Friday, April 26, 2024
Breaking News
Home » 2018 » March » 17 (page 2)

Daily Archives: 17th March 2018

शासकीय कार्यों को युद्ध स्तर पर पूरा किया जायेगा: डीएम

कानपुर देहातः जन सामना ब्यूरो। जिला विकास समन्वय और निगरानी समिति (दिशा) बैठक की अध्यक्षता करते हुए सांसद देवेन्द्र सिंह भोले ने अधिकारियों को निर्देश दिये कि केन्द्र व प्रदेश सरकार दोनों का उद्देश्य है कि जनपद का अधिक से अधिक विकास हो। उन्होंने अधिकारियों से अपेक्षा की कि वे अपने दायित्वो के प्रति गम्भीर हो। भारत सरकार व प्रदेश सरकार द्वारा गरीबो के कल्याण के लिए अनेको योजनाएं चल रही है। जिनकी जानकारी गरीबो को दे, तथा उसका लाभ प्रभावी तरीके उन तक पहुॅचाये। उन्होंने कहा कि अधिकारी और जनप्रतिनिधि दोनो ही परिवार के अंग है स्वस्थ्य मन से विकास कार्यो को तीव्रगति से कराने में सहयोग करें जिससे जनपद, प्रदेश व देश के साथ ही भाईचारा और सौहार्द के साथ ही राष्ट्रीय एकता अखण्डता में भी मजबूती आये। सासंद व अध्यक्ष देवेन्द्र सिंह भोले  ने कहा कि अधिकारी मीटिंग का एजेण्डा जनप्रतिनिधियों को कम से कम एक सप्ताह पूर्व मुहैया करा दे ताकि वे उसका भली भांति अध्ययन कर कार्यो के क्रियान्वयन में सहयोग कर सके। किन्ही कारणों से कोई काम नही हो पाता है तो उसे भी बता दे। राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका का मिशन, एनआरएलएम, प्रधानमंत्री आवास योजना, ग्रामीण आवास योजना, स्वच्छ भारत मिशन, राष्ट्रीय ग्रामीण पेयजल, दीन दयाल उपाध्याय ग्रामीण कौशल योजना, ग्रामीण ज्योति योजना, राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन, सर्व शिक्षा अभियान, मिड-डे मिल स्कीम, प्रधानमंत्री उज्जवला योजना, बीपीएल परिवारों के लिए एलपीजी कनेक्शन आदि योजनाओं पर विस्तार से चर्चा हुयी तथा निर्देश दिये कि योजनाओं के क्रियान्वयन में ईमानदारी व पादर्शिता बरती जाये। बैठक में प्रधानमन्त्री फसल बीमा योजना, प्रधान मंत्री उज्जवला योजना, प्रधानमंत्री सड़क योजना पीएमजेएसवाई, राष्ट्रीय परिवारिक लाभ योजना, वृद्धावस्था पेंशन योजना, प्रधानमंत्री आवास योजना ग्रामीण, प्रधानमंत्री कृषि सिचाई योजना आदि पर चर्चा करते हुए कहा कि ये योजनायें सरकार की महत्वाकांक्षी व लाभपरक योजना है। सरकार व अधिकारियों की जनता के प्रति दोनों की जिम्मेदारी हैं कि वे इन योजनाओं का लाभ अधिक से अधिक लोगों को दिलाये। सांसद ने अधिशाषी अभियंता लोक निर्माण आदि को निर्देश दिये कि जनपद की मुंगीसापुर से डेरापुर, सन्दलपुर से झींझक, किशनपुर से खरखा मार्ग, मुंगीसापुर से शाहजहांपुर, नबीपुर से गजनेर मार्ग, शिवली से रूरा मार्ग, किसान नगर से शिवली मार्ग, भाऊपुर मैथा मार्ग आदि पर चर्चा हुयी बताया गया कि रोड अभी भी कहीं कहीं खराब स्थिति में है इसको ठीक कर शीघ्रता शीघ्र शासन की मंशा के अनुरूप गढ्ढा मुक्त करें के निर्देश दिये है। सांसद देवेन्द्र सिंह भोल ने कहा कि गर्मी को देखते हुए जो तालाब खाली है उनको ग्राम प्रधान आदि जनों को प्रेरित कर उनको भरवा ले ताकि पशुओं व पक्षियों को दिक्कत न हो। जिलिाधिकारी राकेश कुमार सिंह ने मनरेगा तालाब व पेयजल के संबंध में विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने बताया कि जहां पर ग्राउन्ड वाटर की आवश्यकता है। वहां पर पानी अधिक निकालने पर वो क्षेत्र प्रभावित हो जायेगा ऐसे तालाबों को नहरो से पानी भरा जाये तो ठीक रहेगा। जहां पर अति महत्वपूर्ण दिक्कत हो वहां पर पानी भराया जा रहा है। शहरीय व देहात क्षेत्र के कुछ कुओं को भी पुनः जीवित किया जा रहा है तथा प्रत्येक कार्यालय के अधिकारियों को निर्देश दिये गये है कि गर्मी को देखते हुए अपने अपने कार्यालय में शुद्ध पेयजल की व्यवस्था रखे यदि हो सके तो घडों में पानी भरवा ले जो कि ठंड और शुद्ध बना रहता है। उन्होंने पेयजल संबंधित जानकारी को भी विस्तार से बताया। छोटे मोटे मामलो को आपस में मिल बैठ के सुलझा लेना चाहिए। उन्होने कहा कि अधिकारियो को जनप्रतिनिधियों से विकास के कार्यो में राय मस्वरा ले लेना चाहिए।  

Read More »

उपचुनावों के आधार पर लोकसभा चुनाव आंकना भूल होगी  

19 मार्च को योगी आदित्यनाथ, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री के रूप में अपने कार्यकाल का एक वर्ष पूर्ण कर रहे है। भारी बहुमत, जनता की अपेक्षाओं और आशीर्वाद के बीच यूपी के मुख्यमंत्री बनने के ठीक एक साल बाद अपने प्रदेश के दो लोकसभा क्षेत्रों के उपचुनाव में इस प्रकार के नतीजों की कल्पना तो योगी आदित्यनाथ और भाजपा तो छोड़िये देश ने भी नहीं की होगी। वो भी तब जब अपने इस एक साल के कार्यकाल में उन्होंने तमाम विरोधों के बावजूद यूपी के गुंडा राज को खत्म करने और वहाँ की बदहाल कानून व्यवस्था को पटरी पर लाने के लिए एन्काउन्टर पर एन्काउन्टर जारी रखे। यहाँ तक कि एक रिपोर्ट के अनुसार एक बार 48 घंटों में 15 एन्काउन्टर तक किए गए। वादे के अनुरूप सत्ता में आते ही अवैध बूचड़खाने बन्द कराए। अपनी पहली कैबिनेट मीटिंग में किसानों के ॠण माफी की घोषणा की। लड़कियों और महिलाओं की सुरक्षा के लिए ऐन्टी रोमियो स्कवैड का गठन किया। अपनी सरकार में वीआईपी कल्चर खत्म करने की दिशा में कदम उठाए । यूपी के पेट्रोल पंपों पर चलने वाले रैकेट का भंडाफोड़ किया। प्रदेश को बिजली की बदहाल स्थिति से काफी हद तक राहत दिलाई। परीक्षाओं में नकल रुकवाने के लिए वो ठोस कदम उठाए कि लगभग दस लाख परीक्षार्थी परीक्षा देने ही नहीं आए। लेकिन इस सब के बावजूद जब उनके अपने ही संसदीय क्षेत्र में उपचुनाव के परिणाम विपरीत आते हैं तो न सिर्फ यह देश भर में चर्चा का विषय बन जाते हैं बल्कि सम्पूर्ण विपक्ष में एक नई ऊर्जा का संचार भी कर देते हैं। शायद इसी ऊर्जा ने चन्द्र बाबू नायडू को राजग से अलग हो कर मोदी सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाने के लिए प्रेरित किया। खास बात यह है कि भाजपा की इस हार ने हर विपक्षी दल को भाजपा से जीतने की कुंजी दिखा दी, “उनकी एकता की कुंजी”।
भाजपा के लिए समय का चक्र बहुत तेजी से घूम रहा है। जहाँ अभी कुछ दिनों पहले ही  वाम के गढ़ पूर्वोत्तर के नतीजे भाजपा के लिए खुश होने का मौका लेकर आए, वहीं उत्तरप्रदेश और ख़ास तौर पर गोरखपुर के ताजा नतीजों के अगले कुछ पल उसकी खुशी में  कड़वाहट घोल गए।  इससे पहले भी भाजपा अपने ही गढ़ राजस्थान और मध्यप्रदेश के उपचुनावों में भी हार का सामना कर चुकी है। सोचने वाली बात यह है कि इस प्रकार के नतीजे क्या संकेत दे रहे हैं?

Read More »