लालगंज रायबरेलीः जन सामना ब्यूरो। सरकार द्वारा ठोस नीति न बनाये जाने से आवारा जानवरो की समस्या विकराल रूप धारण करती जा रही है। किसानो को आवारा जानवरो से निजात दिलाने के लिये सरकार कोई ठोस कदम नही उठा रही जिससे किसानो में भारी आक्रोश फैल रहा है। आने वाले लोकसभा चुनावो में भाजपा सरकार को इसका भारी नुकसान उठाना पड़ सकता है।
उल्लेखनीय है कि प्रत्येक गांव में इन दिनो दर्जनो की संख्या में आवारा पशु खुलेआम घूम रहे है। ये जानवर किसानो की खून पसीने से तैयार फसल को चट कर उन्हे भुखमरी की कगार पर खड़ा कर रहे है। जानवरो से तंग किसान घरो के बजाय भयंकर ठंड में भी खेतो की रखवाली कर रहे है तथा मन ही मन भाजपा सरकार की नीतियों को जमकर कोस रहे है। किसानो का कहना है कि केंद्र की नरेंद्र मोदी व प्रदेश की योगी सरकार ने आवारा जानवरो की खरीद फरोख्त में प्रतिबंध तो लगा दिया है किंतु प्रत्येक गांवसभा में गौशाला बनवाने की घोषणा अभी तक चरितार्थ नही हो सकी है। वर्तमान में गेंहू, अरहर, सरसो, चना, मटर, जौ समेंत सब्जियों की फसल खेतो में तैयार है जिसे आवारा पशु बर्बाद करने में लगे है। यदि यही हाल रहा तो किसान जल्द ही भुखमरी की कगार पर पहुंच जायेगें जबकि सरकार किसानो की आय दुगुनी करने का दावा कर रही है। किसान नेता योगेंद्र सिंह का कहना है कि एक बीघे गेंहू की फसल बोने में लगभग तीन से चार हजार का खर्च आता है। खेतो में गेंहू की बुआई पूरी हो चुकी है ऐसे में जानवरो द्वारा खडी फसल को चट जाने से किसान दुबारा बोने में अपने को असमर्थ पा रहा है। ऐसी परिस्थितियों मे वह सोते जागते मोदी व योगी की नीतियों को कोस रहा है तथा भविष्य में सबक सिखाने के प्रति संकल्पवान है। श्री सिंह ने कहा कि भाजपा सरकार की यह नीति किसानो के लिये घातक साबित हो रही है और 2019 के चुनाव में प्रदेश के प्रत्येक गांव का किसान इस समस्या को लेकर लडाई लडने के लिये कमर कस रहा है। किसानो ने इस संबध में प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से इस संबध में निदान के शीघ्र उपाय करने की मांग की है। उन्होने कहा कि यदि शीघ्र ही इस पर प्रदेश सरकार ने कोई ठोस नीति न बनाई तो किसान मजबूर होकर भारी आंदोलन के लिये बाध्य होगा।