बड़ौत। आचार्य श्री पुष्पदंत सागर महाराज के सुशिष्य आचार्य श्री सौरभ सागर महाराज के पावन सानिध्य मे श्री अजितनाथ दिगंबर जैन मन्दिर मंडी बड़ौत मे श्री सम्मेद शिखर विधान का आयोजन किया गया। सोधर्म इंद्र राजेश जैन के नेतृत्व मे 100 से अधिक इंद्र इंद्राणियो ने विधान मे पूजन की।शांति धारा का सौभाग्य सोधर्म इंद्र राजेश जैन को प्राप्त हुआ। विधानाचार्य संदीप जैन इंदौर के निर्देशन मे सभी जैन श्रधालुओ ने अष्ट द्रव्यों से पारसनाथ भगवान की पूजन की। इस अवसर पर वरदान जैन और शुभम जैन ने सुंदर भजन प्रस्तुत किये। इसके बाद जैन श्रधालुओ ने भक्ति भाव से सम्मेद शिखर विधान की पूजन की और मांडले पर 108 अर्घ समर्पित किये। वात्सल्य भोज महेंद्र कुमार मनोज जैन की ओर से किया गया। विधान के मध्य मंगल प्रवचन देते हुए आचार्य श्री सौरभ सागर जी महाराज ने कहा कि दिन रात मेरे स्वामी, मैं भावना ये भाऊ, देहांत के समय मे तुमको ना भूल पाऊ। मनुष्यों को सदैव जिनेंद्र भगवान का स्मरण रखना चाहिए। आज व्यक्ति पर सांसारिक सुख सुविधाओ के लिए तो समय है, लेकिन धर्म के लिए नही। व्यक्ति धर्म को ना अपनाकर व्यर्थ के क्रिया कलापो के पीछे भाग रहा है। बंधुओ धर्म के मार्ग पर आगे बढा। जिनेंद्र भगवान की भक्ति करते हुए देव शास्त्र गुरु मे अपनी आस्था रखो, तभी तुम्हारा मानव जीवन सार्थक है। विधान मे सुभाष् जैन, अशोक जैन, वरदान जैन, सुधीर जैन, अंकुर जैन, बाल्किशन जैन, इंद्राणी जैन, शालू जैन आदि उपस्थित थे।