मथुरा (श्याम बिहारी भार्गव )। वात्सल्य ग्राम में चल रहे तीन दिवसीय षष्ठीपूर्ति महोत्सव के समापन अवसर पर आयोजित हुए कार्यक्रम में समापन अवसर पर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, केन्द्रीय मंत्री साध्वी निरंजन ज्योति, संत विजय कौशल जी महाराज, गीता मनीषी स्वामी ज्ञानानंद जी महाराज, योग ऋषि बाबा रामदेव, आचार्य बालकृष्ण, विहिप के अध्यक्ष आलोक कुमार, दिनेश जी, गुरु शरणानंद महाराज आदि मौजूद रह। रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने मंच से कहा कि ऐसे कार्यक्रम में जहां बडी संख्या में संत मौजूद हों भक्ति भाव प्रबल होने लगते हैं। कैलेंडर के हिसाब से वर्ष का पहला दिन है। यह सौभाग्य का विषय है। दीदी मां का राम मंदिर निर्माण में कितना बडा योगदान है, इसे सब जानते हैं। उन्होंने कई घटनाओं का जिक्र किया और बताया कि कब पहली बार दीदी मां को सुना। उन्होंने कहा कि राम मंदिर आंदोलन को धार देने का काम दीदी मां ने किया। आज की भागदौड भरी जिंदगी में जब लोगों के पास समय नहीं है, दीदी ने समाज को ही अपना परिवार मान लिया है।
उन्होंने कहाकि एक समय तथा जब पूज्य गुरूजी ने उन्हें दायित्व सौंपा था राम जन्मभूमि का अब सामाजिक समरसता पैदा करने का दायित्व सौंपा है। हमारे मनीषियों ने पूरी धरा पर रहने वाले सारे लोगों को अपने परिवार का सदस्य मानते हुए वसुदेव कुटुंबकम का संदेश दिया है। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश सरकार को स्वयं एक संत के द्वारा चलाया जा रहा है, जिस से जनता के मन में सुरक्षा, समृद्धि और गौरव का भाव पैदा हुआ है। संतो के मन में भी भाव आया है कि प्रदेश के आध्यात्मिक और औद्योगिक विकास को कोई रोक नहीं सकता है। यहां एक अद्वितीय वातावरण दिखाई दे रहा है। जब भी भगवान कृष्ण का जिक्र आता है सभी का हृदय भक्ति भाव से भर जाता है। वृंदावन में अनेक विदेशी आते हैं और भक्ति में ऐसे रंग जाते हैं कि यहां सारा जीवन गुजारने का फैसला कर लेते हैं। ऐसे हजारों लोग आपको यहां मिल जाएंगे। उन्हें यहां ऐसी शान्ति की अनुभूति होती है जो दुनिया में कहीं नहीं है। महोत्सव में साध्वी ऋतंभरा जी ने सभी का आभार व्यक्त करते हुए बताया कि माता पिता ने उनका नाम निशा रखा था पर सद्गुरू परमानंद जी ने उनको दीक्षा प्रदान कर नाम ऋतंभरा कर दिया। संत परमानंद महाराज ने कहा कि मुख्यमंत्री योगी उ.प्र में अन्याय नहीं कर रहे वह अन्यायियों को निपटा रहे है। देश का अभिशाप छुआछूत, ऊंच नीच। समाज में समरसता आवश्यक है। उससे हमारा देश पुनः सोने की चिड़िया बन जायेगा। महोत्सव को जगद गुरू राम भद्राचार्य, विजय कौशल महाराज, संत गुरू शरणानंद, गीता मनीषी श्रद्धानंद, गुरू मां आनंद मूर्ति, केंद्रीय मंत्री साध्वी निरंजन ज्योति आदि ने संबोधित किया। संचालन योग गुरू बाबा रामदेव कर रहे थे। साधु-संतों के अलावा मंच पर केबिनेट मंत्री चौ. लक्ष्मी नारायण, संघ प्रचारक दिनेश जी, विहिप अध्यक्ष आलोक कुमार, पूर्व मंत्री रविकांत गर्ग भी मौजूद रहे।
समाज को अपनी रूढ़िगत मानसिकता से उबरना पडेगाः मुख्यमंत्री
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने राधे राधे, बांके बिहारी लाल की जय से अपना संबोधन प्रारम्भ किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि इस वात्सल्य धाम में भारत की आधी आबादी के सशक्तिकरण के लिए क्या अभियान चलना चाहिए इसका मूर्ति रूप देखने का हम सब को सौभाग्य प्राप्त हो रहा है। देश की आधी आबादी एक लम्बे समय तक गुलामी काल खंड की कुप्रथाओं की शिकार रही है। आज नए कार्यक्रम का शुभारम्भ भी आज हुआ है। बालिकाओं के सैनिक स्कूल का शुभारम्भ हो रहा है। समाज को अगर समर्थ होना है तो नारी शक्ति की सुरक्षा, सम्मान, स्वलंबन के बिना यह कार्य संभव नहीं हो सकता है। समाज को अपनी रूढ़िगत मानसिकता से उबरना पडेगा। विकसित भारत के लिए हम सब को एकजुट होकर कार्य करना होगा। इसके लिए प्रधानमंत्री ने पंचप्रण दिया। विरासत का सम्मान करना और समरसता के लिए काम करना और नागरिक कर्तव्य के मंत्र इसमें शामिल हैं। हम पंचप्रण पर चलेंगे तो देश को दुनियां की सबसे बडी ताकत बनने से कोई रोक नहीं सकता है। 22 जनवरी के पश्चात आप जब अयोध्या जायेंगे तब आपको त्रेता युग की याद आयेगी। अयोध्या सडक, वायु रेल मार्ग से जुडने के बाद जल्द ही जल मार्ग से जुडने जा रहा है। 140 करोड़ भारतीय आज इस ताकत को रखते है कि वह पूरी दुनिया को अपनी शक्ति दिखा सकें।