शहाबगंज के मसोईं में 8 दिवसीय कथा का हुआ शुभारम्भ,निकली भव्य झांकी
चन्दौली, शहाबगंजः जन सामना ब्यूरो। श्रीमद्भागवत पुराण समस्त पुराणों में सबसे महान तथा वैष्णवों का परम धन है। भागवत महापुराण में परम भागवत धर्म की अद्भुत विवेचना की गयी है। शहाबगंज के मसोईं गांव में संकट मोचन हनुमान जी के मंदिर के प्रांगण में 8 दिवसीय संगीतमय कथा के प्रथम दिवस के दौरान जगतगुरु अमृतानंद जी द्वाराचार्य डा0 रामकमल दास वेदांती जी महाराज ने कही आगे कहा कि राजा परीक्षित जो सब धर्मोपरायड तथा भगवत भक्त थे उन्हीं राजा ने स्वर्ण में प्रविष्ट कलयुग के प्रभाव से ऋषि के गले में मृत सर्प को डालकर संत का अपमान किया जिसके कारण श्रृंगी ऋषि ने उन्हें 7 दिनों के अंदर ही सर्प द्वारा डसे जाने से मृत्यु होने का शाप दे डाला । किन्तु राजा परीक्षित ने बगैर विचलित हुए शुक्रताल की पावन भूमि पर महान संतों की संगति की और उसमें उन्होंने 7 दिन में ही मुक्ति को प्रदान करने वाली महान भगवत कथा को श्रवण कर अपना जीवन धन्य किया । स्वामी जी ने बताया कि प्रत्येक प्राणी के जीवन में सोमवार से रविवार तक 7 दिन ही है इन्हीं 7 दिनों में मुक्ति का पथ प्रशस्त करना पड़ेगा । स्वामी जी ने गौकर्ण तथा धुंधकारी कथा को भी तात्विक शब्दों में निरूपित करते हुए कहा कि धुंधकारी जैसे महा खल की भी मुक्ति हो गयी। अतः हमें इस पुराण को आदर व निष्ठां के साथ श्रवण कर अपने सुरदुर्लभ मानव जीवन को सार्थक बनाना चाहिए।
कथा के प्रथम दिवस पर कलश यात्रा के दौरान राधा कृष्ण की आकर्षक झांकी गाजे बाजे के साथ निकली ।इसके पूर्व शहाबगंज से होते हुए मसोईं गांव तक भव्य रथयात्रा निकाली गयी। उक्त संगीतमय कथा का आयोजन मानस परिवार सेवा समिति ग्राम मसोईं के द्वारा किया जा रहा है।
Home » मुख्य समाचार » भागवत् कथा श्रवण मात्र से ही जीव सद्गति प्राप्त कर सकता है- डा0 रामकमल दास वेदांती