Monday, November 25, 2024
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पत्रकार को भ्रष्टाचार की खबर प्रकाशित करना पड़ा मंहगा

शंकरगढ़ थाना प्रभारी ने पत्रकार के पिता को डाला लॉक अप के अंदर
परिजनों ने लगाया शंकरगढ़ थाना प्रभारी पर हत्या करवा देने का आरोप
सूत्रों से मिली जानकारी अनुसार थाने के अंदर अचानक तबियत खराब होने पर दो से तीन बार चक्कर आया जिसके बाद भी शंकरगढ़ थाना प्रभारी ने पीड़ित रामधनी शुक्ला को नहीं छोड़ा
प्रयागराज, बीडी पांडे। उत्तर प्रदेश के प्रयागराज जिले के पत्रकार दिनेश शुक्ला के द्वारा विगत दिनों पहले शंकरगढ़ थाना क्षेत्र में बढ़ रहे अपराध पर पुलिस अंकुश लगाने में विफल रही थी जिसको पत्रकार के द्वारा लगातार उजागर किया गया था। जिसकी वजह से शंकरगढ़ थाना प्रभारी भुवनेश्वर चौबे ने पत्रकार दिनेश शुक्ला के पिताजी को आपसी रंजिश के तहत दिनांक 06 अप्रैल को पिछले 48 घंटों से थाने के लॉकअप में बंद करके रखा है। जब पीड़ित पत्रकार दिनेश शुक्ला के द्वारा थाना प्रभारी से इस मामले में बात की गई। मेरे पिताजी का कौन सा अपराध है? कि आपने उन्हें थाने में बंद करके रखा है थाना प्रभारी के द्वारा बोला जाता है कि फरियादी अतिक्रमण कारी भू माफिया ने शिकायत की है की अतिक्रमण करने पर विरोध करते है। इसी मामले में बंद करके रखा है, और वहीं सूत्रों से जानकारी मिली थी कि रामधनी शुक्ला को लॉक अप के अंदर ही दो से तीन बार चक्कर आए थे और उनकी तबीयत भी खराब थी मगर थाना प्रभारी भुवनेश्वर चौबे ने मानवता नहीं दिखाई और लगातार लॉक अप के अंदर टॉर्चर करते गए अब सोचने की बात तो यह है कि क्या 65 से 70 साल का बुजुर्ग वृद्ध है क्या किसी से लड़ाई-झगड़ा कर सकता है वह भी भू माफियाओं से इससे साफ साफ जाहिर होता है कि थाना प्रभारी और भू माफियाओं की मिलीभगत से एक निर्दोष को सलाखों के पीछे भेज दिया गया और अब धमकी दी जा रही है। पीड़ित पत्रकार को कि तुम्हारे नाम से भी मुकदमा लिखा जा रहा है तुम भी फोन में धमकी देते रहते हो। जबकि नियमानुसार बिना मुकदमा कायम किए किसी भी थाना प्रभारी को अधिकार नहीं है किसी भी निर्दोष को लॉकअप में बंद करके रखना वहीं पत्रकार दिनेश शुक्ला के पिता रामधनी शुक्ला डायबिटीज के मरीज है। दोपहर तकरीबन रविवार को 12ः00 बजे के आसपास राधिका शुक्ला ने अपने पुत्र पत्रकार दिनेश शुक्ला से बात की थी और थाना प्रभारी के द्वारा बोला गया था कि अपने बेटे को मना कर दो मेरे खिलाफ खबर ना लिखें और इतना कहने के बाद थाना प्रभारी के द्वारा बोला गया कि तुम्हारे पिता को छोड़ रहा हू। अब मेरे खिलाफ कभी भी खबर ना लिखना वही पीड़ित रामधनी के परिजनों ने थाना प्रभारी पर लापता करने का लगाया आरोप कहा कि मेरे पिता की हत्या कर देंगे क्योकि दोपहर 12ः00 बजे से पता नहीं की पिता जी को कौन से तहखाने में डाल दिया गया है। कोई संपर्क भी नहीं हो पा रहा है और मोबाइल भी बंद है थाना में पता करने पर भी कुछ भी पता नहीं चला थाना प्रभारी ने फरियादी का फोन उठाना भी बंद कर दिया है। जिससे साफ साफ जाहिर होता है की कुछ ना कुछ साजिसन अंजाम दिया गया है। अगर इस दौरान भगवान ना करे कि रामधनी शुक्ला के साथ कोई अप्रिय घटना घटती है तो इसकी समस्त जिम्मेदारी उत्तर प्रदेश पुलिस विभाग व शंकरगढ़ थाना प्रभारी भुवनेश्वर चौबे की होगी थाना प्रभारी के द्वारा आईजी प्रवीण कुमार के आदेशों की धज्जियां उड़ाई जा रही है।
शंकरगढ़ थाना प्रभारी ने पूरे पुलिस विभाग को किया शर्मसार पत्रकारों के पूछे जाने पर अपने आप को बताया पेशे से पत्रकार ’शंकरगढ़ थाना प्रभारी भुवनेश्वर चौबे के बिगड़े बोल जब पत्रकारों ने पीड़ित पत्रकार दिनेश शुक्ला के पिताजी के संबंध में जानकारी मांगी तो शंकरगढ़ थाना प्रभारी भुवनेश्वर चौबे के बोल बिगड़ते हैं और उनके द्वारा बोला जाता है कि मैं भी पेश से एक पत्रकार हूं मैं भी नियम कानून सब जानता हूं सुने इस बेतुका वर्जन में क्या कहते हैं। शंकरगढ़ थाना प्रभारी भुवनेश्वर चाौबे ये पुलिस प्रशासन के लिए बहुत ही शर्म की बात है एक थाना प्रभारी अपने आप को पत्रकार बताता है और बोलता है कि मैं भी पेशे से पत्रकार हूं पत्रकार के द्वारा कहा गया सर आप तो थाना प्रभारी है फिर पत्रकार कैसे तो थाना प्रभारी ने जवाब पलटते हुए कहा मैं भी पेशे से पत्रकार हूं।