Tuesday, May 7, 2024
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Jan Saamna Office

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने प्रधानमंत्री राहत कोष में दिये तीन करोड़ 31लाख से अधिक की सहायता

मुख्य न्यायाधीश गोविन्द माथुर ने मुख्यमंत्री कोष में दिये एक लाख फूड पैकेट हो रहे वितरित
प्रयागराज, जन सामना ब्यूरो। इलाहाबाद हाइकोर्ट ने कोरोना संक्रमण से निपटने के लिए प्रधानमंत्री राहत कोष में तीन करोड़, 31 लाख, 6 हजार 849 रुपये की सहायता दी है। यह रकम हाइकोर्ट के न्यायमूर्ति, प्रदेश के न्यायिक अधिकारियो और न्यायपालिका के कर्मचारियों, अधिकारियों के सहयोग से जुटाई गई है। इसके अलावा मुख्य न्यायमूर्ति गोविन्द माथुर ने मुख्यमंत्री राहत कोष को एक लाख रुपये की अलग से सहायता दी है। इसका चेक उन्होंने जिलाधिकारी प्रयागराज के मार्फ़त भेजा है।
इसके अलावा इलाहाबाद हाइकोर्ट प्रतिदिन 125 खाने के पैकेट जिला प्रशासन को उपलब्ध करा रहा है। इसके अलावा उ प्र न्यायिक शोध एवं प्रशिक्षण संस्थान लखनऊ ने रसोई स्थापित की है, जहाँ से हर दिन 125 पैकेट खाने के लखनऊ प्रशासन को गरीबो और जरूरतमंदों में वितरण के लिए दिए जा रहे है। हाइकोर्ट ने अपने ड्रमंड रोड प्रयागराज स्थित गेस्ट हॉउस मे 10 कमरे भी जिला प्रशासन को उपलब्ध कराए है ताकि आवश्यकता पड़ने पर वहाँ लोगो को कोरेन्टीन किया जा सके।

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डीएम ने आयी स्प्रे मशीन दवा छिड़काव का लिया जायजा

कानपुर देहात, जन सामना ब्यूरो। जिलाधिकारी राकेश कुमार सिंह ने कोविड-19 कोरोना वायरस के चलते जनपद के सभी नगरीय क्षेत्रों व विकास खण्ड सरवनखेड़ा हेतु स्प्रे मशीन दवा छिड़काव हेतु अलीगढ़ से आयी 10 मशीनों का जायजा लिया व सभी सम्बन्धित जगहों पर पहुंचाने के लिए मुख्य विकास अधिकारी को निर्देश दिये। उन्होंने बताया कि इन मशीनों के माध्यम से नगरीय क्षेत्रों व ग्रामीण क्षेत्रों में दवा का छिडकाव करने में मदद मिलेगी व आसानी से अधिक जगहों पर दवा का छिडकाव किया जायेगा। उन्होंने कहा कि सभी नगरीय क्षेत्रों के अधिकारीगण इन मशीनों के माध्यम से आसानी से छिडकाव कराने में मददगार साबित होगा। इस मौके पर मुख्य विकास अधिकारी जोगिन्दर सिंह, अपर जिलाधिकारी प्रशासन पंकज वर्मा, एसडीएम सदर आनन्द कुमार सिंह, जिला सूचना अधिकारी वीएन पाण्डेय आदि उपस्थित रहे।

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डीएम ने कोराना वायरस से सम्बन्धित बनाये गये कन्ट्रोल रूम का किया शुभारंभ

कानपुर देहात, जन सामना ब्यूरो। जिलाधिकारी राकेश कुमार सिंह ने विकास भवन में कोविड-19 कोरोना वायरस हेतु बनाये गये कन्ट्रोल रूम का फीता काटकर शुभांरभ किया तथा आवश्यक दिशा निर्देश दिये।
जिलाधिकारी को मुख्य विकास अधिकारी जोगिन्दर सिंह ने बताया कि कंन्ट्रोल रूम में दो-दो लोगों को हर विकास खण्ड लगाये गये है। उन्होंने बताया कि विकास खण्ड मैथा, मलासा हेतु शैलेश श्रीवास्तव 7607725509, अमरौधा व राजपुर हेतु विमल कुमार 9838795588, अकबरपुर, सरवनखेडा हेतु प्रदीप कुमार 8052763484, डेरापुर, सन्दलपुर हेतु सौरभ श्रीवास्तव 7309177824 को लगाया गया है। इसी प्रकार विकास खण्ड झींझक व रसूलाबाद हेतु प्रवीण मिश्रा 7499583661 को लगाया गया है। उन्होंने बताया कि कन्ट्रोल रूम नम्बर 7565020380 व व्हाटशएप नम्बर 9350816101, 7499583661, 7309177824 है जिसमें शिकायतकर्ता द्वारा व्हाटशएप के माध्यम से भी शिकायत कर सकते है। जिलाधिकारी ने निर्देश दिये कि जो जिले स्तर पर कन्ट्रोल रूम बना हुआ है उसमें अपनी रिपोर्ट शाम तक मिलान अवश्य कर ले। उन्होंने कहा कि आने वाली शिकायतों का निस्तारण समय से किया जाये तथा सम्बन्धित अधिकारी को अवगत भी कराया जाये। इस मौके पर एसडीएम सदर आनन्द कुमार सिंह, डीपीआरओ, जिला सूचना अधिकारी वीएन पाण्डेय आदि अधिकारीगण व कर्मचारी उपस्थित रहे।

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डीएम को कोरोना वायरस से बचाव एवं राहत कार्यो के लिए भेंट की गई राहत राशि व मास्क

कानपुर देहात, जन सामना ब्यूरो। कोविड-19 कोरोना वायरस महामारी के संक्रमण से बचाव एवं राहत कार्यो के लिए जिलाधिकारी राकेश कुमार सिह को स्पर्श इण्डस्ट्रीज के विजय व प्रशान्त अग्रवाल द्वारा मा0 मुख्यमंत्री राहत कोष हेतु 7 लाख रूपये व 4 लाख रूपये की चेक सहायता सदभावना सहयोग समिति में प्रदान की गयी। वहीं विकास भवन में जिलाधिकारी को फतेहपुर रोशनाई निवासी बालक आरव सिंह पुत्र टोनू सिंह ने अपने गुल्लक से 11 हजार रूपये व फतेहपुर रोशनाई ग्राम प्रधान पति राजू सिंह ने 31 हजार रूपये की सदभावना सहयोग समिति  में चेक भेट की। वहीं जिलाधिकारी को कलेक्ट्रेट कार्यालय में जरूरत मन्दों को मास्क वितरण किये जाने हेतु युवाओं द्वारा घरो में तैयार किये गये 500 मास्क आयुष त्रिवेदी, आकाश दीक्षित, धर्मेन्द्र दुबे द्वारा भेट किये गये। जिसका जिलाधिकारी द्वारा प्रशांसा की गयी।

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डीएम व एसपी ने डेरापुर में कम्युनिटी किचन का किया निरीक्षण

कानपुर देहात, जन सामना ब्यूरो। जिलाधिकारी राकेश कुमार सिंह व पुलिस अधीक्षक अनुराग वत्स ने डेरापुर तहसील में कम्युनिटी किचन का निरीक्षण कर भोजन गुणवत्ता का जायजा लिया तथा आवश्यक दिशा निर्देश दिये।
जिलाधिकारी ने एसडीएम व तहसीलदार, ईओ को निर्देशित किया कि गरीब, असहाय एवं जरूरतमदों को कम्युनिटी किचन में कुर्सी पर बैठा कर भोजन ससम्मान से कराया जाये। भोजन में गुणवत्ता का पूर्ण ध्यान रखा जाये तथा दोनों टाइम दाल, एक सब्जी, चावल, रोटी, अचार आदि दिया जाए तथा कंट्रोल रूम पर भोजन संबंधित शिकायत प्राप्त होने पर तत्काल उनको भोजन उपलब्ध कराया जाये। उन्होंने निर्देशित किया कि प्राप्त होने वाली शिकायतों का गुणवत्ता पूर्ण ढंग से निस्तारण किया जाये तथा किसी प्रकार की शिकायत प्राप्त होगी तो  निलंबन की कार्यवाही की जायेगी। उन्होंने कहा कि किसी प्रकार से कोई भूखा न रहे जरूरतमन्दों को खाना खिलाया जाये। इस मौके पर एसडीएम डेरापुर ऋषिकांत राजवंशी, तहसीलदार, ईओ डेरापुर आदि अधिकारीगण व कर्मचारी उपस्थित रहे। वहीं जिलाधिकारी व पुलिस अधीक्षक ने माती ईको पार्क में बन रहे लंच पैकेट का जायजा लिया तथा आवश्यक दिशा निर्देश दिये। उन्होंने कहा कि किसी प्रकार की कोई शिकायत नही मिलनी चाहिए। मानक व गुणवत्ता का पूर्ण ध्यान रखा जाये।

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डीएम को अनुभव प्लास्ट के एमडी ने सौंपी 5 लाख की सहायता चेक

कानपुर देहात, जन सामना ब्यूरो। कोविड-19 कोरोना वायरस महामारी के संक्रमण से बचाव एवं राहत कार्यो के लिए जिलाधिकारी राकेश कुमार सिह को अनुभव प्लास्ट प्राइवेट लिमिटेड कंपनी के एमडी विनम्र गुप्ता द्वारा 5 लाख रूपये की चेक सहायता सदभावना सहयोग समिति में प्रदान की गयी।
जिलाधिकारी ने इस कार्य में सहयोग करने हेतु उनका आभार व्यक्त करते हुए जनपदवासियों से अपील की है कि वह कोरोना कोविड-19 महामारी में अपना योगदान करे जिससे कि कोरोना बचाव के लिए आवश्यक कदम उठाये जा सके। जिलाधिकारी ने इस योगदान के लिए सराहना की तथा लोगो से ऐसे कार्यो में बढ़ चढ़ कर अपनी भागीदारी/योगदान देेने की अपील भी की। इस मौके पर मुख्य विकास अधिकारी जोगिन्दर सिंह, अपर जिलाधिकारी प्रशासन पंकज वर्मा, अपर जिलाधिकारी वित्त एवं राजस्व साहब लाल, एसडीएम सदर आनन्द कुमार सिंह, जिला सूचना अधिकारी वीएन पाण्डेय, कंपनी के चैयरमैन ओंकार नाथ गुप्ता, एक्सक्युटिव डायरेक्टर प्रदीप मिश्रा आदि अधिकारीगण उपस्थित रहे।

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लॉकडाउन के 15 दिन बाद भी ग्राम समायूं और पोवा में कीटनाशक छिड़काव नहीं

कोरोना वायरस से लोग दहशत में गांवों में नहीं हो रहा कीटनाशक दवा का छिड़काव
रसूलाबाद/कानपुर देहात। पूरा विश्व कोरोना वायरस संक्रमण से संकट में है कोरोना वायरस संक्रमण का कहर पूरे देश में लगातार बढ़ता जा रहा है। देशभर में संक्रमित मरीजों की संख्या लगभग 4500 के पास पहुंच गई है। अब तक 114 लोगों की मौत भी हो चुकी है।
15 अप्रैल से देश में लॉकडाउन रहेगा या नहीं? प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पूरे देश में 21 दिनों के लॉकडाउन की घोषणा की थी। इसकी अंतिम तारीख 14 अप्रैल है। अब चर्चा तेज हो गई है कि 15 अप्रैल से लोग अपने घरों से बाहर निकल सकेंगे? या नहीं, अभी तक स्थिति स्पष्ट नहीं की गई है।

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कोरोना के कहर से प्रदूषण का भी हुआ लॉकडाउन

कानपुर देहात, जन सामना ब्यूरो। कोरोना संकट के चलते हर तरफ लॉकडाउन है। तमाम बुरी खबरों के बीच इसका असर कम से कम पर्यावरण पर सकारात्मक रूप से दिखने लगा है।
कोरोना वायरस के कहर की वजह से दुनिया भर में औद्योगिक गतिविधियां ठप्प हो गई हैं। भारत सहित कई देशों में लॉकडाउन हो चुका है। इससे पर्यावरण को भी फायदा पहुंचा है।
पिछले कई दशकों से पृथ्वी पर हमारी रक्षा कर रही ओजोन परत को जो उद्योगों से नुकसान पहुंच रहा था उसमें कमी आने से इसकी हालत में सुधार आ रहा है। दुनिया भर में उद्योगों के बंद होने से वायुमंडल को नुकासन पहुंचाने वाली गैसों का उत्सर्जन बंद हो गया है।
वहीं दूसरी तरफ सार्वजनिक और निजी यातायात लगभग बंद होने से पैट्रोल और डीजल के कारण वाहनों से निकलने वाली कार्बन डाइ ऑक्साइड जैसी गैसों का निकलना भी बहुत ही कम हो गया है। ऐसे में प्रदूषण का स्तर खासतौर पर महानगरों में अभी से अच्छा दिखने लगा है।

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मानदेय न मिलने से अनुदेशक, शिक्षामित्र हैं लाचार

विभाग कर रहा उन पर अत्याचार।
योगी जी अब आप ही करो इस पर विचार।
कानपुर देहात, जन सामना ब्यूरो। कोरोना वायरस के चलते पूरे देश में 21 दिन का लॉकडाउन किया गया है। ऐसे में लोगों को आम जरूरत के साथ ही रूपये-पैसों की दिक्कत न हो इसके लिए शासन ने सभी शिक्षकों, अनुदेशकों, शिक्षामित्रों और अन्य कर्मचारियों के वेतन/मानदेय को देने के निर्देश दिए हैं किन्तु बेसिक शिक्षा विभाग कानपुर देहात संविदा कर्मचारियों के साथ सौतेला व्यवहार कर रहा है। नियमित शिक्षकों को तो समय से वेतन दिया जा रहा है परंतु संविदा पर कार्यरत अनुदेशकों, शिक्षामित्रों, कम्प्यूटर ऑपरेटरों आदि को जनवरी से मार्च माह (3 माह) तक का मानदेय अभी तक नहीं दिया गया है, जबकि इन सभी की मार्च माह तक की ग्रांट विभाग में आ चुकी है। इतना ही नहीं जूडो-कराटे प्रशिक्षण में लगे मास्टर ट्रेनरों के यात्रा भत्ता का भी अभी तक विभाग द्वारा भुगतान नहीं किया गया है। अभी हाल ही में अकबरपुर विकासखण्ड में तैनात एक अनुदेशिका ने आर्थिक तंगी की वजह से आत्महत्या करली थी।

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लाॅकडाउन: एक लेखक की व्यथा कथा -प्रमोद दीक्षित ‘मलय’

देश में लाॅकडाउन है और मैं भी तमाम देशवासियों की तरह घर में रहने को मजबूर हूं। हालांकि लाॅकडाडन घोषित होते समय अन्दर से बहुत खुश था कि विद्यालय बंद हो जाने से इस अवधि में लेखन के शौक के चलते कुछ लिखने-पढ़ने का सार्थक काम हो जायेगा। और तदनुरूप योजना भी बना ली थी कि कम से कम तीन कहानी, चार-पांच लेख, एक दर्जन कवितएं और मन भर हाईकू तो रच ही डालूंगा। पेन, पैड, लैपटाप सब तैयार कर लिया था। अखबार कोरोना समाचार और चित्रों से भरे हैं। रेहड़ी, ठेला और पटरी पर दो जून की रोटी तलाशने वाले छोटे-मोटे व्यापारी-कामगार रोजगार बंद होने से पेट की आग में झुलस रहे हैं। कल-कारखानों से भगाये गये मजदूर डे-नाईट वाॅकिंग करते हुए किसी तरह अपने गांव-घर पहुंचे तो प्रशासन ने उन्हें घरबदर कर स्कूलों में बने आइसोलेशन वार्ड में पटक दिया है। जहां दीवारों में अंकित सद्वाक्य ‘कर्मण्येवाधिकारस्ते मा फलेसु कदाचन’ का अर्थ समझते उनका समय बीत रहा है। सोचा कि एक लेखक होने के नाते उनके दर्द को स्वर देना भी मेरा दायित्व है तो उन पर भी कुछ कालजयी लेखन कर डालूं। पर होनी को कुछ और ही मंजूर था। घर पर दो दिन तो आराम से कटे। समय से चाय नाश्ता, लंच-डिनर, रात को सोते समय केशर-शहद मिला दूध और साथ में एक चम्मच स्वर्णभस्म युक्त च्यवनप्रास भी। तो इतना सब खाने-पीने के बाद रचनाएं भी मक्खन की मानिन्द दिमाग में उतराने लगी थीं। पर हाय रे मुआ कोरोना, चार दिन की चांदनी फिर अंधेरी रात, बकरे की मां कब तक खैर मनायेगी, काम का न काज का दुश्मन अनाज का जैसे मुहावरे अब वास्तविक अर्थ के साथ साक्षात थे। तीसरे दिन की सुबह से आज की सुबह है, मैं बस मुआ कोरोना को कोस रहा हूं। कोरोना मिल जाये तो बिना नमक, मिर्च-मसाले के कच्चा ही चबा जाऊं। आप पूछ रहे हैं हुआ क्या, अरे जनाब यह पूछिए कि क्या नहीं हुआ।

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