जीवन शैली पर थोड़ा ध्यान देकर कई रोगों को नियन्त्रित किया जा सकता
कानपुर देहात, जन सामना ब्यूरो। दांत है तो जहान है। नियमित सोने से पहले ब्रश बहुत जरूरी है। दांतो मे ठण्डा गरम लगने पर, दांतो के बीच खाना आदि फंसता हो, दांतो की वजह से किसी भी प्रकार की चिकव्हाइट, टंग व्हाइट (गाल या जीभ मे) अल्सर बनते हो, मुंह कम खुलने पर गालो मे मिर्च मसाला/जलन आदि होने पर गंभीर हो। ऐसी स्थिति मे तुरन्त चिकित्सक की सलाह लेनी चाहिए। युवा वर्ग स्मोकिंग, अल्कोहल, पान मसाला, गुटखा, खैनी आदि के सेवन से दूर रहे। इसके कारण मुंह कैंसर की संभावना ज्यादा होती है। बच्चो को बाटल से दूध न पिलाएं इसकी वजह से रैमपैण्ट कैरी (दांतो मे कालापन) होती है हमेशा कटोरी चम्मच या गिलास से दूध देना चाहिए। दांतों के स्वस्थ रखने संबंधी महत्वपूर्ण जानकारी राजधानी के केजी स्नाकोत्तर मेडिकल डेन्टल कालेज (केजीएमसी) के सीनियर रेजिडेन्ट व एमडीएस व प्रोस्पोटेन्टिस डा. प्रांजलि दत्त ने आज माती में यह जानकारी दी। उन्होंने कर्मचारियों को बताया कि दांतो के टेढ़ेपन क्राउडिंग प्रारम्भिक स्तर पर ही दिखा ले तो बेहतर होगा। अन्य रोगो की भांति दांतो का रूटीन चेकअप भी करवाना जरूरी है। दांतों में खाना आदि फसने पर एक छोटा प्रोक्सा बु्रस बहुत ही लाभदायक होता है इससे फसा खाना व गन्दगी आसानी से निकल जाता है। इस बु्रश से दांतों के बीच फसा खाना, रेशा आदि आसानी से निकल आता है।
डा. प्रांजलि दत्त ने बताया कि जीवन शैली पर थोड़ा ध्यान देकर कई रोगों को नियन्त्रित किया जा सकता है। शरीर का सौन्दर्य स्वास्थ्य पर निर्भर करता है। स्वस्थ सुंदर कार्य कुशल दिखने के लिए खानपान की स्वास्थ्यकर आदतो पर ध्यान देना जरूरी है तभी ऊर्जावान रहकर हर कार्य को बखूबी अंजाम दिया जा सकता है। स्वस्थ आहार का पहला सिद्धान्त खानपान मे भिन्न भिन्न प्रकार के खाद्य पदार्थो को शामिल करना है। ऐसा इसलिए क्योकिं एक ही खाद्य पदार्थ से समस्त पोषक तत्व नही प्राप्त हो सकते है। आहार मे ऐसे खाद्य पदार्थो को तरजीह दे जिनमे वसा की मात्रा कम हो और शरीर मे कोलेस्ट्रल की मात्रा भी न बढ़े। अनाजो व कार्बोहाइड्रेट युक्त अन्य खाद्य पदार्थो को भी वरीयता दे। कम वसा वाले डेयरी उत्पाद भी ग्रहण करने योग्य है। दूध देने वाले के दूध पर भी नजर रखे साथ ही जो दूध पैकेट मे बाजार मे बिकते है उनकी तिथि, गुणवत्ता आदि को भी देख ले। अधिक पानी पीने से शरीर के हानिकारक पदार्थ अच्छी तरह से निकल जाते है अतः पानी अधिक पिए। तनावमुक्त रहे, न किसी को तनाव दे और न ले। ब्लडप्रेशर, मधुमेह और टेंशन रोग आपस मे एक दूसरे से रिलेटेड है। इन रोगो को बढ़ाने मे बिगड़ती जीवन शैली के साथ ही दन्त रोगो का भी अहम रोल है। इसके नियंत्रण के समुचित उपाय किए जाने चाहिए। चिकित्सको की समय समय पर सलाह लेकर आचार विचार आहार मे भी तब्दीली लानी चाहिए। आहार मे फलो, साक सब्जियो, फलियों, विटामिनो और खनिज युक्त खाद्य पदार्थो पर ध्यान देना चाहिए। एमडीएस, प्रोस्पोटेन्टिस डा0 प्रांजलि दत्त दिनचर्या मे हल्का व्यायाम, योग, घूमना टहलना आदि भी शामिल करे। खान पान मे संयम बरतकर वजन पर नियंत्रण रखे। मौसमी फलो साक सब्जियो को स्थान दे। सलाद खाए कैल्शियम व विटामिन सी से युक्त खाद्य पदार्थो का सेवन करे। उन्होने कहा कि दांतो की सुरक्षा पर विशेष ध्यान दे। डा0 प्रांजलि दत्त ने लोकप्रिय प्रदेश सरकार के समाजवादी किसान एवं सर्वहित बीमा योजना जो निश्चय ही प्रदेश के किसानों के साथ ही आमजन के लिए भी लाभदायक है। इसके अलावा उन्होने शान ए विरासत व अन्य सूचना विभाग के प्रकाशन उ0प्र0 संदेश आदि को भी संग्रहणीय योग्य बताया।