चकिया/चन्दौली, दीपनारायण यादव। वन क्षेत्रों में रहने वाले लोगों को माननीय सुप्रीम कोर्ट के द्वारा दिये गये एकपक्षीय बेदखली आदेश को लेकर गुरुवार को तहसील मुख्यालय पर माकपा, भाकपा व स्वराज अभियान मंच के नेताओं व कार्यकर्ताओं ने जुलूस निकाला व सभा की तथा सरकार से यथा शीघ्र अध्यादेश लाकर लाखों आदिवासी,वन निवासियों को वन भूमि पर अधिकार दिलाने व उन्हें उजाड़ने से रोकने की मांग की। इस दौरान हुई सभा में बोलते हुए वक्ताओं ने कहा कि आदिवासी, बनवासी, वन क्षेत्रों में रहने वाले गरीबों पिछडों व दलितों के लिए कानून बनाया गया है। जिसके तहत वन भूमि पर काबिज तीन पीढ़ियों से बसे लोगो से दावा मांगा गया, देश भर में लाखों किसानों ने दावा दाखिल किया, चन्दौली जनपद से करीब 24 हजार दावे दाखिल किये गये। दावे का निस्तारण उपजिलाधिकारी व जिलाधिकारी के निगरानी में किया जाना था। नेताओ ने कहाकि विगत 10वर्षो में नाम मात्र के दावे निस्तारित किये गये जबकि बड़े पैमाने पर दावों को खरिज किया गया क्योकि भाजपा सरकार नही चाहती कि पिछड़े, दलित, आदिवासी समाज के लोग जमीन के मालिक बनें। वक्ताओं ने कहाकि सरकार ने साजिश के तहत सुप्रीम कोर्ट में इस सम्बन्ध में उद्योगपतियों से मुकदमा दाखिल कराया कि वनाधिकार को समाप्त कर दिया जाये, वक्ताओं ने कहाकि सरकार बनवासियों, आदिवासियों के प्रति कितनी गम्भीर है इस बात से पता चलता है कि जिस दिन सुप्रीम कोर्ट में लाखों वनवासियों के भाग्य का फैसला हो रहा था उस दिन सरकार का कोई भी प्रतिनिधि कोर्ट में उपस्थित नही था जिससे आदिवासियों, बनवासियों का पक्ष कोर्ट में नहीं रखा जा सका जिस पर कोर्ट ने एकपक्षीय फैसला सुनाते हुए आदेश दे दिया कि वन क्षेत्रों से बनवासियों को हटा दिया जाये। सभा के बाद वाम दलों ने सरकार से अविलम्ब अध्यादेश लाकर कोर्ट के आदेश को समाप्त करवाने तथा बनवासियों को वनाधिकार कानून के तहत मालिकाना हक दिलाने के आशय का एक पत्र प्रधानमंत्री के नाम तहसीलदार को सौपें। सभा में नेताओं के साथ सैकड़ो कार्यकर्ताओं ने भागीदारी की।