रायबरेलीः जन सामना संवाददाता। आधुनिकता के इस दौर में ऑनलाइन खरीददारी करने को लेकर तमाम संस्थान प्रचार प्रसार करके इसे बढ़ावा दे रहे हैं और लोगों को जरूरत के सामान आसानी से घर बैठे उपलब्ध भी हो जा रहा है। परंतु कोरियर के माध्यम से आने वाला यह सब सामान प्राप्त करने के लिए ग्राहकों को डिलीवरी स्टॉफ की मनमानी से परेशान होना पड़ता है।
इस समय देखा गया है कि संस्थानों के द्वारा जो पत्र या वस्तु कोरियर के द्वारा ग्राहकों को भेजा जाता है, उसमें कुछ डिलीवरी स्टॉफ की मनमानी से ग्राहक अक्सर परेशान हो रहे हैं। जिसके लिए संस्थाओं को अपने डिलीवरी स्टाफ की मनमानी की देखरेख करनी चाहिए।
बता दें कि डिलीवरी स्टाफ की मनमानी का एक मामला रायबरेली जिले के ऊंचाहार क्षेत्र से प्रकाश में आया है, जहां जानी मानी कोरियर कंपनी Blue Dart के डिलीवरी स्टॉफ ने कोरियर लिफाफे पर लिखे ग्राहक के पते पर कोरियर पहुंचाने से इंकार किया है और ग्राहक को परेशान करने के लिए उसे करीब तीन किलोमीटर दूर एचडीएफसी बैंक ऊंचाहार की शाखा में पहुंचकर उसे तुरंत कोरियर को प्राप्त करने के लिए बुलाया। ग्राहक ने बताया कि मुझे प्राप्त होने वाले कोरियर में एचडीएफसी बैंक द्वारा भेजा गया एटीएम और एक पत्र था। ग्राहक का कहना है कि उसने डिलीवरी स्टाफ से उक्त लिफाफे को एचडीएफसी ब्रांच में ही रख देने को कहा, तब भी डिलीवरी स्टाफ ने उसे इंकार किया और जल्द ही उसे प्राप्त न करने पर बोला कि वह कोरियर लेकर वापस चला जायेगा। इस तरह से Blue Dart कंपनी के डिलीवरी स्टॉफ की मनमानी की शिकायत ग्राहक ने कंपनी को ट्विटर और ईमेल के माध्यम से की है। जिस पर Blue Dart कंपनी ने ग्राहक को ईमेल पर जवाब देते हुए लिखा – हमें आपका मेल प्राप्त हुआ है और हमने उसकी सामग्री नोट कर ली है, हमें हुई सभी असुविधाओं के लिए ईमानदारी से खेद है। इस मामले को हमारे संज्ञान में लाने के लिए धन्यवाद। हम डिलीवरी स्टाफ से भी बात करेंगे और अपनी ओर से आगे की अनुशासनात्मक कार्रवाई शुरू करेंगे।
मामला संबंधित प्रबंधन को भेज दिया गया है और भविष्य में ऐसी पुनरावृत्ति से बचने के लिए आवश्यक सुधारात्मक कार्रवाई शुरू कर दी गई है।
अब देखना यह है कि क्या ब्लू डार्ट जैसी जानी मानी कोरियर कंपनी अपने डिलीवरी स्टॉफ की मनमानी रोंक लगा पाती है या नहीं या फिर ग्राहकों को ऐसी समस्या से जूझना पड़ेगा।