डीएम ने दिलायी शपथ- हम कुष्ठ प्रभावित व्यक्ति से कोई भेदभाव नही करेंगे न ही किसी दूसरे व्यक्ति को कुष्ठ रोग से प्रभावित व्यक्ति के साथ भेद भाव करने देंगें
स्पर्श कुष्ठ जागरूकता अभियान एवं पखवाड़ा मनाये जाने में कोई भी कसर न रखें बाकी: राकेश कुमार सिंह
कानपुर देहात, जन सामना ब्यूरो। कलेक्ट्रेट सभाकक्ष में आयोजित बैठक में जिलाधिकारी राकेश कुमार सिंह ने 30 जनवरी से 13 फरवरी तक आयोजित होने वाले स्पर्श, कुष्ठ जागरूकता अभियान एवं पखवाड़ा को सफल बनाने की कोई भी कसर न रहे अभियान पूरी तरह से सफल हो। इसके लिए बेहतर माइक्रोप्लान तैयार कर कार्यवाही करें। 30 जनवरी को राष्ट्रीय कुष्ठ निवारण कार्यक्रम/जागरूकता अभियान को सफल बनाने की जिलाधिकारी ने सीएमओ सहित समस्त अधिकारियों को शपथ भी दिलायी। कि जिले को कुष्ठ मुक्त बनाने के लिए कोई कसर नही छोड़ेंगे कुष्ठ रोगियों को जितनी जल्दी हो सके खोजने के लिए हर सम्भव प्रयास करेंगे। जिले में उपलब्ध सभी संसाधनों का उपयोग करेंगे। घोषणा करते है कि हम कुष्ठ प्रभावित व्यक्ति से कोई भेदभाव नही करेंगे न ही किसी दूसरे व्यक्ति को कुष्ठ रोग से प्रभावित व्यक्ति के साथ भेद भाव करने देंगे। व्यक्तिगत और सामूहिक रूप से कुष्ठ रोग से प्रभावित व्यक्तियों से जुडे कलंक और भेदभाव को समाप्त करने के लिए पूर्ण रूप् से प्रयास कर उनको समाज की मुख्य धारा में लाने के लिए अपना भरपूर योगदान देंगे। जिलाधिकारी ने कहा कि शपथ को सभी ग्रामों में उचित माध्यम के द्वारा ग्राम प्रधानों में पहुंचायी जाये तथा जनसामान्य को एकत्र कर शपथ दिलाये। ग्राम पंचायत या प्रधान शुभंकर सपना 14 वर्ष तक की लडकी को तैयार कर स्पर्श कुष्ठ रोग जागरूकता अभियान के संदेश को जन-जन तक पहुंचवायें। इसके लिए सरकार द्वारा अभियान की सफलता के लिए कार्यो की समय सारणी तय की गयी है उसी के अनुसार कार्य किये जाये।
जिलाधिकारी राकेश कुमार सिंह ने कहा कि जन सामान्य को समाज में कुष्ठ प्रभावित व्यक्तियों के संबंध में व्यापक कलंक भ्रान्तियां एवं भेद भाव को समाप्त किया जा सके। समाज में यह संदेश पहुंचा जाये कि कुष्ठ रोगी की शीघ्र खोज एवं उपचार से रोगी रोग मुक्त हो जाता है एवं उसे विकलांगता से भी बचाया जा सकता है। कुष्ठ रोग एक साधारण रोग है यह लेप्राबेसिलाई नामक जीवाणु द्वारा होता है यह छुआछूत का रोग नही है। इसी जांच व इलाज सभी सरकारी अस्पतालों में मुफ्त में हैं। जिलाधिकारी ने जनपदवासियों से अपील की है कि सब लोग मिलकर जनपद से कुष्ठ रोग समाप्त करने में योगदान दे। यदि कुष्ठ रोग की पहचान व जांच शुरूआत में करा ली जाती है तो और पूरा उपचार लिया जाये तो कुष्ठ रोग पूरी तरह से ठीक हो जाता है और इससे होने वाली विकलांगता से बचा जा सकता है। इसके उपचार के अवधि 6 माह अथवा 12 माह की हो सकती है। यदि किसी भी व्यक्ति या आस पड़ोस के व्यक्ति में दाग धब्बे या लक्षण दिखायी पड़े तो अपने ग्राम के आशा, आगनबाड़ी, स्वाथ्यकर्ता, जिला स्वास्थ्य समिति, सीएमओ, डिप्टी सीएमओ आदि से सम्पर्क कर अपनी जांच निःशुल्क करा सकता हैं उन्होंने कहा कि कुष्ठ रोग की पहचान बहुत आसान है त्वचा पर एक व अधिक लाल फीके रंग का दाग या धब्बा हो सकता है जिसमें सुन्न पन व सूखा पन हो पसीना न आता हो, खुजली, जलन, चुभन न होती हो कुष्ठ रोग हो सकता है। शरीर पर चेहरे पर भौं के ऊपर, कानों के ऊपर सूजन अथवा गांठ होना त्वचा पर दाने या तैलीय चमक दिखायी पड़े। इसी प्रकार हाथ पैर में सूखापन, सुन्नपन या कमजोरी पन कुष्ठ की जांच कराये। जिलाधिकारी ने बताया कि मल्टी ड्रग थेरेपी एमडीडी से कुष्ठ रोग का उपचार पूरी तरह से संभव है। जो सभी सरकारी अस्पतालों एवं स्वास्थ्य केन्द्रों पर मुफ्त में उपलब्ध है। जिलाधिकारी ने कहा कि कुष्ठ रोग से कोई भेद भाव न करें उसे अपने बीच में रखकर उसे एक साधारण व्यक्ति की भांति जीवन यापन कराये। उन्होंने कहा कि 30 जनवरी को सभी को प्रतिज्ञा दिलायी जाये। उन्होंने जनपद के जिला कुष्ठ अधिकारी सीएमओ, डिप्टी सीएमओ को निर्देश दिये कि वह स्पर्श कुष्ठ जागरूकता अभियान एवं पखवाड़ा मनाये जाने में कोई भी कसर बाकी न रखे। बैठक में सीएमओ डा. सुरेन्द्र रावत, डिप्टी सीएमओ डा. बीपी सिंह सहित एसडीएम, बीडीओ, एमओआईसी, एबीएसए, जिला कार्यक्रम अधिकारी, सीडीपीओ आदि उपस्थित रही।