अपने ही ले डुबेंगे अपनों की नईया।
भाजपा को लगेगा तंगड़ा झटका।
भाजपा के ही कार्यकर्ता लड़ेगे अपनों के लिखाफ चुनाव
फिरोजाबादः जन सामना संवाददाता। शिकोहाबाद नगर पालिका परिषद शिकोहाबाद से भाजपा जिलाध्यक्ष के पास 21 लोगों ने टिकट के लिए आवेदन किया था। उन्हे आशा थी कि पार्टी की हमने वर्षाें तक सेवा की है तो उन्हे ये टिकट मिलने की उम्मीद थी।
कोई भाजपाई कह रहा था कि मैने पार्टी की 20 वर्षाें से तन, मन, धन से सेवा की है इसलिए टिकट मुझे मिलनी चाहिए तो दूसरा टिकटार्थी कह रहा था कि मैने तो 47 साल से भाजपा को अपनी मां माना है इसलिए टिकट मुझे मिलना चाहिए। तीसरा टिकटार्थी का कहना है कि मैने जिले के हर प्रोग्राम में रू0 को पानी तरह लगाया है लेकिन टिकट नही मिला।
JAN SAAMNA DESK
शौचालय योजना में भ्रष्टाचारः प्रधान व पंचायत सचिव पर एफ आई आर
फिरोजाबाद, जन सामना संवाददाता। जनपद की एक ग्राम पंचायत में शौचालय निर्माण एवं निर्मल योजना के तहत जारी लाखों रूपये की धनराशि ग्राम प्रधान और तत्कालीन पंचायत सचिव ने मिली भगत से हड़प ली गई। दोनों पर लगाए गए गबन के अरोप जांच के बाद सिद्व हो गए। जिलाधिकारी के निर्देश पर एडीओं पंचायत ने ग्राम प्रधान और पंचायत सचिव के विरूद्व सिरसागंज थाने में एफआईआर दर्ज कराई है।
दीपावली पर्व के बाद चार्तुमास का समापन
फिरोजाबाद, एस. के. चित्तौड़ी। चार्तुमास समापन एवं दीपावली पर्व के बाद जैन धर्म के प्रचार-प्रसार, मानव कल्याण के लिए जैन मुनि चैत्य सागर महाराज संसघ बुधवार को चन्द्रवाड़ जैन मंदिर के लिए विहार कर गये। विहार के समय अपार जनसमूह बैण्ड बाजों के साथ उनके साथ था।
चैत्य सागर महाराज ने चार्तुमास श्री दिगम्बर जैन मंदिर नसिया पर किया था। दीपावली पर्व के बाद चार्तुमास का समापन हुआ। बुधवार को अपरांह तीन बजे नसिया जी जैन मंदिर से जैन मुनि को बैण्ड बाजों के साथ विहार कराया गया। महिलाऐं-पुरूष और बच्चे उनके साथ चल रहे थे। जैन मुनि संसघ सांय चन्द्रवाड़ जैन मंदिर पहुंच गये। वहां से गुरूवार को प्रातः सोरीपुर बटेश्वर के लिए प्रस्थान करेंगे। जैन मुनि के प्रवास के दौरान नगर के विभिन्न जैन मंदिर में धार्मिक कार्यक्रम आयोजित किय गये।
मांगों को लेकर धरने पर बैठे अधिवक्ता
पूर्व बार अध्यक्ष का मुकदमा दर्ज न होने से नाराज हैं अधिवक्ता
आॅनलाइन बैनामा पद्धति को समाप्त कराए जाने की कर रहे हैं मांग
टूंडला, जन सामना संवाददाता। मांगों को लेकर तहसील परिसर में चल रही बार एसोसिएशन की हडताल 17वें दिन भी जारी रही। अधिवक्ताओं ने पूर्व बार अध्यक्ष की ओर से मुकदमा दर्ज कराए जाने और आॅनलाइन बैनामा प्रक्रिया को समाप्त कराए जाने की मांग की। अधिवक्ताओं ने चेतावनी दी कि जब तक उनकी मांगें नहीं मानी जाएंगी। तब तक उनका धरना जारी रहेगा।
बार अध्यक्ष राहुल कुमार सिंह एडवोकेट ने कहा कि पूर्व बार अध्यक्ष सलीम खां के परिवार के साथ दबंगों ने मारपीट की। पुलिस ने दूसरे पक्ष के विरूद्ध कोई कार्रवाई न करते हुए अधिवक्ता के विरूद्ध ही मुकदमा दर्ज कर जेल भेज दिया था। अब अधिवक्ता रिपोर्ट दर्ज कराने के लिए थाने के चक्कर लगा रहे हैं तब भी पुलिस कोई सुनवाई नहीं कर रही है। कोई कार्रवाई न होने से विपक्षियों के हौंसले बुलंद हैं। उनके द्वारा आए दिन पूर्व बार अध्यक्ष के परिवारीजनों के साथ मारपीट की जा रही है। मुकदमा दर्ज कराने के लिए बार एसोसिएशन के पदाधिकारी तहसील में धरना दे रहे हैं।
नामांकन के लिए तहसील में जुटे रहे प्रत्याशी
अध्यक्ष के तीन और सभासद पद के 24 प्रत्याशियों ने जमा किए नामांकन
तहसील में दिन भर लगा रहा हुजूम, पैदल मार्च करते पहुंचे प्रत्याशी
टूंडला, जनसामना संवाददाता। निकाय चुनाव को लेकर बुधवार को प्रत्याशी लाव लश्कर के साथ नामांकन करने पहुंचे। मैन बाजार से तहसील तक प्रत्याशी पैदल समर्थकों के साथ तहसील पहुंचे। शाम चार बजे तक प्रत्याशियों द्वारा नामांकन की प्रक्रिया पूरी की गई। इस दौरान एसडीएम और तहसीलदार भी जानकारी जुटाते रहे।
बुधवार दोपहर 11 बजे के बाद तहसील परिसर में प्रत्याशियों का पहुंचना शुरू हो गया था। अध्यक्ष पद के लिए सबसे पहले कांग्रेस प्रत्याशी हरीशचन्द्र समर्थकों के साथ पैदल नारे लगाते हुए तहसील पहुंचे। पूर्व जिलाध्यक्ष प्रेमचन्द्र शास्त्री व नगर अध्यक्ष योगेन्द्र सिंह सिसौदिया को साथ लेकर उन्होंने अपना नामांकन दाखिल किया। बसपा प्रत्याशी पुष्पा मौर्या भी समर्थकों के साथ नामांकन करने पहुंची। दल बल के साथ उन्होंने नामांकन किया।
आग से बचने के चक्कर में छत से कूदा युवक, टूटा पैर
औरैया: जन सामना ब्यूरो। शहर के मोहल्ला गोविन्द नगर में रहने वाले सुरेन्द्र पुत्र घसीटे के घर में मंगलवार की सुबह खाना पक रहा था। इसी दौरान सिलेण्डर में लीकेज होने के कारण आग लग गयी। देखते ही देखते इस आग ने विकराल रूप धारण कर लिया। आनन फानन गृहस्वामी ने बच्चों को बाहर निकाला और बुझाने का प्रयास करने लगा। घर मे आग लगी देख नजदीकी लोग वहां आ गये और आग बुझाने लगे। सूचना पर अन्य लोग भी वहां पहुंच गये और उधर आग से बचने के लिए सुरेन्द्र अपनी छत से कूद गया। जिससे उसके पैर में गम्भीर चोटें आयी हैं। जानकारी पाकर बसपा नेता आलोक वर्मा भी उसके घर पहुंचे और उसे उपचार के लिए अस्पताल में भर्ती कराया।
Read More »निकाय चुनावःनामांकन के चौथे दिन अध्यक्ष के 11 व सभासदों के 68 पर्चे दाखिल’
औरैयाः ध्रुव कुमार अवस्थी। सदर तहसील में सुबह से ही नामांकन दाखिल की गहमा गहमी शुरू हो गयी थी। मंगलवार को तहसील परिसर में नगर पंचायत फफूंद एवं दिबियापुर के अलावा नगर पालिका परिषद औरैया के दावेदारों ने अपने अपने नामांकन पत्र दाखिल किये। दिबियापुर नगर पंचायत अध्यक्ष पद के अलावा नगर पालिका औरैया के दावेदारों ने अपने अपने नामांकन पत्र दाखिल किये। दिबियापुर नगर पंचायत अध्यक्ष पद से सिर्फ बसपा प्रत्याशी की हैसियत से आशीश कुमार त्रिपाठी (बब्बन) ने अपना पर्चा स्थानीय तहसील में दाखि किया। इसके अलावा प्रमुख राजनैतिक दलों की ओर से किसी भी प्रत्याशी ने मंगलवार को सदर तहसील में पर्चा दाखिल नहीं किया। औरैया में नगर पालिका अध्यक्ष पद के लिए
Read More »बेटी जीवा की वर्षगाँठ के अवसर पर मानवता का भोजन बैंक का शुभारम्भ
कानपुर, जन सामना संवाददाता। कबाड़ बस्ती चकेरी में मानवाधिकार सुरक्षा एवं संरक्षण द्वारा मानवता भोजन बैंक का शुभारम्भ किया गया। संस्था के राष्ट्रीय महामंत्री तपन अग्निहोत्री ने जानकारी दी कि संस्था के सदस्य आदित्य मिश्रा व शिखा मिश्रा की पुत्री जीवा का तीसरे वर्षगाँठ के शुभअवसर पर मानवता का भोजन बैंक का जीवा के करकमलों द्वारा शुभारम्भ किया गया। बताया गया कि संस्था मानवता के भोजन बैक के माध्यम से गरीब बस्तियों में जाकर समय समय पर भोजन कराती रहेगी। इसमें संस्था अपने सहयोग के साथ साथ जन सहयोग के माध्यम से इन बस्तियों में पौष्टिक आहार की व्यवस्था करती रहेगी। इससे पहले नौबस्ता में मानवता की दीवार के माध्यम से बस्तियों में गरीबों को मुफ्त में वस्त्र वितरण किए जा चुके है। संस्था इसी तरह से मानवता का भोजन बैक बनाकर गरीब व असहाय लोगों के लिए भोजन की व्यवस्था करेगी। जिससे गरीब लोग भूखे न सोये पहले भी संस्था द्वारा गरीब लोगो को भोजन फल खाद्य सामग्री वितरण कार्यक्रम कई गरीब बस्तियों में करा चुकी है।
महिलाओं को उन्नति करने के लिए उन्नत माहौल की आवश्यकता
आंकड़े सिर्फ आहट की दस्तक नहीं देते, बल्कि सच्चाई से रूबरू कराते हैं। देश में लिंग-अनुपात के लगातार कम होने के जो आंकड़े हमारे सामने आ रहे हैं, वे न सिर्फ हमारी मानसिकता बताते हैं। यहां तक हमारे समाज के दो- अर्थी व्यहवार को भी व्यक्त करते हैं। साथ- साथ यह भी पता चलता है, कि कन्याभ्रूण हत्या रोकने और अन्य स्तर पर लड़कियों को सुरक्षा देने के सरकारी और गैर-सरकारी प्रयास निरर्थक ही साबित हो रहें हैं। मध्यप्रदेश प्रदेश सरकार भले ही प्रदेश के हर घर की लाड़ली को लक्ष्मी बनाने का अथक प्रयास कर रही हो, लेकिन जमीनी हकीकत में लड़कियां 28 दिन भी साँसें नहीं ले पाती । मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार जहां सूबे में लड़के की मृत्यु दर में 14.6 प्रतिशत की दर से गिरावट आ रही है, वहीं घर की लाड़ली बन रहीं लड़कियों की मृत्युदर में मात्र 1.6 फीसदी की मामूली गिरावट यह दर्शाता है, कि नीति-निर्धारक कितने भी कानून का एलान कर दे, लेकिन लैंगिक भेदभाव समाज से दूर किए बिना लड़कियों की संख्या सूबे क्या पूरे देश में लड़कों के बराबरी पर नहीं आ सकती।
बात चाहें मध्यप्रदेश की हो, या पूरे देश की। पुरुष प्रधान सोच देश से अभी निकल नही पाई है। भले ही देश ने केंद्रीय सत्ता में महिला को प्राश्रय 50 वर्ष पूर्व ही दे चुकी हो, लेकिन महिला सशक्तिकरण के मामले में देश विकसित देशों के मामले में काफी पीछे है, और देश के भीतर मध्यप्रदेश राज्य। एक कहावत है, हाथ कंगन को आरसी क्या, और पढ़े-लिखे को फारसी क्या। ऐसे में सूबे की महिलाओं की स्थिति क्या स्थिति है, वह बताने की शायद आवश्यकता नहीं। फिर भी आंकड़ों के सागर में अगर गोता लगाते हैं, तो पता चलता है, कि देश में महिला सशक्तिकरण की दिशा में मध्यप्रदेश राज्य आज के वक्त भी काफी पिछड़ा हुआ है। तभी तो महिलाओं को शिक्षा, स्वास्थ्य, और सुरक्षा प्रदान करने के मामले में मध्यप्रदेश देश के अन्य राज्यों से काफी दूर मामूल पड़ता है। उससे भी दुःखद बात यह है, कि केंद्र की जो भाजपा सरकार सत्ता में ही बहुत हुआ महिलाओं पर अत्याचार, अबकी बार मोदी सरकार के नारे पर आई । उसी पार्टी के शासित राज्य में महिलाओं की अस्मिता के साथ सबसे ज्यादा खिलवाड़ होता आ रहा है। अभी बीते दिनों की घटना है, जब प्रदेश अपने स्थापना दिवस की रंगीनियों में धूमिल था, तभी राजधानी में एक लड़की दरिंदगी का शिकार हो जाती है। फिर सूबे में महिलाओं की क्या सामाजिक स्थिति है, उसका अंदाजा लगाया जा सकता है।
कोई खुश तो कोई मायूस
सूबे में नगर निकायों/नगर निगमों की चुनावी सरगर्मी की बयार में कुछ खुश तो कुछ मायूस चेहरे देखने को मिल रहे हैं। वहीं लगभग सभी दलों में देखने को मिल रहा है कि पार्टी के लिए वफादारी करने वाले कार्यकर्ताओं को कहीं तो तवज्जो मिली तो कहीं मौका परस्तों का बोलबाला दिख रहा है। इसके अलावा यह भी चर्चा आम है कि इस माहौल में ‘बाप बड़ा ना भैया…सबसे बड़ा रुपइया…।’
नगर निगम या निकाय चुनावों में प्रत्याशिता का दावा करने वाले जिन कार्यकर्ताओं को मौका नहीं दिया गया वो खुलकर बोल रहे है कि दावेदारी में काम नहीं बल्कि रुपया बोला है। इसके साथ ही मायूसी भरे चेहरे में अपनी खीज मिटाते हुए बोले कि भाई अब तो लगभग सभी दल एक जैसे ही दिख रहे हैं। क्योंकि टिकट तो उन्हीं को मिला है जो या तो जोड़तोड़ यानी कि ‘साम-दाम-दण्ड-भेद’ से काम करने में कामयाब रहे या फिर ‘प्रत्याशिता की बोली’ बोलने में।
हालांकि उनकी बात सच भी दिख रही है क्योंकि जो कार्यकर्ता ‘दावेदारी’ की लालसा में पार्टी के लिए दिनरात एक किए रहे उन्हें ऐन वक्त पर ‘दूध में गिरी मक्खी’ की तरह फेंक दिया गया और ऐसा लगभग सभी दलों में देखने को मिल रहा है। वहीं सुनहरा मौका उन्हें मिल गया जो पार्टी के कार्यक्रमों में कभी दिखे ही नहीं। साथ ही यह भी देखने को मिल रहा है कि जो लोग अपनी शराफत को लिए घूमते रहे उन्हें नजरअन्दाज कर दिया गया और जो दबंगता की आड़ ले ‘मनीराम’ का झोला थमाने में आगे रहे उन्हें ही प्रत्याशी बना दिया गया। तमाम लोग ऐसे भी दिखे जिनके नाम मतदाता सूची से गायब पाये गए तो उन्होंने विरोधियों पर आरोप लगाया कि ‘उनका’ नाम कटवा गया क्योंकि विरोधी जानते थे कि ‘फलाने’ ही जीत सकता है। मतदाता सूची में नाम गायब होने के चलते जो लोग दावेदारी नहीं कर सके उनका चेहरा भी देखने लायक ही था।