रायबरेली। भारत सरकार के निर्देशानुसार रायबरेली के जीआईसी ग्राउंड में आज हवाई हमले की संभावित स्थिति से निपटने के उद्देश्य से एक व्यापक मॉक ड्रिल का आयोजन किया गया। इस अभ्यास की निगरानी जिलाधिकारी हर्षिता माथुर एवं पुलिस अधीक्षक डॉ. यशवीर सिंह ने की। ड्रिल का मुख्य उद्देश्य नागरिकों और प्रशासन को आपातकालीन परिस्थितियों—विशेष रूप से युद्ध जैसे हालात—में त्वरित और प्रभावी प्रतिक्रिया हेतु मानसिक रूप से तैयार करना था। इस दौरान सुरक्षा एजेंसियों, अग्निशमन विभाग, पुलिस बल और आपदा मित्रों ने समन्वित रूप से भाग लिया। स्कूल के विद्यार्थियों और आमजन को व्यवहारिक उपायों के माध्यम से जागरूक किया गया कि हवाई हमले की स्थिति में क्या करें और क्या न करें। जिलाधिकारी ने बताया, “इस तरह की मॉक ड्रिल्स न केवल हमारी सुरक्षा सुनिश्चित करने में मदद करती हैं, बल्कि समाज को मानसिक रूप से सजग और प्रशिक्षित बनाती हैं।” उन्होंने आगे कहा कि ऐसे अभ्यासों में आम नागरिकों की भागीदारी आवश्यक है क्योंकि सुरक्षा केवल प्रशासनिक नहीं, सामूहिक जिम्मेदारी भी है। ड्रिल के अंतर्गत नागरिकों को एक विस्तृत ‘सावधानी एवं सुरक्षा चेकलिस्ट’ भी वितरित की गई जिसमें अलर्ट पहचानना, सुरक्षित शरण स्थलों की जानकारी रखना, आवश्यक सामग्री तैयार रखना, ब्लैकआउट का पालन करना, हमले के बाद की सावधानियाँ और सोशल मीडिया पर संयम जैसे विषयों को विस्तार से बताया गया। इस आयोजन में अपर जिलाधिकारी (प्रशासन) सिद्धार्थ, अपर जिलाधिकारी (वित्त/राजस्व) अमृता सिंह, अपर पुलिस अधीक्षक संजीव कुमार सिन्हा, सिटी मजिस्ट्रेट राम अवतार, ज्वाइंट मजिस्ट्रेट प्रफुल्ल कुमार शर्मा, मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. नवीन चंद्रा सहित विभिन्न विभागों के अधिकारी, सामाजिक संगठनों के प्रतिनिधि, छात्र-छात्राएं और स्थानीय नागरिक बड़ी संख्या में उपस्थित रहे। “सोशल मीडिया पर संयम और समझदारी, हमारी नागरिक जिम्मेदारी है”—इस संदेश के साथ आयोजन का समापन हुआ, जिसमें शांति, सतर्कता और जागरूकता को प्राथमिकता देने की अपील की गई।