भारतीय रेलवे ने 15 दिन से भी कम समय में “श्रमिक स्पेशल” ट्रेनों के जरिये 10 लाख से अधिक यात्रियों को उनके गृह राज्यों में पहुंचाकर महत्वपूर्ण उपलब्धि हासिल की
यात्रियों को मुफ्त भोजन और पानी दिया जा रहा है
यात्रियों को भेजने वाले और उन्हें अपने यहां लेने वाले राज्य की सहमति के बाद ही रेलवे द्वारा ट्रेनें चलाई जा रही हैं
नई दिल्ली, जन सामना ब्यूरो। विभिन्न स्थानों पर पलायन करके गए फंसे श्रमिकों, तीर्थ यात्रियों, पर्यटकों, छात्रों और अन्य व्यक्तियों की आवाजाही के संबंध में गृह मंत्रालय के आदेश के बाद,भारतीय रेलवे ने “श्रमिक स्पेशल” ट्रेनों के संचालन का निर्णय लिया।
14 मई 2020 तक, देश भर के विभिन्न राज्यों से कुल 800 “श्रमिक स्पेशल” ट्रेनेंचलाई गई। 10 लाखसे अधिक यात्री अपने गृह राज्य पहुंच चुके हैं। यात्रियों को भेजने वाले और उन्हें अपने यहां लेने वाले राज्य की सहमति के बाद ही रेलवे द्वारा ट्रेनें चलाई जा रही हैं।
इन 800 ट्रेनों को विभिन्न राज्यों जैसे आंध्र प्रदेश, बिहार, छत्तीसगढ़, हिमाचल प्रदेश, जम्मू और कश्मीर, झारखंड, कर्नाटक, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, मणिपुर, मिजोरम, ओडिशा, राजस्थान, तमिलनाडु, तेलंगाना, त्रिपुरा, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड और पश्चिम बंगाल में समाप्त कर दिया गया था।
ट्रेन में चढ़ने से पहले यात्रियों की उचित जांच सुनिश्चित की जाती है। यात्रा के दौरान यात्रियों को मुफ्त भोजन और पानी दिया जाता है।
श्रमिकों को लाने के लिये वाहन पास जिलाधिकारी से प्राप्त कर सकते हैं
मुख्य सचिव ने परिपत्र निर्गत कर जिलाधिकारियों को अन्य जनपदों से as a one time exercise, श्रमिकों को लाने के लिए वाहन पास निर्गत किये जाने हेतु अधिकृत किया
लखनऊ, जन सामना ब्यूरो। उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव श्री राजेन्द्र कुमार तिवारी ने कहा है कि औद्योगिक इकाई एवं प्रतिष्ठान, जिन्हें संचालित किये जाने की अनुमति दी गई है, वह अपने श्रमिकों को लाने के लिये वाहन पास सम्बन्धित जिलाधिकारी से प्राप्त कर सकते हैं। उन्होंने परिपत्र निर्गत कर जिलाधिकारियों को अन्य जनपदों से as a one time exercise, श्रमिकों को लाने के लिए वाहन पास निर्गत किये जाने हेतु अधिकृत किया है।
48 जिला अदालतों में 2548 मामले 13 मई को पेश हुए 1017 मामले निस्तारित
प्रयागराज, जन सामना ब्यूरो। लॉकडाउन में प्रदेश की ग्रीन व आरेन्ज जोन के जिलों की अधीनस्थ अदालतों को खोलने का निर्णय लिया गया है। जिसमे सुप्रीम कोर्ट हाईकोर्ट सहित केंद्र व राज्य सरकार के दिशा निर्देशों का पालन किया जा रहा है।
निबंधक शिष्टाचार आशीष कुमार श्रीवास्तव ने बताया कि 13 मई को ग्रीन व आरेन्ज जोन की 48अधीनस्थ जिला अदालतों में 2548 मामलों की सुनवाई की गयी जिसमे से 1017 मामले निस्तारित किये गये।
प्रदेश के 63 जिलों की अदालतों मे विचाराधीन कैदियों की रिमांड एवं अन्य न्यायिक कार्य वीडियो कान्फ्रेन्सिंग से निपटाये गये। कुल 2441 मामलो में वीडियो कांफ्रेंसिंग की गयी।
उपमुख्यमंत्री ने कोरोना वायरस संक्रमण के बारे में कानपुर नगर से लिया फीडबैक
जनप्रतिनिधियों व प्रशासनिक अधिकारियों से की वस्तुस्थिति की जानकारी, वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए किया संवाद
लॉकडाउन का कड़ाई से किया जाए अनुपालन, जिलाधिकारी की अनुमति से कराए जाएं निर्माण कार्य
ज्यादा से ज्यादा श्रमिकों को काम देने का किया जाए प्रयास -केशव प्रसाद मौर्य
लखनऊ, जन सामना ब्यूरो। उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री व कानपुर नगर के प्रभारी मंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने आज जूम ऐप के जरिए जनपद कानपुर नगर के जनप्रतिनिधियों, सांसदों, विधायकों, मेयर व उच्च प्रशासनिक अधिकारियों से कोरोना संक्रमण के मद्देनजर विभिन्न विषयों पर वार्ता करते हुए फीडबैक लिया तथा जनप्रतिनिधियों के सुझाव भी लिए।
उन्होंने मंत्री औद्योगिक विकास, सतीश महाना मंत्री, प्राविधिक शिक्षा कमला रानी ‘वरुण’, राज्यमंत्री, उच्च शिक्षा, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी नीलिमा कटियार, सांसद देवेंद्र सिंह भोले व वहां के विधायकों सहित जिलाधिकारी ब्रह्म देव राम तिवारी, नगर आयुक्त व मुख्य चिकित्सा अधिकारी से वार्ता करते हुए वहां की विभिन्न समस्याओं की जानकारी ली तथा उनके सुझाव भी लिए। जिलाधिकारी सहित अन्य अधिकारियों को आवश्यक दिशा निर्देश भी दिए।
30 दिन बाद घर लौटा कोरोना योद्धा स्वागत देख हुये भावुक
कानपुर, जन सामना ब्यूरो। कोविड-19 वैश्विक महामारी की लड़ाई स्वास्थ्य विभाग का एक-एक स्टॉफ योद्धा बनकर जंग की तरह लड़ रहा है। इस जंग में जिसकी ड्यूटी जहां लग गई वो वहीं पर अपनों से दूर रहकर लगातार सेवाएं दे रहा है। ऐसा ही एक योद्धा जब 30 दिन बाद अपने घर लौटा तो उसका मोहल्ले के लोगो ने फूल बरसाकर स्वागत किया तो कोरोना योद्धा भावुक हो गये। बेटे का ऐसा भव्य स्वागत देख परिजनों की आंखों में खुशी के आंसू छलक आये।
दरासल 355 ईडब्ल्यूएस बर्रा 4 निवासी प्रमोद कुमार सचान जोकि प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र मेहरवान सिंह का पुरवा में लैब टैक्नीशियन के पद पर कार्यरत हैं। उनकी ड्यूटी कोविड-19 स्तर-1 हॉस्पिटल सरसौल कानपुर नगर में लगी थी। 16 अप्रैल से 30 अप्रैल तक लगी थी। उसके बाद उन्हें 14 दिन के लिये क्वॉरन्टीन हेतु मून एण्ड मार्स रिसार्ट रूमा में रखा गया था। कोरोना वायरस और लॉकडाउन के कारण उन्हें अपनों से 30 दिनों तक दूर रहना पड़ा। उनके दो बच्चे क्रमशः ओजस्व सचान 10 वर्ष व तेजस्व सचान 4 वर्ष के हैं। दोनों बच्चे प्रत्येक दिन अपनी मम्मी कल्पना से यह पूछते रहते थे कि पापा घर कब आयेंगे। आज जब वह 30 दिन बाद अपनी गली में पहुंचे तो मोहल्लावासियों और परिवार वालों ने उनपर पुष्पवर्षा कर और उन्हें फूल मालाएं पहनाकर जोरदार स्वागत किया। स्वागत देख कोरोना योद्धा प्रमोद भावुक हो गये।
जिला विधिक सेवा प्राधिकारण सचिव ने क्वारंटाइन सेन्टर का किया निरीक्षण
कानपुर देहात, जन सामना ब्यूरो। कोरोना महामारी के दिन प्रतिदिन बढ़ते जाने के कारण सतर्कता का संदेश भी लगातार दिया जा रहा है। राज्य विधिक सेवा प्राधिकारण लखनऊ व जनपद न्यायाधीश/अध्यक्ष जिला विधिक सेवा प्राधिकारण यशवन्त कुमार मिश्र के निर्देशन में जनपद में स्थित क्वारंटाइन सेन्टर का निरीक्षण के लिए सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकारण कानपुर देहात को निर्देशित किया गया है। निर्देशों के तहत जिला विधिक सेवा प्राधिकारण सचिव साक्षी गर्ग द्वारा सीएचसी अकबरपुर तथा तहसील अकबरपुर के अन्तर्गत स्थित अन्य क्वारंटाइन सेन्टर अनन्तराज नर्सिंग इंस्टीट्यूट अकबरपुर एवं प्रभाव इंजीनियरिंग कालेज बारा में निरीक्षण किया गया। इन क्वारंटाइन सेन्टर पर उचित प्रबन्ध किया गया है। इन क्वारंटाइन सेन्टर में रास्ते पर आने जाने वाले व्यक्तियों का परीक्षण करके उन्हें क्वारंटाइन किया जा रहा है तथा खाने के लिए कम्युनिटी चिकन की भी व्यवस्था की गयी है जिससे कि किसी भी व्यक्ति को इस महामारी से लडने में सहायता प्रदान की जा सके।
Read More »एक ही परिसर में संचालित परिषदीय स्कूलों के संविलियन के नये नियम जारी
कानपुर देहात, जन सामना ब्यूरो। बेसिक शिक्षा परिषद द्वारा एक ही प्रांगण में संचालित प्राथमिक एवं उच्च प्राथमिक विद्यालयों के संविलियन किये जाने के उपरांत मध्यान्ह भोजन निधि के खाता संचालन के संदर्भ में नवीन दिशा-निर्देश जारी किये गये हैं। अब प्राइमरी या जूनियर स्कूलों में से जिस स्कूल में बच्चे ज्यादा होंगे उनमें कम बच्चे वाले स्कूल का संविलियन होगा। ज्यादा बच्चों वाले स्कूल की विद्यालय प्रबंध समिति और मिड डे मील का खाता ही चालू रहेगा। पहले एक ही प्रांगण में स्थित जूनियर विद्यालय के प्रधानाध्यापक को यह कार्य सौंपा गया था। यदि कहीं पर दो प्राथमिक विद्यालयों का संविलियन हुआ है तो वरिष्ठ प्रधानाध्यापक को यह कार्य सौंपा गया था किन्तु अब इस संबंध में बेसिक शिक्षा निदेशक डॉ सर्वेन्द्र विक्रम बहादुर सिंह ने कुछ संशोधन किये हैं। स्कूलों के संविलियन के लिए जिलों में तैनात जिला समन्वयक (सिविल) को नोडल अफसर बनाया गया है और इनकी देखरेख में ही पूरी कार्यवाही की जायेगी।
Read More »स्कूलों में डम्प पड़े खाद्यान्न को गरीबों में किया जाये वितरित
जुलाई के पहले नहीं खुलेंगे स्कूल, खाद्यान्न खराब होने की सम्भावना
कानपुर देहात, जन सामना ब्यूरो। कोरोना वैश्विक महामारी के कारण प्रत्येक गांव, कस्बों व शहरों में हजारों लोग भुखमरी के शिकार हो गये हैं। ऐसे में सरकार हरसम्भव मदद का प्रयास कर रही है लेकिन फिर भी काफी और बहुत कुछ करने की आवश्यकता है।
कार्यालय जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी कानपुर देहात में कंप्यूटर ऑपरेटर के पद पर कार्यरत गणेश श्रीवास्तव ने जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी सुनील दत्त को पत्र लिखकर एक महत्वपूर्ण सुझाव दिया है। उन्होंने अपने पत्र में लिखा है कि जिले के सभी परिषदीय विद्यालयों में एमडीएम योजना का खाद्यान्न गेहूं, चावल काफी मात्रा में भरा पड़ा है। लगभग सभी विद्यालयों में जरूरत से ज्यादा खाद्यान्न रखा हुआ है। वैश्विक महामारी होने के कारण प्रधानमंत्री जी के निर्देशानुसार समस्त विद्यालयों को बंद कर दिया है।
चौथे चरण में हॉटस्पॉट तक सीमित किया जा सकता है लॉकडाउन
प्राथमिक स्कूलों की शिक्षक भर्ती परीक्षा को उत्तीर्ण करने वाले अभ्यर्थी चयन को लेकर बेचैन
भर्ती परीक्षा व शैक्षिक गुणांक बेहतर तो 69000 वैकेंसी में शिक्षक बनना तय- राजेश बाबू कटियार
कानपुर देहात, जन सामना ब्यूरो। प्राइमरी स्कूलों की 69,000 शिक्षक भर्ती की लिखित परीक्षा उत्तीर्ण करने वाले सभी अभ्यर्थी यह जानने को बेकरार हैं कि आखिर शिक्षक बनाने वाला गुणांक क्या होगा। वजह जो अभ्यर्थी पहले शैक्षिक अंकों को लेकर इतराते थे उन्हें भर्ती की परीक्षा में अपेक्षित अंक नहीं मिले हैं। वहीं एकेडमिक प्रदर्शन जिनका औसत रहा है उनमें से कई भर्ती में अच्छे अंक पा गये हैं। दोनों तरह के अभ्यर्थी शिक्षक बन सकेंगे वे पूरे मन से नहीं कह पा रहे हैं क्योंकि भर्ती परीक्षा में सफल होने वाले अभ्यर्थियों की तादाद दोगुने से अधिक है। भर्ती में अभी खूब उलटफेर देखने को मिलेगा।