गडकरी कल नैरोबी में सतत नीली अर्थव्यवस्था सम्मेलन को संबोधित करेंगे
नई दिल्ली, जन सामना ब्यूरो। केन्द्रीय जहाजरानी, सड़क परिवहन तथा राजमार्ग, जल संसाधन, नदी विकास और गंगा संरक्षण मंत्री नितिन गडकरी ने कहा है कि भारत के आर्थिक विकास के लिए नीली अर्थव्यवस्था काफी अधिक महत्वपूर्ण है। श्री गडकरी सतत नीली अर्थव्यवस्था सम्मेलन में शामिल होने के लिए आज नैरोबी रवाना हुए। यह सम्मेलन केन्या द्वारा आयोजित किया जा रहा है और कनाडा तथा जापान सम्मेलन के सह.मेजबान हैं। श्री गडकरी कल सम्मेलन को संबोधित करेंगे।
श्री गडकरी ने कहा है कि हिन्द महासागर क्षेत्र में भारत रणनीतिक स्थान पर है और इसी आधार पर भारत सतत समावेशी और जन केन्द्रित रूप में हिन्द महासागर रिंग एसोसिएशन (आईओआरए) के ढांचे के माध्यम से नीली अर्थव्यवस्था के विकास को स्वीकृति देता है। उन्होंने कहा कि भारत अपने मेरीटाइम ढांचे के साथ.साथ अंतर्देशीय जलमार्गों तथा महत्वाकांक्षी सागरमाला कार्यक्रम के माध्यम से तटीय जहाजरानी को विकसित कर रहा है। जिससे मेरीटाइम लॉजिस्टिक्स क्रांतिकारी रूप ले लेगा और देश में बंदरगाह नेतृत्व विकास होगा। उन्होंने कहा कि इस क्षेत्र के बारे में भारत का राष्ट्रीय दृष्टिकोण प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा दिए गए मंत्र ’सागर’ अर्थात क्षेत्र में सभी के लिए सुरक्षा और विकास में स्पष्ट होता है।
भारत के महत्वाकांक्षी सागरमाला कार्यक्रम के अंतर्गत 600 से अधिक परियोजनाएं चिन्हित की गई हैं और इनमें 2020 तक लगभग 8 लाख करोड़ रुपये (120 बिलियन डॉलर) के निवेश का प्रावधान है। इससे देश लॉजिस्टिक लागतों में देश प्रति वर्ष 6 बिलियन डॉलर की बचत करेगा और 10 मिलियन नये रोजगार के अवसर पैदा होंगे। बंदरगाह की क्षमता प्रति वर्ष 800 मिलियन मीट्रिक टन (एमएमटीपीए) से बढ़कर 3500 एमएमटीपीए हो जाएगी। श्री गडकरी ने कहा कि प्रति स्थान 150 मिलियन डॉलर के प्रस्तावित निवेश के साथ सागरमाला के अंतर्गत तटीय आर्थिक क्षेत्र विकसित किए जा रहे हैं। तटीय आर्थिक क्षेत्र नीली अर्थव्यवस्था के केन्द्र होंगे।
Home » मुख्य समाचार » भारत को सतत, समावेशी और जन केन्द्रित रूप में नीली अर्थव्यवस्था मंजूर : नितिन गडकरी