फिरोजाबाद, एस. के. चित्तौड़ी। कलिकाल में योग विद्या के पुनरोद्धारक, प्रातः स्मरणीय योग योगेश्वर प्रभु श्री रामलाल भगवान का जयन्ती महोत्सव रमणेश्वर मंदिर योग साधन आश्रम कोटला रोड 13 अप्रैल रामनवमी को भव्यता के साथ मनाया जायेगा, जिसकी तैयारियां शुरू कर दी गयी है।
आश्रम के आचार्य देशमुख ब्रह्मचारी ने तैयारियों की समीक्षा करते हुए बताया कि महोत्सव पर मार्गों को तोरण द्वारों, विद्युत उपकरणों से सजाया जायेगा। मथुरा वृन्दावन से पुष्प मंगाकर आकर्षक फूल बंगला सजाया जायेगा। एक दिन पूर्व ही पांडाल इत्यादि का कार्य पूर्ण करा लिया जायेगा, जिसके लिए अलग से व्यवस्था कर दी गयी है। 13 अप्रैल को प्रातः 5 बजे प्रभु जी की रामायण के पाठ से कार्यक्रम शुरू हो जाएंगे तत्पश्चात 8.15 बजे ध्वजारोहण, 8.30 बजे से हवन यज्ञ, 11 बजे से गुरूपूजन, 4.45 बजे सायं आरती के बाद विशाल भंडारे के प्रसाद वितरण कार्यक्रम जो 7.35 बजे तक जारी रहेगे। रात्रि 8.30 बजे से आर्केष्ट्रा पार्टी के कलाकारों द्वारा भजन संध्या का आयोजन होगा। रात्रि 12 बजे प्रभु जी की महाआरती के होगी।
आचार्य देशमुख ब्रह्मचारी ने बताया कि प्रभु रामलाल भगवान योग के अति गोपनीय साधनों को प्रदान और संस्कारी आत्माओं का कल्याण करने के लिए पंजाब प्रान्त के सुविख्यात शहर अमृतसर में सन् 1888 चैत्र शुक्ल, नवमी तिथि, दिन गुरुवार 6 घड़ी, छप्पन पल, वृषभ लगन में महादिव्य ज्योति के रूप में प्रकट हुए। प्रभु जी ने योग विद्या को जन-जन तक पहुंचाने के लिए सम्पूर्ण भारत वर्ष की यात्रा की। उन्होंने यात्रा के मध्य में ही श्री सिद्ध गुफा संवाई एत्मदपुर (आगरा) का निर्माण किया। और अनेक प्रकार की लीलाएं की, नर्मदा तट पर हरीराम नामक युवक को दिव्य शक्ति से सम्पन्न कर उसे दिव्य योगानुभूति प्रदान की। वही हरीराम श्री प्रभु जी की कृपा से हरिहरानन्द कहलाए जो आज हिमालय पर्वत की शीशागिरी नामक पहाड़ी पर एक गुफा में समाधिस्थ हैं।