कानपुरः स्वप्निल तिवारी। नव निर्वाचित महापौर प्रमिला पाण्डे द्वारा महापौर पद की शपथ लेने के तीसरे दिन ही परमट क्षेत्र का भ्रमण किया था और यहां फैली अव्यवस्थाओं को दुरूस्त करने का निर्देश सम्बन्धित अधिकारियों को दिया था। लेकिन उनका निरीक्षण और निर्देश दोनों ही धराशायी साबित हुए। परमट स्थित आनन्देश्वर मंदिर क्षेत्र में दिनभर मंडराने वाले जानवर आज तब नहीं हट सके और न ही यहां सड़कों पर फैला हुआ अतिक्रमण, जिससे मंदिर आने वाले भक्तों की मुसीबते कम नहीं हुई।
परमट स्थित बाबा आनन्देश्वर मंदिर में शहर भर से लोग दर्शन के लिए आते है। ग्रीनपार्क की तरफ से या फिर टैफ्को की तरफ से मंदिर के लिए आने का रास्ता है और दोनों ही रास्ते संकरे हैं, जिनपर अतिक्रमण का साया है। परमट बाजार और मंदिर के आस पास भयंकर अतिक्रमण फैला है साथ ही आवारा जानवरों की भरमान है। आये दिन यहां जानवरों के कारण हादसे होते है। मंदिर गेट के सामने ही चैकी बनी है। नवनिर्वाचित महापौर ने इस क्षेत्र का निरीक्षण किया था और मंदिर जाने वाले रास्ते में बैठके आजरा जानवरों को हटाने के साथ प्शु मालिकों से प्रतिदिन पांच हजार रूपये वसूलने के निर्देश भी दिये थे लेकिन दशा वैसी की वैसी है और एक भी पशु मालिकों को नोटिस नहीं दिया गया। स्थानी निवासियों की माने तो यहां पूरे वर्ष एक ही दशा बनी रहती है। महापौर ने बीते वर्ष 15 दिसम्बर को यहां निरीक्षण कर कहा था कि वह दुबारा निरीक्षण करेंगी और देखेंगी कि क्या कार्यवाही की गयी साथ ही कहा था कि यदि लापरवाही मिली तो कार्यवाही तय है। उन्होने यह भी कहा था कि अफसरों को फोन किया जायेगा तो वह फोन उठायेगे। लगभग दो माह बीतने पर भी यहां की समस्या जस की तस बनी हुई है। पूरे मंदिर क्षेत्र में आवारा पशुओं का जमावड़ा लगा रहता है। मंदिर आये भक्त बताते है कि हर उम्र के लोग जिसमें वृद्ध भी शामिल है मंदिर आते है ऐसे में यहां धूम रहे आवारा जानवर उनके लिए खतरनाक साबित हो सकते है।
हालांकि अवारा जानवरों को पूरे शहर की सड़कों पर धमाचोकड़ी करते रोज देखा जा सकता है। लेकिन अवारा जानवरों को शहर से बाहर करने का वादा महापौर का पूरा होता नहीं दिख रहा।