Sunday, November 24, 2024
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फसल अवशेषों का उचित प्रबन्धन को भी अधिकारी व किसान जाने: डीएम

डीएम ने उत्तर प्रदेश फसल ऋण मोचन योजना को हर कदम किसानों के साथ सरकार की लाभपरक शीर्ष प्राथमिता वाली योजना बताया
कानपुर देहात, जन सामना ब्यूरो। जिलाधिकारी राकेश कुमार सिंह ने कलेक्ट्रेट में अधिकारियों को निर्देश देते हुए कहा कि उत्तर प्रदेश फसल ऋण मोचन योजना को हर कदम किसानों के साथ सरकार की लाभपरक शीर्ष प्राथमिता वाली योजना है। जिसमें किसी भी स्तर पर ढिलाई क्षम्य नही है। फसल ऋण मोचन का उ्देश्य लघु एवं सीमान्त किसानों की मदद कर उनकी आर्थिक स्थिति में सुधार एवं कृषि कार्य में बढ़ावा देना है। उत्तर प्रदेश फसल ऋण मोचन योजना के तहत पात्र है तथा उन किसानों के आधार कार्ड डाटा से लिंक है जिनका सत्यापन हो चुका है जिलास्तरीय समिति द्वारा अनुमोदन कर दिया गया है या कार्यवाही की जा रही है। उनको कैंप के माध्यम से फसल ऋण मोचन योजना का लाभ दिलाना कृषि अधिकारी, बैकर्स, एसडीएम, बीडीओ आदि सुनिश्चित करें। इसके अलावा सूचना विभाग से जो किसान फसल ऋण मोचन येाजना के प्रमाण पत्र प्राप्त हुए है उनको कृषि अधिकारी, उप निदेशक कृषि आदि अपने अधीन लेकर तत्काल परस्पर डीएलसी के सदस्यों से सामजस्य बनाकर छपवाने का कार्य भी करें। उन्होंने कहा कि प्रदेश की लगभग 70 प्रतिशत जनसंख्या प्रत्यक्ष अथवा परोक्ष रूप् से कृषि एवं सहवर्ती क्षेत्रों पर निर्भर है। योजना हेतु पात्रता लघु एवं सीमान्त किसानों द्वारा 31 मार्च 2016 तक लिये गये फसली ऋण वर्ष 2016-17 में जमा की गयी धनराशि को घटाते हुए 31 मार्च 2017 तक बकाया धनराशि का रूपये 1 लाख की सीमा तक ऋण मोचन है। कुल 2 हें. (5एकड़) तक कृषि भूमि स्वामित्व के कृषक पात्र है। व्यवसायिक बैंक, ग्रामीण बैंक व सहकारी बैंक से दिये गये फसल ऋण का मोचन येाजना हेतु पात्रता सरकार हेतु रखा गया है। योजना के क्रियान्वयन के चरणों में प्रथम चरण में ऐसे किसानों को प्राथमिकता दी जायेगी जिन्होंने अपने फसली ऋण खातों को आधार कार्ड से जुडवा लिया है। खातों के आधार कार्ड से जुड जाने के पश्चात जिला समिति द्वारा अनुमोदन के बाद लाभार्थियों के ऋण खातें में सीधा लाभ दिया जयेगा। डीएम ने अधिकारियों को ये भी बताया कि किसानों को जानकारी दे अवशेष न जलाने से लाभ फलस्वरूप मृदा में कार्बनिक पदार्थ की बढ़ोत्तरी से मृदा जीवाणुओं की क्रियाशीलता बढ़ती है जिससे उत्पादन बढ़ता है, वातारण की विपरीत परिस्थितियों से बचाने में सहायक है, दलहनी फसलों के फसल अवशेष भूमि में नत्रजन एवं अन्य पोषक तत्वों की मात्रा को बढ़ाने में सहायक है। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय हरित प्राधिकरण के अनुसार फसल अवशेष प्रबन्धन हेतु सब मिशन आॅन एग्रीकल्चर मैकेनाईजेशन योजना के अन्तर्गत ग्राम स्तर पर फार्म मशीनरी बैंक की स्थापना कराई गयी है। कृषकों द्वारा कम्बाईण्ड हार्वेस्टर से फसल कटाई कराने के उपरांत अवशेषों को खेतों में जलाने का प्रयास किया जाता है जिससे प्रदूषण की समस्या उत्पन्न होती हैं किसान फसल अवशेषों का उचित प्रबन्धन तकनीकों को जाने कृषि अवशेषों को जलाने से रोकने एवं उसके समुचित प्रबन्ध के संबंध में जो आदेश मा0 शासन, एनजीटी कृषि विभाग द्वारा निर्गत किये गये है उनकों भली भांति अनुपालन कराया जाये। जिलाधिकारी राकेश कुमार सिंह ने अधिकारियों से कहा राष्ट्रीय हरित न्यायाधिकरण के आदेशों के क्रम में कृषि अपशिष्ट जलाने वाले दोषी व्यक्ति के विरूद्ध पर्यावरणीय क्षतिपूर्ति हेतु अर्थदंड वसूलने के निर्देश भी दिये है। जिसमें कृषि भूमि का क्षेत्रफल दो एकड से कम होने की दशा में अर्थदण्ड 2500 रूपया प्रति घटना तथा दो एकड़ से अधिक किन्तु पांच एकड़ से अधिक होने से अर्थदण्ड 5000 रूपया, 5 एकड से अधिक होने की दशा में अर्थदण्ड 15000 रूपया प्रतिघटना किया गया है। इसके अलावा कम्बाइन हार्वेस्टिंग मशीन का रीपर के बिना प्रयोग प्रतिबंधित कर दिया गया है। उन्होंने उपनिदेशक कृषि तथा जिला कृषि अधिकारी आदि को निर्देश दिये कि वे किसानों को राष्ट्रीय हरित प्राधिकरण तथा प्रदेश सरकार के निर्देशों के बारे में जानकारी दे इसके लिए वे पम्पलेट पोस्टर आदि भी छपवाकर किसानों को जागरूक कर सकते है। उन्होंने कहा कि पम्पलेट छपाने से पूर्व ये देख ले कि उसकी भाषा किलिष्ट न हो भाषा ऐसी हो जिसको आम किसान भी पढ़कर समझ ले। उन्होंने कहा कि किसानों को बताया जाये फसल अवशेष न जलाने से लाभ तथा फसल अवशेष जलाने से क्या हानि है। किसानों को फसल अवशेष उपयोग करने की तरीको की जानकारी भी दी जाये। उन्होंने कहा कि जनपद में कृषि अवष्टि को जलाये जाने से प्रतिबन्धित किये जाने पर कार्यवाही सुनिश्चित कराने हेतु जिला स्तर पर उप कृषि निदेशक जनपद को नोडल अधिकारी नामित किया गया है जो समय समय पर बैठककराकर समीक्षा के उपरांत संकलित कर मंडल स्तर पर संयुक्त कृषि निदेशकों को उपलब्ध करायेंगे साथ ही कृषि अपशिष्ट को खेतों में जलाये जाने हेतु रोकने हेतु सभी एसडीएम तहसीलदार, वीडीओ तथा कृषि विभाग के अधिकारियों से सम्पर्क कर प्रभावी कार्यवाही करायेंगे तथा इसका अपने कृषि विभाग के अधिकारियों से प्रचार प्रसार भी कराकर फसलों के अवशेषों को जलाने से रोकने की कार्यवाही कराना सुनिश्चित करेंगे। राष्ट्रीय हरित न्यायाधिकरण के कृषि अपशिष्टों को जलाने को प्रतिबंधित किये जाने वाले दिशा निर्देशों का कड़ाई से अनुपालन कराया जायेगा। उन्होंने अधिकारियों से बताया कि फसलों के लगने वाले मित्र कीट, हडडा बीटल, ड्रेगन फ्लाई, बाटरबग, मकडी, अप्रैन्टिलिस, प्रैगमैन्टिड, ट्राइकोग्रामा आदि को कृषि अपशिष्ट पदार्थ जलाने से नुकसान होता है।