सुमेरपुर हमीरपुर। कस्बे में वर्णिता संस्था के तत्वावधान में जरा याद करो कुर्बानी के अन्तर्गत क्रांतिकारी चन्द्रशेखर आजाद की पुण्यतिथि मनाई गई।
संस्था के अध्यक्ष डा भवानीदीन ने श्रद्धा सुमन अर्पित करते हुये कहा कि आजाद जैसा अमर बलिदानी देश को बहुत कम मिलते हैं। इनका 23 जुलाई 1906 को जन्म हुआ था। आजाद बचपन से ही राष्ट्र सेवी सोच के थे। किशोरावस्था में ही आजादी के लिए सडक पर उतर आये। इन्हें 15 बेतों की सजा मिली थी। इन्होंने जज के सामने अपना नाम आजाद बताया था। तभी से यह आजाद कहलाने लगे। इनका कहना था कि गोरों के पास ऐसी कोई गोली नहीं है जो आजाद को मार सके। आजाद ने चाहे काकोरी कांड हो या सान्डर्स वध ,संगठन या फिर अन्य कोई क्रांतिकारी गतिविधि, किसी भी देशसेवी काम ये पीछे नहीं रहे। इनके योगदान कभी भी देश भूल नहीं सकता है। कालांतर मे 27 फरवरी 1931 को मात्र 24 वर्ष की उम्र मे इलाहाबाद मे एलफ्रेड पार्क मे गोरों से मुकाबला करते हुये शहीद हो गये थे। कार्यक्रम मे अवधेश कुमार गुप्ता एडवोकेट, अशोक अवस्थी, रमेशचंद्र गुप्ता, राधारमण गुप्ता लाला सत्यनारायण, आयुष शिवहरे, कल्लू चौरसिया आदि शामिल रहे।