फिरोजाबद। सरकार द्वारा स्टाम्प विक्री को ई-स्टाम्प व्यवस्था किये जाने एवं स्टाम्प विक्रेताओं के कमीशन में की गई कटौती के विरोध में सदर तहसील के स्टाम्प विक्रेताओं ने तहसील प्रांगण में अनिश्चित कालीन धरना प्रदर्शन कर सरकार के विरूद्व नारेबाजी की। साथ ही स्टाम्प विक्री में मिलने बाली कमीशन को बढ़ाने की मांग की।
स्टाम्प विक्रेता संघ के बैनर तले सोमबार को सदर तहसील प्रांगण में स्टाम्प विक्रेताओं ने सरकार के विरूद्व नारेबाजी कर धरना प्रदर्शन किया। स्टाम्प विक्रेताओं का कहना है। कि सरकार ने स्टाम्प विक्री को ई-स्टाम्प व्यवस्था मे बदलने के साथ ही उस पर मिलने वाले कमीशन को भी कम कर दिया है। पहले हमें सौ रूपये के स्टाम्प पर एक रूपया मिलता था। लेकिन अब स्टाम्प विक्री को ई-स्टाम्प व्यवस्था से जोडने से सौ रूपये के स्टाम्प की विक्री करने पर मात्र ग्यारह पैसे कमीशन मिलेगा। जिसका स्टाम्प विक्रेता संघ ने विरोध कर अपनी मांग रखी है। स्टम्प विक्रेताओं के धरना प्रदर्शन का तहसील बार एसोसियेशन के अधिवक्ताओं द्वारा तीन दिनों तक कलमबन्द हडताल पर रहकर समर्थन किया है। धरना प्रदर्शन के दौरान राजवीर सिंह तोमर, सोनपाल, दिनेश चन्द्र शर्मा, अजय जैन, रामअवतार, उमेश चन्द्र, रविन्द्र कुमार, संजीव दीक्षित, कमलेश, सुनील कुमार, राजवीर सिह वर्मा, मु. मुर्करम, नियाज अली, अनिल जैन आदि स्टाम्प विक्रेता मौजूद रहे।
टूंडला तहसील में स्टांप विक्रेताओं ने किया प्रदर्शन, राज्यपाल के नाम उपजिलाधिकारी को सौंपा ज्ञापन
टूंडला। प्रदेश सरकार द्वारा स्टांप बिक्री पर रोक लगाने एवं नई ई-स्टाम्प व्यवस्था के फरमान पर स्टांप विक्रेताओं में हड़कंप है। सोमवार को स्टांप विक्रेताओं ने विरोध प्रदर्शन किया। इसके साथ ही उपजिलाधिकारी को राज्यपाल के नाम ज्ञापन सौंपा तथा प्रतिबंध को तत्काल हटवाए जाने की मांग की है।
स्टांप विक्रेताओं ने ज्ञापन के माध्यम से राज्यपाल को अवगत कराया है कि भारतीय संविधान में प्रदत्त अधिकारों के अंतर्गत प्रत्येक व्यक्ति को अपना रोजगार करने का मूल अधिकार है। उन्हीं अधिकारों के अंतर्गत प्रत्येक तहसील में स्टांप एवं राजस्व न्याय शुल्क विक्रय करने के लिए सरकार द्वारा स्टांप विक्रेताओं के लाईसेंस जारी कर उन्हें स्टांप एवं न्यायिक टिकटें विक्रय करने का अधिकार आजादी के समय से ही दिया गया है। वहीं दूसरी तरफ प्रदेश सरकार द्वारा स्टांप विक्रेताओं के स्टांप बिक्री अधिकार पर रोक लगाकर उनका रोजगार छींनने का असफल प्रयास किया है। जो लोकतांत्रिक प्रक्रिया पर एक कुठराघात है। विक्रेताओं ने कहा कि शासन द्वारा ई-स्टापिंग की व्यवस्था कर स्टांप विक्रेताओं के स्टांप बिक्री पर रोक लगाई गई है। ई-स्टापिंग बिक्री में उनका कमीशन मात्र 11 पैसा निर्धारित किया गया है। कम कमीशन से उनके परिवार भुखमरी के कगार पर पहुंच जाऐंगे। स्टांप विक्रेताओं ने इस नई व्यवस्था का विरोध करते हुए जमकर प्रदर्शन किया। अधिवक्ताओं ने स्टांप विक्रेताओं की हड़ताल का समर्थन किया। इस दौरान प्रवीन कुमार सिंह, महेन्द्र प्रताप सिंह, आलोक कुमार, प्रेम सिंह, बीरेन्द्र सिंह, दिनेश कुमार आदि प्रमुख रूप से रहे।
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