सासनी/हाथरस, जन सामना संवाददाता। कोतवाली पुलिस ने कस्बा में पैदलगश्त कर लोगों को कोरोना वायरस से बचाव के उपाय बाताए साथ ही लोगों से घरों में भी सोशल डिस्टेंस बनाए रखने की अपील की।
बुधवार की रात्रि मयफोर्स के गश्त कर रहे एसएचओ अश्वनी कौशिक ने बताया कि सरकार द्वारा अनलाॅक 1 का निर्णय लिए जाने के साथ शहरों में भीड बढने लगी है। मगर हमें भीड को नहीं बढने देना है, हमें सोशल डिस्टेंस के साथ रहकर कोरोना से बचने का उपाय करना है। उन्होंने बताया कि लोगों को फेस मास्क पहनने की आदत डालनी होगी। वहीं बाजारों में दुकानदारों को सेनेटाइजर तथा फेस मास्क का प्रयोग कर सामान की बिक्री करनी होगी। इसके अलावा लोगों को उचित दूरी बनाकर सामान खरीदना ओर बेचना होगा तभी हम अपने को कोरोना वायरस के हमले से बचा सकते है। और दूसरों की भी रक्षा कर सकते है। उन्होंने लोगों से घरों में रहने व मास्क लगने की अपील की। उन्होंने लोगों से कहा कि यदि कोई भी व्यक्ति अनलाॅक के नियमों विरूद्ध जाता है तो उसके खिलाफ कार्रवाई भी की जाएगी। चूंकि इस वक्त क्षेत्र में धारा 144 लागू है, उसका उलंघन करने वाले के खिलाफ विभिन्न धाराओं में कार्रवाई की जा सकती है। इस दौरान कस्बा इंचार्ज मनोज शर्मा, एसआई देवेन्द्र सिंह, विजय सिंह, दिनेश शर्मा, संजय राघव, शांतिशरण यादव, कांस्टेबिल शिवम, गौरव पुरी, नरेशपाल सिंह, आदि मौजूद थे।
एसपी ने किया अस्थाई जेल का निरीक्षण
सासनी/हाथरस, जन सामना संवाददाता। कस्बा में कैदियों के लिए बनाई गई। क्वारंटीन अस्थायी जेल का एसपी गौर बसंवाल ने निरीक्षण कर बैरक बनाने तथा बैरकों में साफ सफाई का विशेष ध्यान रखने के निर्देश दिए।
बता दें कि प्रकाश एकाडमी में कैदियों को क्वारंटीन करने के लिए अस्थायी जेल बनाई गई हैं यहां कैदियों को चैदह दिन क्वारंटीन करने के बाद जेल भेजा जाएगा क्वारंटीन के दौरान जांच के लिए भेजी जाने वाली रिपोर्ट के अधार पर उनका उपचार किया जाएगा। तथा स्वस्थ होने के बाद जेल में शिफ्ट किया जाएगा। प्रकाश एकाडमी में बनाई गई जेल का निरीक्षण करते हुए एसपी ने मौजूद कर्मचारियों से साफ सफाई का विशेष ध्यान रखने तथा बैरक बनाए जाने के वक्त उनमे कैदियों के रहने के लिए खाने पीने की व्यवस्था का भी जायजा लिया। इस दौरान उनके साथ अन्य अफसर मौजूद थे।
विजेन्द्र सागर बने भारतीय सत्य विजयी पार्टी प्रदेश अध्यक्ष
सासनी/हाथरस, जन सामना संवाददाता। भारतीय सत्य विजयी पार्टी हाथरस सुरक्षित विधान सभा सीट पर पार्टी संस्थापक एवं राष्ट्रीय अध्यक्ष मुकेश शर्मा ने सासनी के इंडियन विजेन्द्र सागर को प्रदेश अध्यक्ष नियुक्त किया है। श्री सागर के प्रदेश अध्यक्ष चुने जाने पर उनके समर्थकों में खुशी की लहर दौड गई। समर्थकों ने नानऊ रोड स्थित उनके आवास पर मिष्ठान वितरित कर खुशी का इजहार किया।
विजेन्द्र सागर ने बताया कि सत्य के लिए संघर्ष करने वाली पार्टी ने का भारत को खुदगर्ज एवं झूठी राजनीति करने वालों से मुक्त कराकर भयमुक्त शासन और जातिवाद से छुटकारा दिलाने का काम करना ही मुख्य उद्देश्य है। उन्होंने कहा कि हमारा मजहब एक है तो हमारी जाति भी एक है, इसलिए हम निष्पक्षता की मिसाल कायम कर भारत को नया रूप देने के लिए बाध्य है। इस दौरान सैकडों समर्थक मौजूद थे।
आत्महत्या करने जा रहे व्यक्ति की पुलिस ने की मद्द
हाथरस, नीरज चक्रपाणि। लॉकडाउन के चलते काम न मिलने और कर्जे से परेशान होकर आत्महत्या करने जा रहे व्यक्ति की पुलिस अधीक्षक गौरव बंसवाल के निर्देशन में थाना सदर कोतवाली प्रभारी जगदीश चंद्र ने पीड़ित व्यक्ति को एक माह की खाद्य सामग्री के साथ 5500 रुपये की आर्थिक सहायता कर आत्महत्या करने से रोका है।
आपको बतादे लॉकडाउन के बीच जिले में पुलिस का एक बार फिर मानवीय चेहरा देखने को मिला है। यहां थाना सदर कोतवाली क्षेत्र के जलेसर रोड स्थित श्यामनगर का रहने वाला मेम्वर सिंह लॉकडाउन के बीच काम न मिलने और उधारी के चलते कर्जा होने से परेशान होकर आत्महत्या करने की सोची। लेकिन आत्महत्या करने से पहले मेम्वर सिंह ने डायल 112 पर फ़ोन करके मदद की गुहार लगाई। मामले की जानकारी होने पर तत्काल पुलिस अधीक्षक गौरव बंसवाल ने थाना सदर कोतवाली प्रभारी को पीड़ित की मदद करने के लिए निर्देशित किया।
थाना सदर कोतवाली प्रभारी जगदीश चंद्र ने पीड़ित मेम्वर सिंह को एक माह की खाद्य सामग्री के साथ 5500 रुपये की आर्थिक सहायता देकर पीड़ित मेम्वर सिंह उसकी पत्नी के साथ घर वापस भेज दिया।
“एक और बेगुनाह की हत्या”
दक्षिण भारत के केरल राज्य में लिटरेसी रेट ९९% है। दूसरे शब्दों मे कहें तो केरल हिन्दुस्तान का सबसे साक्षर राज्य है किन्तु गत् २५ मई को केरल के पल्लकड़ जिले में भूख से बेहाल एक गर्भवती हथिनी को जिस प्रकार अन्नानास में विस्फोटक भरकर खिला दिया गया और जिससे उसका मुँह और जबड़ा जलकर जख्मी हो जाने के कारण हथिनी की मौत हो गई, केरल की साक्षरता का यह आंकड़ा दुर्भाग्यपूर्ण प्रतीत होता है।
इस घटना से ये भी साबित होता है कि लिटरेसी का मानवीयता से कोई संबंध नहीं है। पूर्णतः शिक्षित इस राज्य ने यह साबित कर दिया कि पढ़ लिखकर शिक्षित कहलवाना और वास्तविक रूप से शिक्षित होना दो अलग बातें है। इस लिहाज से देखे तो बिहार जैसे राज्य में जहाँ लिटरेसी रेट केरल जैसे राज्यों की अपेक्षा बहुत कम है, ज्यादातर लोग मेहनत मजदूरी करके जीवनयापन करते हैं परंतु इन राज्यों से इस तरह की क्रूरतम घटनाओं की खबरें कभी सामने नहीं आई।
सड़क हादसे में पुत्र की मौत पिता गंभीर रूप से घायल
अझुवा/कौशाम्बी, जन सामना ब्यूरो। जिला कौशाम्बी के बॉर्डर कनवार मोड़ के थोड़ा आगे फतेहपुर की सीमा के राष्ट्रीय राजमार्ग पर आज सुबह मोटरसाइकिल सवार लाल चंद्र उम्र लगभग 50 वर्ष, पवन कुमार 22 वर्ष के थे ट्रक ने टक्कर मारी जिस पर मोटरसाइकिल सवार पिता लालचंद्र गंभीर घायल हो गया और उसके पुत्र पवन की मौके पर ही दर्द नाक मौत हो गयी।
लाल चंद्र के भांजे संतोष कुमार ने बताया कि इनका मुख्य पैतृक गांव कौशाम्बी मे टेढ़ीमोड(थुलगुला) है लालचंद्र की पहली पत्नी खत्म हो गयी थी दूसरी शादी से पवन था हाल फिलहाल ये लोग फतेहपुर जिले के महटेंनी गांव में आवास आ रहे थे दोनों पिता पुत्र पेंटिंग का काम करते थे आज ही ये प्रयागराज से मोटरसाइकिल से अपने घर महाटेनी गांव जा रहे थे।
अब ग्रामीण क्षेत्र के विद्यालयों के तहत नगरीय क्षेत्रों के विद्यालय भी चमकेगें: डीएम
कानपुर देहात, जन सामना ब्यूरो। जिलाधिकारी राकेश कुमार सिंह ने कलेक्ट्रेट कार्यालय में नगरीय क्षेत्र के प्राथमिक व उच्च प्राथमिक विद्यालयों में कायाकल्प के तहत बाउड्री, ब्लैकबोर्ड, पेयजल, टायलिंग आदि कार्य कराये जाने के सम्बन्ध में समीक्षा बैठक की। बैठक में जिलाधिकारी ने बेसिक शिक्षा अधिकारी को निर्देशित किया कि विद्यालयों का चिन्हीकरण कर ले तथा स्टीमेट भी तैयार करा ले। जिससे कि विद्यालयों में अधूरे कार्यो को कराया जा सके।
बैठक में जिलाधिकारी को बीएसए द्वारा अवगत कराया गया कि नगरीय क्षेत्र के तहत जनपद में कुल 75 उच्च व प्राथमिक विद्यालयों में अधूरे पडे कार्यो को कराया जाना है। जिसके तहत अकबरपुर में 25 विद्यालय, रूरा 4, डेरापुर 6, अमरौधा 10, सिकन्दरा 4, झीझक 11, रसूलाबाद 9, शिवली 6 विद्यालयों में कायाकल्प के द्वारा संतृप्तीकरण कराया जाना है।
विश्व दिव्यांग दिवस पर राष्ट्रीय पुरस्कार हेतु आवेदन 30 जून तक
कानपुर देहात, जन सामना ब्यूरो। 03 दिसम्बर 2020 को ’’विश्व दिव्यांग दिवस’’ के अवसर पर विभिन्न श्रेणी के ’’राष्ट्रीय पुरस्कार’’ भारत सरकार सामाजिक, न्याय और अधिकारिता मंत्रालय दिव्यांगजन सशक्तीकरण विभाग, नई दिल्ली द्वारा दिये जायेंगे।
उपरोक्त जानकारी देते हुए जिला दिव्यांगजन सशक्तीकरण अधिकारी गिरिजा शंकर सरोज ने बताया कि राष्ट्रीय पुरस्कार के लिए सर्वश्रेष्ठ नियोक्ता तथा प्लेसमेंट अधिकारी या एजेंसी।, दिव्यांग व्यक्तियों के निमित्त कार्यरत सर्वश्रेष्ठ व्यक्ति या संस्था, प्रेरणास्रोत, दिव्यांग व्यक्तियों के जीवन सुधारने के निमित्त सर्वश्रेष्ठ अनुप्रयुक्त अनुसंधान या नवप्रर्वतन या उत्पाद विकास, दिव्यांग व्यक्तियों के लिए बाधामुक्त वातावरण के सृजन में उत्कृष्ट कार्य के लिए, पुनर्वास सेवाएं प्रदान करने में सर्वश्रेष्ठ जिले के लिए, राष्ट्रीय दिव्यांग वित्त और विकास निगम की सर्वश्रेष्ठ राज्य चैनेलाइजिंग एजेंसी, सृजनशील वयस्क दिव्यांग व्यक्तियों, उत्कृष्ट सृजनशील दिव्यांग बच्चे, सर्वश्रेष्ठ ब्रेल प्रेस, सर्वश्रेष्ठ सुगम्य वेबसाइट, सर्वश्रेष्ठ दिव्यांग खिलाड़ी। श्रेणियां निर्धारित हैं।
ये समय है घायल पर्यावरण को संवारने का
लॉकडाउन के माध्यम से संघर्ष करने के बाद, नई चिंताओं और तनाव की बाढ़ के साथ, अंत में आराम करने का समय आ गया है। यह निश्चित है कि, सामान्य स्थिति ’का एक संकेत हमारी घायल पृथ्वी पर लौटने और पर्यावरण को सँवारने का है तो, इस बार विश्व पर्यावरण दिवस मनाने के लिए, हमें एक साथ आना चाहिए और इस ग्रह की बेहतरी की दिशा में काम करना चाहिए।
इस वर्ष के विश्व पर्यावरण दिवस का विषय ‘प्रकृति के लिए समय’ है। जीवन का जश्न मनाने के लिए, विभिन्न प्रजातियों, अनिवार्यताओं पृथ्वी हमें नि: शुल्क आपूर्ति करती है, और इस ग्रह को अच्छी तरह से जानने के लिए, एक बार फिर, हमें अनुसंधान और नवाचारों के माध्यम से अर्जित अनंत ज्ञान में गोता लगाना चाहिए। और एक बार फिर, हमें टीम को सुलझाना चाहिए, हल करना चाहिए, और उस पर्यावरण को बेहतर बनाने के लिए कार्य करना चाहिए जो हमें निराश करता है।
संस्कार विहीन समाज की उभरती नई संस्कृति
वर्तमान में जब समाज में कोई नकारात्मक कृत्य घटित हो जाता है तो सभी सोशल मीडिया के माध्यम से शोक प्रकट करने लगते है वास्तव में यह सब हमारे द्वारा दिए गए संस्कारों का परिणाम है जो इस तरह की भयानक घटनाओं के रूप में सामने आते है–
एकल परिवार का प्रचलन बढ़ने से माता-पिता की बढ़ती जिम्मेदारियों के बीच बच्चे अपनी संस्कृति और संस्कारों से अपरिचित रह जाते है क्योंकि संयुक्त परिवार में माता-पिता, दादा-दादी की छांव में जब एक बच्चा बड़ा होता है तो वह इन समस्त गुणों से परिपूर्ण हो जाता है!!
जन्म के साथ ही बच्चे को मोबाइल थमा देना व्यस्तता के कारण माता-पिता की मजबूरी होती है परंतु बचपन से ही विकिरणों के नकारात्मक प्रभाव से बच्चे की दशा(स्वास्थ संबंधी समस्यायें) और दिशा(मूल्यहीन मनोवृत्ति) दोनों का नकारात्मक विकास हो जाता है!!