कानपुर नगर: जन सामना डेस्क। प्रख्यात जनक अभिनेता पं.वंशलाल त्रिपाठी ‘शलभ’ की याद में कानपुर के रामलीला कलाकारों ने नवाब गंज स्थित गोपालेश्वरधाम में शोक सभा का आयोजन करके उन्हें अश्रु पूरित श्रद्धांजलि अर्पित की और उनकी विशेषताओं का बखान किया। सभी उपस्थित जनों ने शलभ जी को याद करते हुए दो मिनट का मौन रखा तथा उनके चित्र पर पुष्प चढ़ाये। तदोपरांत रामलीला व्यास पं. नारायण मिश्र, पं. विनय त्रिपाठी, पं. लाल, पं. संजय बाजपेयी तथा ख्यातिलब्ध ध्रुपदाचार्य पं. विनोद द्विवेदी ने भावपूर्ण भजन सुनाकर अपने श्रद्धा सुमन अर्पित किये। इनके साथ तबले पर पं. केशव त्रिवेदी, पं. दीन दयाल तिवारी, कमल तथा नागेंद्र ने संगत की। पूर्व जनक अभिनेता पं. रमेश त्रिवेदी ने अपने सम्बोधन में शलभ जी को अभिनय में दार्शनिक भाव रखने वाला मंच का शहंशाह बताया। विश्वामित्र अभिनेता पं. प्रेम नारायण पाण्डेय ने बताया कि वंशलाल जी सीता और विश्वामित्र के पात्र के चुनाव पर बहुत अधिक ध्यान देते थे।
वाणासुर अभिनेता पं. सुख स्वरूप शुक्ल उर्फ अन्नू ने शलभ जी को सिरमौर अभिनेता बताया। इसी क्रम में परशुराम अभिनेता बबलू पंडित, पं. भैयन बाजपेयी, पं. आशीष अवस्थी तथा मंडलाधीश पं. तेज नारायण शुक्ल ने वंशलाल त्रिपाठी की विभिन्न विशेषताएँ बताते हुए उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की। पं. विनोद द्विवेदी, पं.नारायण मिश्र तथा पं. केशव त्रिवेदी ने वंशलाल जी के साथ व्यतीत किये अपने समय को याद करते हुए कई अनुभव साझा किये। मंच संचालन कर रहे लक्ष्मण अभिनेता एवं स्वतन्त्र पत्रकार डॉ. दीपकुमार शुक्ल ने कहा कि शलभ जी अभिनय की ऊंचाइयों पर पहुँचने के बाद जिस सम्मान के हकदार थे वह उन्हें नहीं मिला। उन्होंने बताया कि केन्द्र और प्रदेश दोनों ही संगीत नाटक अकादमियों में रत्न सम्मान हेतु प्रस्ताव भेजे गये परन्तु चयन समिति की रामलीला के प्रति बेरुखी के कारण शलभ जी इस सम्मान से वंचित रह गये। शोक सभा में लक्ष्मण अभिनेता मृत्युंजय त्रिपाठी, सांस्कृतिक कलाकार सभा के उपाध्यक्ष दिनेश तिवारी, गोपालेश्वर धाम के महंत एवं पूर्व रामलीला कलाकार कृपा बाबा, गिल्लन बाबा तथा शंकर बाबा सहित दर्जनों कलाकार उपस्थित रहे। अन्त में सांस्कृतिक कलाकार सभा के अध्यक्ष पं. केशव त्रिवेदी ने सभी आगंतुकों का आभार व्यक्त किया।