Sunday, November 24, 2024
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मेडीकल कॉलेज बनने के बाद जिला अस्पताल की हुई दुर्दशा

फिरोजाबाद: संवाददाता। जिला अस्पताल जबसे मेडीकल कॉलेज में परिवर्तन हो गया है। जबसे वार्ड बॉय की अपनी जिम्मेदारी निर्भा सही ढ़ग से नहीं कर रहे है। मरीजों को तीमारदार ही स्ट्रेंचर पर लेकर जाते है। जबकि वार्ड बॉय या अन्य स्टाफ सीरियस मरीजों को वार्ड में स्ट्रेंचर पर ले जाकर भर्ती करते है। लेकिन मेडीकल कॉलेज के ट्रामा सेंटर में मरीजों को उनके तीमारदार ही स्टेंचर पर लेकर जाना पड़ रहा है।
बतातें चलें कि मेडीकल कॉलेज बनने के बाद वार्ड बॉय एवं स्टाफ द्वारा अपनी जिम्मेदारी का सहीं ढ़ग से निर्भा नहीं किया जा रहा है। ट्रामा सेंटर में आने वाले मरीजों को तीमारदार द्वारा ही स्ट्रेंचर पर लेकर जाना पड़ रहा है। ऐसा ही एक मामला गुरूवार को दोपहर दो बजे का है। थाना उत्तर के जैन नगर निवासी विपिन सक्सैना पुत्र राजेन्द्र सक्सैना को घायल अवस्था में उसके परिजन सुबह अस्पताल लेकर आएं थे। दोपहर तक उसकी सुनवाई नहीं हुई, तो अन्य अस्पताल के लिए मरीज को उसके परिजन स्वयं स्ट्रेंचर पर रखकर अस्पताल के गेट नं. 2 की खिडकी से निकले। वहॉ से ऑटो में मरीजो लेकर अन्य अस्पताल के लिए गए। घायल के परिजन प्रदीप सक्सैना ने बताया कि मेडीकल कॉलेज के अस्पताल में अनदेखी के सिवा कुछ नहीं है। सुबह से पैर टूटे मरीज को स्वयं स्ट्रेंचर से इधर से उधर ले जा रहे है। लेकिन कोई मरीज को देखने वाला नहीं है। हार थक कर प्राइवेट अस्पताल में ले जाना पड़ रहा है। इस संबंध में मेडीकल कॉलेज के प्राचार्य डॉ बलबीर सिंह के मोबाइल पर छह बजकर एक मिनट कॉल की, तो उन्होंने एक घंटे के बाद बात करने की कहकर टाल दिया।