नई दिल्ली, जन सामना ब्यूरो। भारतीय दिवाला एवं दिवालियापन बोर्ड (आईबीबीआई) ने आज भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) के साथ एक सहमति पत्र (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए।
आईबीबीआई और सेबी दरअसल दिवाला एवं दिवालियापन संहिता, 2016 और इससे संबंधित नियम-कायदों पर कारगर ढंग से अमल किए जाने के पक्ष में हैं, जिन्होंने डेट एवं इक्विटी के आपसी ताल्लुकात को नए सिरे से परिभाषित किया है और जिनका उद्देश्य उद्यमिता एवं डेट मार्केट को बढ़ावा देना है। आईबीबीआई और सेबी ने सहमति पत्र के तहत संहिता के बेहतर कार्यान्वयन के लिए एक-दूसरे के साथ सहयोग करने पर सहमति जताई है। हालांकि, इस संबंध में लागू कानूनों द्वारा तय की गई सीमाओं को ध्यान में रखना होगा।
उपर्युक्त एमओयू में निम्नलिखित बातों का उल्लेख किया गया है:
ए) दोनों पक्षों के बीच सूचनाओं को साझा किया जा सकेगा। हालांकि, इस संबंध में लागू कानूनों द्वारा तय की गई सीमाओं को ध्यान में रखना होगा।
बी) एक-दूसरे के साथ उपलब्ध संसाधनों को उस हद तक साझा किया जा सकेगा जिस हद तक यह व्यवहार्य और कानूनन उचित होगा।
सी) आपसी हितों वाले विषयों पर विचार-विमर्श करने के लिए समय-समय पर बैठकें की जाएंगी। एक-दूसरे की जवाबदेही पर असर डालने वाली नियामकीय आवश्यकताएं, प्रवर्तन से जुड़े मामले, अनुसंधान एवं डेटा विश्लेषण और सूचना प्रौद्योगिकी एवं डेटा को साझा करना इन विषयों में शामिल हैं। इसके अलावा, कोई भी ऐसा अन्य मुद्दा इनमें शामिल है जिनके बारे में संबंधित पक्षों को यह प्रतीत होता है कि उनकी संबंधित वैधानिक प्रतिबद्धताओं को पूरा करने में वह एक-दूसरे के हित में होगा।
डी) एक-दूसरे के कर्मचारियों या स्टाफ को प्रशिक्षण देना, ताकि प्रत्येक पक्ष को सामूहिक संसाधनों के कारगर उपयोग के लिए दूसरे पक्ष के मिशन की बेहतर समझ हो सके।
ई) दिवाला से जुड़े प्रोफेशनलों और वित्तीय ऋणदाताओं का क्षमता निर्माण करना।
एफ) संहिता के विभिन्न प्रावधानों, इत्यादि के तहत मुश्किलों से जूझ रहे विभिन्न तरह के कर्जदारों के लिए त्वरित दिवाला समाधान प्रक्रिया की अहमियत एवं आवश्यकता के बारे में वित्तीय ऋणदाताओं के बीच जागरूकता बढ़ाने के लिए संयुक्त रूप से प्रयास करना।
उपर्युक्त एमओयू पर सेबी के कार्यकारी निदेशक श्री आनंद बैवर और आईबीबीआई के कार्यकारी निदेशक श्री रितेश कावडि़या ने मुम्बई में हस्ताक्षर किए।