बंगाल में विधानसभा चुनाव के बाद राजनीतिक हिंसा थमने का नाम नहीं ले रही है। चुनाव के नतीजे आने के दौरान ही आरामबाग में बीजेपी कार्यालय को अज्ञात बदमाशों ने आग के हवाले कर दिया। मानों प्री प्लान हो। इसके अलावा कई इलाक़ों में पार्टी दफ़्तरों में आग और घरों में तोड़-फोड़ की। बंगाल में हो रही ये हिंसा अगर किसीके इशारों पर हो रही है तो ये इंसान की मानसिकता का घिनौना पहलू है। सियासत में दिमागी चाल से शह मात का खेल चाणक्य के ज़माने से चला आ रहा है, पर आजकल कि राजनीति खूनी खेल खेलते हो रही है।
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कोरोना वॉरियर्स और पीड़ित परिवारों को संवेदनशीलता का भाव अपनाना जरूरी
विपत्ति की घड़ी में संयम, सहनशीलता रूपी अस्त्र अपनाना होगा
कोरोना महामारी से उत्पन्नन कठिन परिस्थितियों से निपटने संवेदनशीलता एक कारगर हथियार – एड किशन भावनानी
वैश्विक रूप से कोरोना महामारी की विभिषक्ता ने ऐसा कहर बरपाया हैं कि जनता इस महामारी से पारिवारिक और अपनों को खोने का दुख लॉकडाउन शासकीय नियमों का पालन, दाह संस्कार में प्रोटोकॉल का पालन, आर्थिक तंगी, इत्यादि अनेक विपरीत परिस्थितियों से घिरी जनता अपना आपा खोने की ओर अग्रसर हो रही है इसी का परिणाम हम टीवी चैनलों के माध्यम से देख रहे हैं कि अनेक देशों में जनता लॉकडाउन हटाने और अन्य समस्याओं पर रोड पर उतर आई है।…
भाजपा की महत्वाकांक्षाओं को बड़ा झटका – पश्चिम बंगाल चुनाव परिणाम विश्लेषण
पश्चिम बंगाल में ममता बनर्जी ने ऐसा चमत्कार कर दिखाया है, जिसकी अधिकांश राजनीतिक पंडितों ने उम्मीद तक नहीं की थी। दरअसल विश्लेषकों के अलावा भाजपा भी यही मानकर चल रही थी कि ममता के दस वर्षों के शासनकाल के दौरान लोगों में उनके प्रति नाराजगी है और राज्य में सत्ता विरोधी लहर है लेकिन तृणमूल ने चुनाव में जबरदस्त कांटे की टक्कर दिखने के बावजूद पिछली बार की 211 सीटों के मुकाबले इस बार 213 सीटें जीतकर लगातार तीसरी बार धमाकेदार जीत दर्ज की है। 294 सदस्यीय विधानसभा के लिए दो सीटों पर चुनाव टल जाने के कारण कुल 292 सीटों पर ही मतदान हुआ था। ममता और उनकी पार्टी तृणमूल कांग्रेस के लिए यह अब तक का बेहद कठिन चुनाव था लेकिन तीसरी बार भी रिकॉर्ड बहुमत से चुनाव जीतकर ममता ने भाजपा के सपनों को चकनाचूर कर दिया।
Read More »देश को आज फिर एक सामाजिक सुरक्षा की आवश्यकता है
भारत अब सार्वजनिक स्वास्थ्य आपातकाल की चपेट में है। भीड़ वाले कब्रिस्तानों में कोविड के अंतिम संस्कार के वीडियो के साथ सोशल मीडिया फीड भरा हुआ है, हांफते हुए मरीजों को ले जाने वाली एंबुलेंस की लंबी कतार, मृतकों के साथ बहने वाले मोर्टार, और अस्पतालों के गलियारों और लॉबियों में कभी-कभी मरीज़, दो से ज्यादा एक बिस्तर पर।
भारत महामारी की दूसरी लहर के साथ जूझ रहा है जिसने दुनिया भर में 2020 तक पूरी तरह तबाह कर दिया है। हमारे देश में कई संकट देखे गए जिनमे बड़े पैमाने पर अंतर और अंतर-प्रवासन, खाद्य असुरक्षा, और एक ढहता हुआ स्वास्थ्य बुनियादी ढांचा। अब दूसरी लहर ने मध्यम और उच्च वर्ग के नागरिकों को भी अपने घुटनों पर ला दिया है। आर्थिक पूंजी, सामाजिक पूंजी के अभाव में, स्वास्थ्य सुविधाओं तक पहुँचने में अपर्याप्त साबित हुई है। आज बीमारी सार्वभौमिक है, लेकिन स्वास्थ्य सेवा नहीं है।
सैफई मेडिकल यूनिवर्सिटी में भर्ती होने के लिए घंटों तड़प रहे मरीज
आक्सीजन फ्लो मीटर बाहर मेडिकल स्टोर से ख़रीद कर ला रहे तीमारदार, भारी कमीशनखोरी का अंदेशा
मुख्यमंत्री के आदेशों की अवहेलना कर रहे है सैफई मेडीकल यूनिवर्सिटी के कुलपति डॉ राजकुमार
न मरीजो को भर्ती किया जा रहा है न किसी अन्य अस्पताल में भर्ती कराया जा रहा है
इटावा। सैफई मेडीकल यूनिवर्सिटी में इलाज कराने आए मरीज़ों को तीन – चार घंटे बाहर तड़पना पड़ रहा है। उसके बाद भी बिना भर्ती किए मरीज़ों को लौटाया जा रहा है। आक्सीजन फ्लो मीटर उपलब्ध न होने पर तीमारदारो से बाहर मेडीकल स्टोर से बाहर से मंगाए जा रहे हैं इसमें भारी कमीशनखोरी का अंदेशा है।
ऑक्सीजन फ्लो मीटर (ओटू चेम्बर ) को बाहर से खरीद कर ला रहे तीमारदार की फ़ोटो हमारे संवाददाता के कैमरे में कैद हो गयी जब रिपोर्टर ने मरीज के तीमारदार को पूछा कि यह मशीन कहाँ से ला रही हो तो महिला तीमारदार दौड़ते हुए कदमो से बिना कुछ बोले अंदर वार्ड में चली गयी।
ऐसे करें अपने मूड को फ्रेश
कई बार नकारात्मक परिस्थितियों व माहौल में अक्सर हम सभी का मूड खराब हो जाता है और खराब मूड से किए गए सभी कामों पर भी हमारे मूड का प्रभाव दिखता है। ऐसे में जल्दी से अपने मूड को फ्रेश कर ठीक रखने में ही आपकी भलाई है।
मूड में उतार-चढ़ाव आते रहते हैं। समय के साथ मूड ठीक भी हो जाता है, किंतु कुछ लोगों पर मानसिक दबाव इतने अधिक होते हैं कि वे सुगमता से अपने खराब मूड से बाहर नहीं निकल पाते। इसके लिए कई बार उन्हें ऐसी औषधियां लेनी पड़ती हैं, जो कुछ देर के लिए तो उन्हें इस हताश मानसिकता से बाहर निकाल देती हें, लेकिन इन औषधियों के दुष्परिणाम भी कम नहीं होते। इसलिए बेहतर यही है कि अपनी मानसिक दशाको इतना सबल बनाएं के नकारात्मक दृष्टिकोण आपको गिरफ्तार न कर सकें और अगर कर ही लें, तो आपको उनसे बाहर निकलने के उपाय भी पता होने चाहिए। इस बारे में कुछ सहज नुस्खे-
रोगनाशक करेला
प्रकृति ने फलों एवं सब्जियों को कई स्वादों में बांटा है। हर फल-सब्जी का अपना महत्व, गुण है। बहुत से लोग करेला खाने से हिचकते हैं, क्योंकि यह कड़वा होता है। लेकिन इस कड़वे करेले में कुदरत ने ऐसे गुणों को पिरोया है, जो मानव जिस्म के लिए हर दृष्टि से लाभप्रद हैं।
कनाडा के चिकित्सकों के अनुसार करेले के विषेष गुण इसके तीखेपन तथा कडुएपन में होता है। कडुएपन के कारण यह रोग में श्रेष्ठ औषध है। इसमें नैसर्गिक इंसुलिन की मात्रा भी मिलती है जो मधुमेह के रोगियों को नवजीवन प्रदान करती है।
कोविड-19 महामारी के शिकार लोगों का सम्मानजनक दाहसंस्कार – मौलिक अधिकार का हिस्सा ?
अंतिम संस्कार के लिए उचित बंदोबस्त का ना होना, अमानवीय बर्ताव की पराकाष्ठा के तुल्य – एड किशन भावनानी
वैश्विक रूप से आज कोरोना महामारी ने जो हालात पैदा किए हैं वैसे हालात आज से 100 वर्ष पूर्व पैदा हुए थे। याने सूत्रों की मानें तो हर 100 वर्ष में किसी न किसी रूप में महामारी आती है।… बात अगर हम भारत की करें तो शुक्रवार दिनांक 30 अप्रैल 2021 को प्रधानमंत्री ने अपने संपूर्ण मंत्रिमंडल की बैठक कोरोना पर मंथन के लिए बुलाई और वहां भी कहा कि 100 वर्ष पूर्व ऐसी महामारी देखी थी और सांसदों को अपने कार्य क्षेत्र में समस्याओं का समाधान करने और केंद्र राज्य कोरोना महामारी को हराएगा ऐसी सांत्वना दी। उधर केंद्रीय गृह मंत्री ने भी कहा कि मेडिकल ऑक्सीजन आयात करने की इजाजत दी है और बंद पड़े मेडिकल ऑक्सीजन प्लांट और नए प्लांट शुरू कर दिए गए हैं।
मेडिकल संसाधनों की कालाबाजारी – आपदा में अवसर पाना मानवता पर कलंक
आपदा में कालाबाजारी पर शासन, प्रशासन की अत्यंत तात्कालिक सख़्ती, सामाजिक संगठनों, सेवाभावी व्यक्तियों द्वारा पैनी नजर रखना जरूरी – एड किशन भावनानी
भारत में फैले तीव्रता से कोरोना संक्रमण को देख और मेडिकल संसाधनों की अत्यंत कमी से जूझते भारत की सहायता करने मानवीय दृष्टिकोण से संपूर्ण विश्व आज भारत की ओर दौड़ पड़ा है और तात्कालिक तीव्रता से संसाधन उपलब्ध करवा रहा है। उल्लेखनीय है कि भारत में अति तीव्रता से कोरोना संक्रमण फैलने से उपलब्ध संसाधनों की अत्यंत कमी हो गई थी और प्रधानमंत्री ने अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन, जापान के प्रधानमंत्री और बुधवार दिनांक 28 अप्रैल 2000 21 को रूस के राष्ट्रपति पुतिन ने प्रधानमंत्री से वार्ता की और विश्व के अनेक देशों अमेरिका, जर्मनी, फ्रांस, रूस, ब्रिटेन, संयुक्त अरब अमीरात, दुबई, कुवैत, इजराइल, सिंगापुर इत्यादि अनेक देशों ने अनेक मेडिकल संसाधनों को उपलब्ध करवाना शुरू कर दिया है
सड़क हादसे में बाइक सवार की हुई दर्दनाक मौत
चकिया/चन्दौली। कोतवाली अंतर्गत रघुनाथपुर गांव के पास बाइक व कार की आमने सामने टक्कर में बाइक सवार गायघाट गांव निवासी संजय मौर्य की मौके पर ही मौत हो गई। पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पीएम के लिए जिला अस्पताल भेज दिया। वहीं बाइक पर सवार दो अन्य गंभीर रुप से जख्मी लोगों को इलाज के लिए भर्ती कराया गया है।
टक्कर मारने वाली कार को चालक सहित पुलिस ने पकड़कर कोतवाली ले आई। जहां पुलिस विभिन्न धाराओं में मुकदमा पंजीकृत कर अगली कार्यवाई में जुटी हुई है।