कानपुर,स्वप्निल तिवारी। स्वच्छ भारत अभियान के तहत घर-घर शौचालय योजना में बनवाये गये शौचालय को नगर निगम ही द्वारा गिरवा दिया गया। पीड़ित परिवार ने बताया कि शौचालय को गलत बताकर तोड़ दिया गया, जबकि इस योजना में अधिकारियों के निरीक्षण के बाद ही यह शौचालय बनाया गया था, जिसका 12 हजार रू0 भी उनके खाते में आ चुका है। पीड़ितों ने अपने पड़ोस में रहने वाले नगर निगम बाबू पर आरोप लगाया कि उन्होेने ही आपसी विवाद के कारण उनका नगर निगम के लोगों से सांठ-गांठ कर उनका शौचालय गिरवा दिया क्यों कि विवाद के दौरान उन्होने कहा था कि 10 दिन में तुम्हारा शौचालय गिरवा दूंगा।
कर्रही निवासी प्रकाश राजूपत ने बताया कि स्वच्छ भारत अभियान के चलते सरकारी योजना के अंतर्गत शौचालय का निर्माण करवाया था। इस निर्माण से पूर्व अधिकारियों ने निरीक्षण किया तथा सरकारी अनुदान के रूप में 12 हजार रू0 भी उनके खाते में आ गया। बताया कि उनके पडोस में नगर निगम में बाबू पद पर काम करने वाले अरूण त्रिवेदी रहते हैं जिनसे कुछ दिन पूर्व उनका विवाद हो गया था और उन्होंने दस दिनों में शौचालय तुड़वाने की धमकी दी थी। गुरूवार को जोन 5 के अधिकारी मौके पर आये और बिना कुछ बताये शौचालय तोड दिया। पीड़ित ने बताया कि अधिकारियों ने उनकी कोई बात नही सुनी, जबकि योजना के अंतर्गत यह शौचालय बनाया गया था। पीड़ित ने कहा कि इसकी शिकायत नगर आयुक्त व जिलाधिकारी से करेगा और यदि कार्यवाही नहीं की जाती तो वह मुख्यमंत्री के समक्ष प्रस्तुत होकर अपनी शिकायत करेगा।