Sunday, November 24, 2024
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राजनेता कैसा होना चाहिए

यूपी में 2022 के विधानसभा चुनाव के लिए सियासती घमासान मचा है, हर पार्टी के कार्यकर्ता अपने लीडर की तारीफ़ों के पूल बाँधते जनता के दिमाग को धोने की कोशिश कर रहा है। जब जब किसी भी राज्यों में चुनावी माहौल होता है तब परिस्थिति युद्ध वाली बन जाती है।
अवाम को एक बात समझ लेनी चाहिए की उनको कैसा नेता चाहिए? अपनी सोच और पसंद से अपना नेता चुनना चाहिए। न चंद पैसों के बदले वोट देने चाहिए, न एक बोतल दारु के बदले, न धर्म के नाम पर, न जात-पात के नाम पर। धर्म और जात-पात पर वोट बटोरने वालों को जनता को एकमत होकर बाहर का रास्ता दिखा देना चाहिए।
राज्य या देश के लिए एक ऐसा नेता चुनना चाहिए जो धर्म, प्रांत, जाति या भाषा के आधार पर राजनीति न करे। जिनकी प्रमाणिकता जनता को समर्पित हो और जनता के लिए ही चुनाव लड़ रहा हो, जिनके लिए हर व्यक्ति समान हो। जो जनता के प्रति जवाबदेह हो। वह नेता न हो बल्कि जनता का प्रतिनिधि हो। नेता की जवाबदेही महज भाषण देने या बयानबाजी करने तक सीमित न हो, बल्कि जो वह कह रहा हो उसे करके दिखाए। जरूरी है कि नारों को व्यवहार में बदलने वाला व्यक्ति नेता बनें।
लीडर ऐसा होना चाहिए जो पूरे समाज में बदलाव का संकल्प जगा सके। उसे आम लोगों को यकीन दिलाना होगा कि वह उन्हीं के बीच से एक है।
आज जरूरत है सक्षम नेतृत्व की, आखिर कैसा नेतृत्व यूपी को चाहिए?
राज्य को एक ऐसे नेतृत्व की जरुरत है जो राष्ट्र, राष्ट्रीयता और उसकी संप्रभुता को नई ऊंचाई पर ले जाने की योग्यता रखता हो। जो सिर्फ सुशासन के वादे न करे बल्कि आम जनता को स्वराज और स्वतंत्रता का विश्वास भी समग्र विकास के माध्यम से करके दिखाए। मजबूत इरादों वाला नेतृत्व चाहिए, जिसका व्यक्तित्व बलिष्ठ हो और जो राष्ट्र-निष्ठा में भी दक्ष हो। जो ईमानदार और निर्णय लेने की क्षमता से भरा हो, चुनौतियों और संकटों का सामना कर सकता हो। जो राज्य का राजनीतिक, सांस्कृतिक, सामाजिक, भाषाई विकास में अपना भरपूर योगदान दें।
साथ में नेता को यह समझना होगा कि भारत सिर्फ कार्पोरेट या संपन्न वर्ग का ही नहीं है। वह किसानों, मजदूरों, दलितों, स्त्रियों और बच्चों का भी है। ऐसा नेता चुनिए कि जो इन सभी की समस्याओं के बारे में सचेत रूप से सोच-समझ सके और उन्हें दूर करने की दिशा में काम करके दिखाए। यह भी जरूरी है कि उसके जरिए समाज के हर तबके के लोगों को बेहतर जीवन स्तर मिल सके। शिक्षा के अवसर, स्वास्थ्य सेवाएं और जीवन की जरूरी चीजें सहज उपलब्ध हों। उनके लिए मारा-मारा न फिरना पड़े।
और योगी आदित्य नाथ के आज तक के कार्यकाल को गौर से देखेंगे तो इन सारी समस्याओं को उन्होंने बखूबी काबू में किया है। असामाजिक तत्वों पर लगाम और राज्य में अराजकता पर काफ़ी कड़ी लगाम कसकर रखी है। हिन्दुत्व प्रेमी, राष्ट्र प्रेमी, देशप्रेमी और जनता के सेवक योगी आदित्य नाथ अब तक के शायद श्रेष्ठ नेता साबित हुए है। जनता का एक वोट भी बहुत किंमती होता है, तो अपना वोट सोच समझकर ऐसे नेता पर खर्च करें जिनकी छत्रछाया में अपने आप को सुरक्षित महसूस कर सकें।
भावना ठाकर ‘भावु’ (बेंगुलूरु, कर्नाटक)