लखनऊ/वाराणसी। मुख्य सचिव दुर्गा शंकर मिश्रा की अध्यक्षता में कमिश्नरी सभागार में वाराणसी शहर में संचालित परियोजनाओं की समीक्षा बैठक संपन्न हुई।
अपने संबोधन में मुख्य सचिव ने कहा कि जनसंख्या के सापेक्ष जल कनेक्शन कम हैं, इसको और बढ़ाया जाए। उन्होंने जल कनेक्शन प्रक्रिया को एकदम सरल तथा प्रक्रिया को 1 पन्ने में समेटने को कहा, ताकि लोगों को अनावश्यक रूप से दिक्कतों का सामना न करना पड़े। उन्होंने कहा कि सभी घरों तक पहुंच सुनिश्चित कराने तथा राजस्व घाटे को कम करने के लिए जल और विद्युत कनेक्शन की स्थिति पुनः रिव्यू करने की जरूरत है।
उन्होंने शहर को जाम की समस्या से निजात दिलाने के लिए किसी ट्रैफिक एक्सपर्ट एजेंसी को हायर करने का सुझाव दिया ताकि एजेंसी द्वारा स्थायी समाधान सुझाया जा सके। रोपवे समयबद्ध प्रोजेक्ट है, इसलिए इसके काम को तेजी से पूरा करने पर ध्यान दिया जाये। उन्होंने पुलिस अधिकारियों को होटलों में फायर सुरक्षा उपकरण स्थापित कराने एवं सभी मानक पूर्ण कराने के निर्देश दिये।
इससे पूर्व बैठक में जिलाधिकारी द्वारा अनेक बिंदुओं पर हुई कार्यवाही के बारे में अवगत कराया गया, जिसमें मुख्य रूप से घाटों से संबंधित मुद्दे उचित साफ सफाई, चेंजिंग रूम, संकेतक तथा श्रद्धालुओं की सुरक्षा व्यवस्था का उचित प्रबंध इत्यादि शामिल थे।
उन्होंने काशी विश्वनाथ मंदिर तथा रेलवे स्टेशन पर पर्यटकों के लिए सूचना केंद्र स्थापित करने संबंधित प्रगति के बारे में मुख्य सचिव को अवगत कराया।
इसके अतिरिक्त बैठक में आगामी 5 फरवरी को मनाई जाने वाली संत रविदास जयंती की तैयारियों की भी समीक्षा हुई तथा संत रविदास मंदिर प्रोजेक्ट जिसमें लंगर हाल, म्युजियम, पार्क इत्यादि की वर्तमान प्रगति का प्रस्तुतिकरण भी मुख्य सचिव ने देखा।वीडीए उपाध्यक्ष द्वारा पर्यटन की दृष्टि से महत्वपूर्ण बुद्धा सर्किट की प्रगति के बारे में मुख्य सचिव को विस्तार से बताया गया। उन्होंने बताया कि इसके द्वारा सारनाथ एरिया का ओवरआल विकास सुनिश्चित किया जाएगा।ड्रेनेज,सीवरेज व केबलिंग का कार्य प्रगति पर है। केबलिंग अंडरग्राउंड कराई जा रही है। सारा कार्य जुलाई 2023 तक पूर्ण कर लिया जाएगा। मुख्य सचिव ने इस प्रोजेक्ट की तारीफ करते हुए इसे समय से पूर्ण कराने और प्रति सप्ताह रिव्यू करने के निर्देश दिये।
तत्पश्चात वीडीए उपाध्यक्ष द्वारा शहर के बाहर बनने वाले नए बस अड्डों के बारे में प्रस्तुतीकरण किया गया। मुख्य सचिव द्वारा शहर के चारों तरफ बस अड्डे बनाए जाने की अपेक्षा सिर्फ दो तरफ इसे बनाए जाने का सुझाव दिया।इसके साथ ही नई मंडलीय कार्यालय बिल्डिंग के बारे में चर्चा की गई।
सीवरेज सिस्टम की समीक्षा में चीफ इंजीनियर जल निग़म द्वारा बताया गया कि वर्तमान में ट्रांस वरुणा के क्षेत्रों को भी शामिल किया जा रहा है। जलकल द्वारा बताया गया कि शहर में 7 एसटीपी वर्तमान में काम कर रहे हैं।
शहर में लगने वाले जाम की समस्या पर एसीपी ट्रैफिक द्वारा प्रोजेक्ट के माध्यम से जानकारी प्रस्तुत की गई, जिसमें चोक पॉइंट्स, अवैध बिल्डिंग का निर्माण, शहर में कई जगह अवैध रूप से चल रहे बस अड्डे इत्यादि कारणों को शहर के जाम में अनावश्यक रूप से बाधक बताया गया।
रोपवे परियोजना की समीक्षा में संबंधित संस्था द्वारा बताया गया कि वाराणसी कैंट से गोदौलिया के बीच कुल 5 स्टेशन बनेंगे, जिसमें 30 टावर होंगे। परियोजना पर कुल 553 करोड़ खर्च का अनुमान है। विकास प्राधिकरण द्वारा बताया गया कि यूटिलिटी शिफ्टिंग के लिये बजट पर काम चल रहा है।
बनारस में सुगम यातायात हेतु प्रस्तावित सेतुओं के संबंध में चर्चा की गई, जिसमें रिंग रोड से कस्तूरबा गांधी विद्यालय होते हुए सारनाथ रेलवे स्टेशन तक चार लेन एलिवेटेड मार्ग, चाँदपुर चौराहे से लोहता बाजार होते हुए रिंग रोड तक प्रस्तावित दो लेन का एलिवेटेड मार्ग,
कैंट-लहरतारा-मोहनसराय मार्ग पर भुल्लनपुर चौराहे पर आरओबी निर्माण, सुन्दरपुर से रविदास पार्क तक अस्सी नदी पर दो लेन एलिवेटेड मार्ग का निर्माण, लहरतारा चौराहे से नरिया तिराहे तक उपरिगामी सेतु निर्माण इत्यादि शामिल हैं।
लोक निर्माण विभाग द्वारा बैठक में बताया गया कि शहर के अंदर 4 सड़कें तथा बाहर में 2 सड़कों के चौड़ीकरण का प्रस्ताव सम्मिलित है, जिसमें संपूर्णानंद-मलदहिया -लोहा मंडी मार्ग चौड़ीकरण, सिगरा चौराहे से रथयात्रा कमच्छा मार्ग होते हुए गुरुधाम चौराहे तक चौड़ीकरण रथयात्रा से महमूरगंज, मंडुआडीह, मुढैला मार्ग तक इत्यादि का प्रस्ताव भी शामिल है।
बैठक में मंडलायुक्त कौशल राज शर्मा, एडीजी राम कुमार, जिलाधिकारी एस राजलिंगम, अपर पुलिस आयुक्त संतोष सिंह, नगर आयुक्त प्रणय सिंह, वीडीए उपाध्यक्ष अभिषेक गोयल, एसीपी ट्रैफिक तथा नगर निगम, जल निग़म, जलकल, लोकनिर्माण विभाग, प्रांतीय खंड, बिज़ली विभाग, रेलवे इत्यादि से संबंधित अधिकारीगण उपस्थित रहे।