कानपुरः चन्दन जायसवाल। शहर पुलिस ने देश में बैंकिंग इतिहास की सबसे बड़ी लाकर काटने की घटना का खुलासा किया और करोडों के जेवरों के साथ ग्यारह लुटेरे पकड़े। बताते चलें कि नौबस्ता थाना क्षेत्र में यूनियन बैंक के बत्तीस लाकर काटकर करोड़ों का माल शातिर चोरों ने पार कर दिया था और 19 फरवरी को लाकर लूटने की घटना को अंजाम दिया था। इस गैंग ने यूनियन बैंक में एक साथ बत्तीस लाकर काटकर नकदी व ज्वैलरी लूट ली थी। इस गैंग में कानपुर लखनऊ से लेकर झारखण्ड और पश्चिम बंगाल तक के लुटेरे शामिल थे। ये गैंग इतना शातिर है कि इसने केरल से लेकर नेपाल और पश्चिम बंगाल तक लूट की घटनाओं को अंजाम दिया था। पुलिस की मानें तो कानपुर में बैंक लूटने की वारदात को डाक्टर संजीव आर्या के निर्देशन में अंजाम दिया गया था। पुलिस ने गैंग ग्यारह सदस्यों के पास से लगभग दो करोड़ के जेवर बरामद किये हैं। इस गैंग के साथ दो महिलायें भी पकड़ी गई है जो बैंको में जाकर पहले से सूचनाएं इकट्ठा करती थी।
पुलिस ने इस लूट को अंजाम देने वाले इस अंतर्राष्ट्रीय गैंग का आज पर्दाफास कर दिया। इस गैंग के ग्यारह सदस्यों के साथ पुलिस ने दो करोड़ की लूटी गई ज्वेलरी भी बरामद की है। पुलिस का आरोप है की ये इंटरनेशनल गैंग है। इस गैंग को कानपुर में संजीवनी हॉस्पिटल का डाक्टर संजीव आर्या चला रहा था। इस गैंग ने दो महीने तक यूनियन बैंक के लॉकरों को लूटने की रेकी की थी, इस घटना के खुलासे का ही यह असर था की आईजी कानपूर मारे खुशी के एक एक सिपाही और दरोगा से हाथ मिलाकर उसका हौसला बढ़ाते रहे।
अलोक सिंह आईजी कानपुर ने बताया कि बैंकिंग इतिहास की चुनौतीपूर्ण घटना थी जिसमे एक साथ बत्तीस लॉकरों को काटा गया। इसका संचालन डाक्टर संजीवनी हॉस्पिटल का संजीव आर्या कर रहा था इसके लिए 6 टीमें बनाई गई। इसके बाद एक अंतर्राष्ट्रीय गैंग को पकड़ा गया है जिसमे दो करोड़ की कीमत के जेवर बरामद किये गये है।
इस गैंग की खासियत यह है कि ये हमेशा उसी बैंक को अपना शिकार बनाते थे जो गली या रोड के किनारे बनी होती है। साथ ही उसी बैंक को चुनते थे जिसके लाकर के दरवाजे कंक्रीट से नहीं जुड़े होते थे ये बैंको में हमेशा उसी दिन वारदात को अंजाम देते थे जिसके दो तीन दिन पहले छुट्टी होती थी सबसे खास बात यह थी कि ये लाकर लूटने के बाद माल का बटवारा मौके पर ही करके अपने अपने घरो को निकल जाते थे। बताया गया कि गैंग का सदस्य भानुप्रताप सिंह नेपाल के कई आपराधिक गिरोहों का सदस्य है। जबकि सतेंद्र सिंह यादव बेकन ग्रीन एग्रो हिन्दुस्तान लिमिटेड में सीएमडी रह चुका है। ये गैंग इतना शातिर और चालाकी से वारदात करता था कि इनको उम्मीद ही नहीं थी कि ये पकडे जाएंगे। भानु की पत्नी और सत्येंद्र की पत्नी को भी पुलिस ने गिरफ्तार किया है। ये दोनों महिलाये बैंक में जाकर पहले से सूचनाएं इकठ्ठा करती थी।