नहरों की सिल्ट सफाई कार्ययोजना अनुमोदन बैठक में डीएम ने अधिकारियों को दिए दिशा निर्देश
कानपुर देहात, जन सामना ब्यूरो। जिलाधिकारी राकेश कुमार सिंह ने कार्यालय कक्ष में नहरों की सिल्ट सफाई की कार्ययोजना के अनुमोदन बैठक अध्यक्षता करते हुए अधिकारियों से कहा कि वे कार्ययोजना बनाने से पूर्व सभी पहलुओं पर विचार विमर्श कर नोटशीट पर लाकर शासनादेश के अनुसार प्रक्रिया पूरा कर बैठक में रखें। योजना का क्या उद्देश्य, क्राइटेरिया है यह बात स्पष्ट रूप से उल्लिखित रहे। जनपद की नहरों/ड्रेनों की सिल्ट सफाई हेतु विकेन्द्रीकृत व्यवस्था के क्रियान्वयन के सम्बन्ध में मुख्य सचिव एवं प्रमुख सचिव द्वारा दिए गए आदेशों के क्रम में डीएम ने उपस्थित अधिकारियों को निर्देशित किया कि नहरों/ड्रेनों की सफाई आवश्यकतानुसार खरीफ व रबी दोनों फसलों में की जाएगी। खरीफ की फसल के पूर्व 15 अपै्रल से 15 जून तक (इस वर्ष 10 मई से) आवश्यकता व स्थानीय रोस्टर को ध्यान में रखते हुए तथा रबी की फसल के पूर्व 15 अक्टूबर से 15 दिसम्बर तक आवश्यकता व स्थानीय रोस्टर को ध्यान में रखते हुए सुनिश्चित की जानी चाहिए। नहरों, रजवाहों, डेªनों की सफाई विभागीय बजट से करायी जाएगी तथा अल्पिकाओं की सफाई जिसमें मशीन का प्रयोग कदापि नहीं किया जाएगा बल्कि मनरेगा के माध्यम से आवंटित बजट से करायी जाएगी। इसके अलावा सिल्ट सफाई कार्य योजना जब अनुमोदित हो जाए तो उसका अपने स्तर से प्रचार-प्रसार भी करें। जिलाधिकारी राकेश कुमार सिंह ने कहा कि प्रदेश सरकार का अभिमत है कि जब तक किसान समृद्ध नहीं होगा तब तक देश व प्रदेश सम्पन्न नहीं हो सकता। फसलों की उत्पादकता बढ़ाने के लिए यह आवश्यक है कि किसानों को सिंचाई हेतु पानी सही समय पर व सही मात्रा में उपलब्ध हो। गत वर्षों में समुचित बजटीय व्यवस्था एवं पारदर्शी तथा जवाबदेह व्यवस्था न होने के कारण प्रदेश के अधिकांश स्थानों पर नहरों की सुचारू रूप से सफाई नहीं हुई है जिससे नहरों के आन्तरिक सेक्शन संकुचित हो गए हैं परिणाम स्वरूप टेल पर पानी नहीं पहुंच पा रहा है। विशेषकर नहरों अजवाहों, अल्पिकाओं एवं डेªेनों जिनकी सफाई पिछले कई वर्षों से नहीं की गयी है उनकी सफाई की कार्य योजना बनाकर आवश्यकतानुसार दोनों फसलों में किया जाना अनिवार्य है। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार की प्राथमिकताओं के क्रियान्वयन के लिए वर्तमान व्यवस्था को सरलीकृत, पारदर्शी एवं जवाबदेह बनाने के लिए कार्यवाही की जानी आवश्यक है जिससे कि किसानों को दोनों फसलों में समुचित पानी उपलब्ध हो सके। प्रायः यह देखने में आता है कि वर्ष में एक बार रबी की फसल से पूर्व की सिल्ट सफाई की व्यवस्था जो वर्तमान में प्रचलित है, प्रभावी नहीं है। इसलिए नहरों, डेªनों की सिल्ट सफाई हेतु नई विकेन्द्रीकृत व्यवस्था का क्रियान्वयन किया जाना अत्यन्त आवश्यह है। योजना के सकुशल क्रियान्वयन हेतु यह आवश्यक है कि अधिकारी स्थानीय जनप्रतिनिधियों से सलाह लेकर अनुमोदित योजना के प्रति तथा उसकी जानकारी जनप्रतिनिधियों सहित सम्बन्धित अधिकारियों को भी दें। विभागीय अभियन्ता सभी नहरों/कुलाबों पर अतिक्रमण नहर कटान एवं अवैध सिंचाई का विवरण रखें तथा अभियान चलाकर वरिष्ठ पुलिस अधिकारी के सहयोग से कार्ययोजना बनाकर सख्ती से कार्यवाही सुनिश्चित करें। सिल्ट सफाई कार्ययोजना के तहत जो भी कार्य करायें जाएं उनकी समुचित वीडियोग्राफी भी करायी जाए। बैठक में मुख्य विकास अधिकारी के0के0 गुप्ता, अपर पुलिस अधीक्षक मनोज सोनकर, उपायुक्त मनरेगा सुशील कुमार सिंह, श्रीमती विजेता उपजिलाधिकारी डेरापुर, अधिशाषी अभियन्ता सिंचाई डी0के0 तिवारी, अधि0 अभि0 सिंचाई कानपुर नगर राजनाथ यादव, अधि0 अभि0 औरैया राजीव मित्तल, अधि0 अभि0 आई0डी0 इटावा सभाजीत वर्मा, अधि0 अभि0 एल.जी.सी. भोगनीपुर डिवीजन हरिओम गुप्ता सहित कई अधिकारी व कर्मचारी उपस्थित रहे।