बाहरी चला रहे विभाग, कमिश्नर काट रहे मौज
जीएसटी हेल्प के नाम पर व्यापारियों को कटाए जा रहे चक्कर
हेल्प डेस्क कक्ष के नाम पर कवाड़खाना, फतेहगढ़ दफ्तर के बुरे हालात
फर्रूखाबाद/लखनऊ, जन सामना संवाददाता। ‘एक राष्ट्र, एक कर’ को लेकर आम जनता और व्यापारियों को सहूलियतें देने के पीएम मोदी के सपनों पर वाणिज्यकर विभाग (अब राज्यकर विभाग) बट्टा लगा रहा है। विभाग के अधिकारी ही अपनी मौज में जीएसटी मिशन को भूल बैठे हैं। तभी तो कबाड़ जैसा बना जीएसटी हेल्प डेस्क कक्ष पान की पीक से लाल दीवारें टूटी कुर्सी और कमरों में पसरी गंदगी यह बयां कर रही है कि विभाग के उच्चाधिकारी कितने संजीदा हैं! हमारे प्रतिनिधि ने फर्रूखाबाद जिले के वाणिज्यकर विभाग के हालात का जायजा लिया तो चैकाने वाली स्थिति सामने आई। जीएसटी हेल्प डेस्क कक्ष में सभी काउंटर खाली दिखे। कमरे में पसरी गंदगी से ठहरना मुश्किल था। कम्प्यूटरों पर जमीं धूल और लटकते तारों से साफ दिखा कि डिजिटल इंडिया का सपना साकार करने में विभाग कितना मददगार हो रहा है। नाम न छापने की शर्त पर विभाग के कर्मचारी ने बताया कि अस्टिेंट कमिश्नर हरीशंकर सिंह के पास प्रशासनिक जिम्मेदारी है जैसा वह कराते हैं वैसा ही होता है। कर्मचारी ने तपाक से कहा कि जीएसटी हेल्प डेस्क की सुव्यवस्थित करने व व्यापारियों की जागरूकता के लिए शासन से पैसा भी आता है। लेकिन जीएसटी के लिए कोई व्यवस्था नहीं की गई। ऐसे में विभाग सिर्फ चल हीं रहा है प्रगति के नाम पर कुछ नहीं दिखता।
बाहरी चला रहे विभाग
राजस्व कलेक्शन जैसे प्रमुख विभाग में कैसे बाहरी लोग अपनी धाक जमा कर अपनी जेबें भरने में लगे हैं और कमिश्नर स्तर के अधिकारी मौज काटने में लगे हैं। यह वाणिज्यकर कार्यालय फतेहगढ़ में देखा जा सकता है। नाम उजागर न करने की शर्त पर कर्मचारी ने बताया कि विभाग में बाहरी लोग हावी हैं। अशीष सक्सेना उर्फ सनी नाम का व्यक्ति विभाग में कार्यरत है जबकि सनी विभागीय सरकारी कर्मचारी नहीं है। यह असिस्टेंट कमिश्नर हरीशंकर सिंह के प्रतिनिधि के तौर पर काम करता है। यहीं रवि तिवारी नाम का भी गैर सरकारी व्यक्ति कर्यरत है जो डिप्टी कमिश्नर विवेक सिंह के प्रतिनिधि के तौर पर काम करता है। दोनों की ही विभाग के कामकाज में दखल रहती है। बताया कि सनी विभाग के ही वरिष्ठ सहायक राजेश सक्सेना का भतीजा है इसी के साथ उच्चाधिकारियों का संरक्षण होने की वजह से कोई कुछ नहीं बोलता।