आरबीएसके टीम की मदद से जन्मजात मूकबधिर अनमोल की कानपुर में हुई मुफ्त सर्जरी
हमीरपुर। पांच साल के होने जा रहे अनमोल के जन्म पर घर खुशियों से भर गया था, लेकिन जैसे-जैसे समय आगे बढ़ा वैसे-वैसे घर वालों को एहसास हुआ कि अनमोल बोल और सुन नहीं सकता। डॉक्टरों ने भी जब इसकी पुष्टि कर दी परिजन गहरे सदमें में चले गए। कुछ समय बाद पता चला कि इसका इलाज संभव है तो घर वालों को बड़ी राहत मिली। इसी से मिलती-जुलती कहानी कीर्ति मिश्रा की भी है। शहर के कुछेछा निवासी विनोद कुमार पेशे से ड्राइवर हैं, उनके दो पुत्रों में अनमोल सबसे बड़ा है, जब ढाई साल का हुआ तो परिजनों को इस बात का एहसास हुआ कि अनमोल सुन नहीं पाता। इसकी वजह से बोलने में भी अक्षम है। यह कैसे हुआ, किसी को कुछ पता नहीं था, लेकिन इस दुख ने परिजनों की परेशानी बढ़ा दी।
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