Sunday, November 24, 2024
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जर्मनी के बाद अब अमेरिका ने भारत पर साधा निशाना

राजीव रंजन नाग: नई दिल्ली। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी पर जर्मनी के बाद अमेरिका की ताजा टिप्पणी ने केंद्र की भगवा भारतीय जनता पार्टी की सरकार किरकिरी बढ़ा दी है। भारत के आंतरिक मामलों में बाइडन प्रशासन दखलअंदाजी की ताजा मामले ने देश के विदेश मंत्रालय को बचाव में उतरना पड़ा है।
हाल ही में सीएए पर टिप्पणी करने के बाद अब अमेरिका की तरफ से अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी पर भी बयान सामने आया है। अमेरिकी विदेश मंत्रालय के प्रवक्‍ता ने कहा है कि केजरीवाल की गिरफ्तारी पर हम अपनी पैनी नजर गड़ाए हुए हैं। अमेरिका ने कहा है कि हम निष्‍पक्ष, समयबद्ध और पारदर्शी कानूनी प्रक्रिया के लिए वहां की सरकार को प्रोत्‍साहित करते हैं।
रॉयटर्स के साथ हुई खास बातचीत के दौरान अमेरिकी विदेश मंत्रालय के प्रवक्‍ता ने कहा कि हम सीएम अरविंद केजरीवाल के लिए निष्‍पक्ष, पारदर्शी और समयबद्ध कानूनी प्रक्रिया के लिए भारत की सरकार को प्रोत्‍साहित करते हैं। इस मुद्दे से पहले सीएए को लेकर भी वाशिंगटन की तरफ से बयान आया था जिसमें वहां के प्रवक्ता ने उस दौरान कहा था कि सीएए पर हमारी करीबी नजर है। भारत में जल्द ही लोकसभा का चुनाव होने वाला है। लिहाजा उससे पहले अमेरिका की तरफ से हर मुद्दों पर लगाया जाना वाला अड़ंगा देश के लिए ठीक नहीं माना जा रहा है।
अमेरिका से पहले जर्मनी की तरफ से भी दिल्ली के सीएम की गिरफ्तारी पर बयान सामने आ चुका है। हालांकि, भारत की तरफ से इसका तत्काल जवाब दिया गया था। उस दौरान भारत ने जर्मनी दूतावास के उप प्रमुख को तलब करते हुए जमकर खरी खोटी सुनाई थी।
दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल को ईडी की ओर से शराब नीति घोटाला मामले में 21 मार्च को उनके आवास से गिरफ्तार किया गया। वे 28 मार्च तक ईडी की हिरासत में रहेंगे। उन्होंने कहा कि इस बीच वह जेल से ही सरकार चलाएंगे।
न्यूज एजेंसी रॉयटर्स के साथ हुई खास बातचीत के दौरान अमेरिकी विदेश मंत्रालय के प्रवक्‍ता ने कहा कि हम सीएम अरविंद केजरीवाल के लिए निष्‍पक्ष, पारदर्शी और समयबद्ध कानूनी प्रक्रिया के लिए भारत की सरकार को प्रोत्‍साहित करते हैं।
अमेरिका की यह प्रतिक्रिया जर्मनी के विदेश कार्यालय द्वारा इस बात पर जोर देने के कुछ दिनों बाद आई है कि आम आदमी पार्टी के नेता, आरोपों का सामना कर रहे किसी भी अन्य भारतीय नागरिक की तरह, निष्पक्ष सुनवाई के हकदार हैं। जर्मन सरकार के एक प्रवक्ता ने शुक्रवार को कहा था कि, ‘हम मानते हैं और उम्मीद करते हैं कि न्यायपालिका की स्वतंत्रता और बुनियादी लोकतांत्रिक सिद्धांतों से संबंधित मानकों को भी इस मामले में लागू किया जाएगा।’
भारत सरकार ने जर्मन दूतावास के मिशन के उप प्रमुख, जॉर्ज एनज़वीलर को शुक्रवार विदेश मंत्रालय ने आधिकारिक विरोध दर्ज कराने के लिए बुलाया था। श्री एन्ज़वीलर को उस सुबह राष्ट्रीय राजधानी के साउथ ब्लॉक में विदेश मंत्रालय कार्यालय से बाहर निकलते देखा गया।
विदेश मंत्रालय ने बैठक के बाद एक बयान में कहा, ‘हम ऐसी टिप्पणियों को हमारी न्यायिक प्रक्रिया में हस्तक्षेप और हमारी न्यायपालिका की स्वतंत्रता को कमजोर करने के रूप में देखते हैं।’ भारत कानून के शासन वाला एक जीवंत और मजबूत लोकतंत्र है। जैसा कि देश में और लोकतांत्रिक दुनिया में अन्य जगहों पर सभी कानूनी मामलों में होता है, कानून तत्काल मामले में अपना काम करेगा। इस संबंध में की गई पक्षपातपूर्ण धारणाएं अत्यंत अनुचित हैं।’
भारत ने जर्मन की टिप्पणी को ‘आंतरिक मामलों में ज़बरदस्त हस्तक्षेप’ करार दिया था। विदेश मंत्रालय ने कहा, ‘हम ऐसी टिप्पणियों को हमारी न्यायिक प्रक्रिया में हस्तक्षेप और हमारी न्यायपालिका की स्वतंत्रता को कम करने के रूप में देखते हैं।’ पक्षपातपूर्ण धारणाएं सबसे अनुचित हैं। श्री केजरीवाल को कथित शराब नीति घोटाले के सिलसिले में गिरफ्तार किया गया है जिसने 2024 के लोकसभा चुनाव से एक महीने से भी कम समय पहले आप और राष्ट्रीय राजनीतिक को कटघरे में खड़ा कर दिया है।
मुख्यमंत्री की गिरफ्तारी ने दिल्ली में उग्र विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया है, जिसमें आप ने एजेंसी की कार्रवाई की निंदा करते हुए विपक्षी दलों, जिनमें भारत ब्लॉक के सहयोगी कांग्रेस, बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की तृणमूल और तमिलनाडु की सत्तारूढ़ द्रविड़ मुनेत्र कड़गम शामिल हैं, शामिल हो गए हैं। दिल्ली में मंगलवार को कई आप कार्यकर्ताओं को पुलिस ने हिरासत में ले लिया क्योंकि उन्होंने प्रधानमंत्री आवास पर मार्च करने का प्रयास किया था। इस बीच, भाजपा ने श्री केजरीवाल पर पद छोड़ने के लिए दबाव बनाने के लिए अपना एक बड़ा मार्च निकाल कर केजरीवाल के इस्तीफे की मांग की है।