। इस डाटा का उपयोग किसान क्रेडिट कार्ड सहित अन्य योजनाओं में उपयोग किया जाये।
बैठक में अपर मुख्य सचिव कृषि देवेश चतुर्वेदी, सचिव कृषि राजशेखर, राहत आयुक्त प्रभु नारायण सिंह, एम0डी0 यूपीडेस्को कुमार विनीत, विशेष सचिव नियोजन आशुतोष निरंजन सहित संबंधित विभागों के वरिष्ठ अधिकारीगण आदि उपस्थित थे।