Wednesday, November 27, 2024
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राजकीय अनुसूचित जाति बालक छात्रावास के लिए आवेदन जनवरी से

Kanpur Nagar: जिला समाज कल्याण अधिकारी डा० प्रज्ञा पाण्डेय ने बताया है कि समस्त शिक्षण संस्थानों में अध्ययरत छात्रों को सूचित किया जाता है कि समाज कल्याण विभाग द्वारा संचालित राजकीय अनुसूचित जाति बालक छात्रावास (आवासीय) शिवराजपुर कानपुर नगर में माह जनवरी 2022 में संचालन शुरू हो रहा है जिसकी क्षमता 50 छात्रों की होगी। उक्त छात्रावास में 70 प्रतिशत अनुसूचित जाति/जनजाति के छात्र तथा 30 प्रतिशत सामान्य/अन्य पिछड़ा वर्ग के छात्रों के लिए आरक्षित है। छात्रावास में निवास हेतु उच्च शिक्षा, विकलांग एवं सूदूर छात्रों को वरीयता दी जायेगी। छात्र अभिभावक की आय रू0-2.50 लाख वार्षिक आय से अधिक न हो।

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कानपुर हॉकी टीम अण्डर का ट्रायल 22 दिसम्बर को

Kanpur Nagar: 28 से 30 दिसम्बर, 2021 तक बाराबंकी उत्तर प्रदेश में आयोजित होने वाले प्रदेशीय हॉकी प्रतियोगिता हेतु जिला कानपुर हॉकी टीम अण्डर 14 वर्ष का ट्रायल दिनांक 22 दिसम्बर, 2021 को मध्यान 2ः30 बजे से ग्रीन पार्क क्रीडा संकुल, कानपुर में किया जाना है। इच्छुक खिलाड़ी समयानुसार ट्रायल में भाग ले सकते हैं।

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साक्षरता का जीवन की गुणवत्ता से सीधा संबंध!!!

भारत में प्रौढ़ शिक्षा अभियान तेज़ करने की ज़रूरत – साक्षरता ही कौशल विकास की कुंजी हैं
डिजिटल इंडिया के तेजी से विकास के बावजूद भारत में अधिक निरक्षरता चिंतनीय – एड किशन भावनानी
भारत हर क्षेत्र में बहुत तीव्र गति से विकास कर नए नए आयाम प्राप्त कर रहा है!!! इसमें कोई दो राय नहीं है। पूरे विश्व में डिजिटल भारत के नए भारत की परिकल्पना से विश्व अचंभित है!!! हम जनसंख्यकीय तंत्र का लाभ देने की दिशा में तेजी से काम कर रहे हैं। जिसमें 135 करोड़ जनसंख्या होने का विशाल मात्रा में लाभ भी हम प्राप्त कर सके, इसके लिए कौशलता विकास मंत्रालय भी बनाया गया है, जिसका सकारात्मक परिणाम भी शीघ्र ही हमें आने वाले वर्षों में देखने को मिलेगा!!!

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पूर्व तैयारियों के बाद तलाक का फैसला लें

जब दो विपरीत तार जुड़ जाते है तो चिंगारी उठना लाज़मी है। वैसे ही दो अलग स्वभाव के लोग शादी के बंधन में बंध जाते है तो तलाक होना भी तय है। “तलाक” ये शब्द ही एक लड़की की ज़िंदगी को तहस-नहस कर देने के लिए काफ़ी है। बहुत कम लड़कियां ये कदम उठाने की हिम्मत करती है। ज़्यादातर ससुराल में दमन सहते उम्र काट देती है। पर कुछ कारणों से कई बार ऐसे हालात पैदा हो जाते हैं कि पति-पत्नी का साथ रहना संभव नहीं होता। मजबूरन उन्हें अपने रास्ते अलग करने पड़ते हैं।

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ठाकुरद्वारा स्कूल में कोरोना जागरूकता प्रतियोगिता करवाई गई

कांगड़ा, हिमाचल प्रदेश। ठाकुरद्वारा स्कूल में बच्चों को कोरोना के प्रति जागरूक करने के लिए विभिन्न तरह की प्रतियोगिताएं करवाएंगी जैसे स्लोगन, पेंटिंग और निबंध लिखना। निबंध लिखने में कामना प्रथम, द्वितीय शिनम और तृतीय निखिल रहा। स्लोगन राइटिंग में शिनम प्रथम, वंश द्वितीय और राशि तृतीय रही। पेंटिंग प्रतियोगिता में सीनियर वर्ग में कामना प्रथम, आकृति द्वितीय और दीक्षा तृतीय रही और जूनियर वर्ग में वंदना प्रथम, गौरव द्वितीय और शुभम तृतीय रहा।

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आख़िर क्यूँ बदल जाते है बेटे शादी के बाद

आजकल बहुत से माँ-बाप की ये शिकायत रहती है की शादी के बाद बेटा बदल गया, अब हमारा नहीं रहा, बहू ने हमसे हमारा बेटा छीन लिया। ये विषय कोई आम नहीं, सोचनीय है। पहले माँ-बाप की मानसिकता की बात करते है, खास कर बेटा माँ के ज़्यादा करीब होता है। इंसान की फ़ितरत है अपनी सबसे अज़िज व्यक्ति या चीज़ पर किसी ओर का अधिकार बरदाश्त नहीं होता इसलिए बेटे की शादी के बाद बेटा उसकी पत्नी को ज़रा भी तवज्जों देता है तो माँ के मन में खटकता है जोकि बहुत गलत है।

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मेडिटेशन से प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाइए

अगर यह बात पौराणिक संदर्भ में कही जाती तो शायद यकीन नहीं होता, लेकिन अब विज्ञान भी मानने लगा है कि ध्यान से एक अदृश्य कवच जैसा बनता है। उस माहौल में वह कवच शरीर के आस-पास छाए संक्रमणों से बचाता है। हॉवर्ड विश्वविद्यालय में कार्डियो फैकल्टी में शोध निर्देशक डॉ. हर्बर्ट वेनसन का कहना है कि नियमपूर्वक 20 मिनट प्रतिदिन ध्यान (मेडिटेशन) किया जाए, तो शरीर में ऐसे बदलाव आने लगते हैं कि वह रोग और तनाव के आक्रमणों का मुकाबला करने लगता है। इसके लिए अलग से चिकित्सकीय सावधानी बरतनी पड़ती।

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शीतकाल में सर्दी-जुकाम

इस ऋतु में आमतौर से होने वाले रोगों में से खांसी-जुकाम या सर्दी एक साधारण रोग होता है। वैसे तो सर्दी या खांसी-जुकाम कभी भी और किसी भी कारण से हो सकता है लेकिन शीतकाल में शीत प्रकृति के लोगों को यह रोग प्रायः हो जाता है।
कारणः- आयुर्वेद के मतानुसार खांसी-जुकाम होने का दो प्रधान कारण बताया गया है। एक शरीर में एकत्र होने वाले विजातीय तत्वों का प्रभाव तथा दूसरा अपचपूर्ण आहार-विहार का सेवन माना गया है। पूर्वसंचित विजातीय विकार, कब्ज, श्वास-रोग, टांसिल बढ़ना, शारीरिक कमजोरी आदि कारणों से कितना भी सावधानी रखने पर बार-बार सर्दी- जुकाम हो जाता है।

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बच्चों से न छीने बचपन

विगत वर्षों इंग्लैंड के राजकुमार चार्ल्स की आत्मकथा को लेकर बड़ा बावेल्ला मचा रहा था। मुद्दा था, चार्ल्स द्वारा अपने बचपन की सहज रूप से न जी पाना। हर बात में उनके मां-बाप की दखलंदाजी से उनके व्यक्तित्व की सहजता, सरलता, स्वाभाविकता, मानवीय गुणों को समझाने की परख ही गयब हो गई। पीछे रह गई, कृत्रिमता, दिखावटीपन और बनावटीपन। जिसने उन्हें एक पढ़ा-लिखा साक्षर व्यक्ति बना दिया, पर मानवीय गुणों को, उसके जज्बे को, संबंधों की ऊष्मा की आंच से सर्वथा वंचित रखा।

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CM ने अफसरों के साथ की समीक्षा बैठक, दिव्य, भव्य और स्वच्छ हो माघ मेला

मेले में आने वाले स्नानार्थिंयों, श्रद्धालुओं, कल्पवासियों, साधु-महात्माओं के लिए सभी आवश्यक व्यवस्थायें सुनिश्चित करने के दिए निर्देश
मेला क्षेत्र में कोविड प्रोटाकाॅल का कड़ाई से पालन करने एवं वैक्सीनेशन की व्यवस्था किये जाने के दिए निर्देश
Prayagraj: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ शनिवार को आईसीसीसी में माघ मेला-2022 की तैयारियों की समीक्षा करते हुए माघ मेला को स्वच्छ, सकुशल एवं सुरक्षित तथा दिव्य एवं भव्य रूप से सम्पन्न कराने हेतु सम्बंधित विभागों के अधिकारियों को आवश्यक दिशा-निर्देश दिये है। उन्होंने मेला क्षेत्र में सफाई की व्यवस्था कुम्भ मेले की तर्ज पर कराये जाने का निर्देश दिया है। उन्होंने कहा कि बेहतर व्यवस्था के लिए बेहतर संवाद भी सुनिश्चित किया जाये।

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