Friday, November 8, 2024
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30 दिन बाद घर लौटा कोरोना योद्धा स्वागत देख हुये भावुक

कानपुर, जन सामना ब्यूरो। कोविड-19 वैश्विक महामारी की लड़ाई स्वास्थ्य विभाग का एक-एक स्टॉफ योद्धा बनकर जंग की तरह लड़ रहा है। इस जंग में जिसकी ड्यूटी जहां लग गई वो वहीं पर अपनों से दूर रहकर लगातार सेवाएं दे रहा है। ऐसा ही एक योद्धा जब 30 दिन बाद अपने घर लौटा तो उसका मोहल्ले के लोगो ने फूल बरसाकर स्वागत किया तो कोरोना योद्धा भावुक हो गये। बेटे का ऐसा भव्य स्वागत देख परिजनों की आंखों में खुशी के आंसू छलक आये।
दरासल 355 ईडब्ल्यूएस बर्रा 4 निवासी प्रमोद कुमार सचान जोकि प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र मेहरवान सिंह का पुरवा में लैब टैक्नीशियन के पद पर कार्यरत हैं। उनकी ड्यूटी कोविड-19 स्तर-1 हॉस्पिटल सरसौल कानपुर नगर में लगी थी। 16 अप्रैल से 30 अप्रैल तक लगी थी। उसके बाद उन्हें 14 दिन के लिये क्‍वॉरन्‌टीन हेतु मून एण्ड मार्स रिसार्ट रूमा में रखा गया था। कोरोना वायरस और लॉकडाउन के कारण उन्हें अपनों से 30 दिनों तक दूर रहना पड़ा। उनके दो बच्चे क्रमशः ओजस्व सचान 10 वर्ष व तेजस्व सचान 4 वर्ष के हैं। दोनों बच्चे प्रत्येक दिन अपनी मम्मी कल्पना से यह पूछते रहते थे कि पापा घर कब आयेंगे। आज जब वह 30 दिन बाद अपनी गली में पहुंचे तो मोहल्लावासियों और परिवार वालों ने उनपर पुष्पवर्षा कर और उन्हें फूल मालाएं पहनाकर जोरदार स्वागत किया। स्वागत देख कोरोना योद्धा प्रमोद भावुक हो गये।
प्रमोद कुमार सचान का कहना है कि वह हर समय परिवार को याद करते थे, लेकिन कोरोना महामारी की वजह से लगातार ड्यूटी करनी पड़ी। ऐसे में परिवार के बारे में सोचने का समय नहीं मिल पा रहा था क्योंकि इस आपदा के समय में लोगों की उम्मीदें उनसे जुड़ी हैं। उन्हें गर्व है कि निर्भीकता से उन्होंने ड्यूटी की।
वहाँ मौजूद लोगो ने कहा कि प्रमोद कुमार सचान जैसे लोग जबतक कोरोना योद्धा हैं। तबतक इससे डरने की जरूरत नहीं है। इनके जैसे कोरोना योद्धाओं की बदौलत ही हम कोरोना से जंग जीतेंगे। इतना प्यार व सम्मान देखकर प्रमोद के साथ-साथ उनके परिवार के लोगों की आंखों में भी आंसू आ गये।