⇒आंदोलन में पहुंचे जनपद के सभी खंड शिक्षा अधिकारी
⇒30 साल की नौकरी में एक भी प्रमोशन नहीं, वेतन में भी विसंगति
⇒शिक्षक ही नहीं खंड शिक्षा अधिकारी भी सरकार की नीतियों से हैं परेशान
लखनऊ/कानपुर देहात। प्रोन्नति, वेतन विसंगति सहित अन्य सेवा सम्बन्धी मामलों में शासन की तरफ से बरती जा रही उदासीनता से नाराज होकर खण्ड शिक्षाधिकारियों (बीईओ) ने सोमवार को रमाबाई पार्क में एक दिवसीय धरना प्रदर्शन किया। एकदिवसीय सांकेतिक धरने में एक दर्जन से अधिक मांगों को लेकर प्रदर्शन कर रहे खण्ड शिक्षाधिकारियों ने कहा कि शासन स्तर पर हम लोगों की मांगों पर गौर नहीं किया जा रहा है। प्रदेश व जिलों के माध्यम से शिक्षामंत्री, प्रमुख सचिव, शिक्षा महानिदेशक सहित अन्य उच्चाधिकारियों को कई बार ज्ञापन भेजा गया है लेकिन समस्या का कोई समाधान नहीं किया गया। एक महीने के अंदर में मागें पूरी नहीं होने पर प्रदेश स्तर पर आंदोलन करने की चेतावनी दी गई। बीईओ संघ के प्रदेश अध्यक्ष प्रमेंद्र शुक्ला ने कहा कि बीईओ के वेतन विसंगति दूर करने को उच्च न्यायालय की तरफ से 06 मई 2002 को आदेश जारी किए गए थे। सरकार द्वारा इस आदेश का अनुपालन नहीं किया जा रहा है। सुप्रीम कोर्ट में वर्ष 2010 में एसएलपी खारिज होने के बाद भी सरकार की तरफ से वर्ष 2023 में सर्वाेच्च न्यायालय में अपील की गयी है। सरकार का यह कदम हठधर्मिता के साथ साथ सरकारी पैसे का दुरुपयोग है। बीईओ संघ के महामंत्री वीरेंद्र कुमार कनौजिया ने कहा कि निजी मोबाइल फोन के जरिए ही सारा विभागीय काम कराने का प्रयास सरकार की तरफ से किया जा रहा है। कुछ बीईओ की मानव संपदा पोर्टल पर आईडी एवं लागिन अब तक नहीं बनाई गई है। निजी मोबाइल पर मान्यता एप चलाये जाने की अपेक्षा विभाग कर रहा। पिछले साल मान्यता प्रकरण पर सरकार की तरफ से 19 बीईओ को विशेष प्रतिकूल प्रविष्टि दे दी गयी। कई बार निरस्त किए जाने की मांग भी की गई है लेकिन अब तक कार्यवाही वापस नहीं ली है। बीईओ की असंस्तुति के पश्चात भी बिना मानक के विद्यालयों को निजी स्वार्थपूर्ति के लिए उच्चाधिकारियों की तरफ से मान्यता दी जा रही है। एसीपी प्रकरणों का जानबूझकर निस्तारण नहीं किया जा रहा है। बीईओ संघ के प्रदेश उपाध्यक्ष संजय शुक्ला ने कहा कि कर्मिक विभाग के शासनादेशों एवं सेवा नियमावली में समूह-ख का स्पष्ट उल्लेख होने के बाद भी बीईओ संवर्ग का समूह-ग में अधियाचन भेजने वाले अधिकारियों के विरूद्ध कार्यवाही नहीं की गई है। शिक्षकों और अन्य कर्मियों के एरियर भुगतान के लिए मानव सम्पदा पोर्टल पर 23 जुलाई 2012 के शासनादेश के प्रावधानों के विपरीत त्रुटिपूर्ण एरियर माड्यूल बनाया गया है जिसमें संशोधन की आवश्यकता है, लेकिन अभी तक इस पर काम नहीं किया गया है। उन्होंने बताया कि बीईओ अवकाश प्रकरण निदेशालय स्तर पर लम्बित है। इसके अलावा स्थानान्तरण भत्ते का भुगतान निदेशालय में ही लम्बित है जिसका भुगतान नहीं किया जा रहा है।
बीईओ संघ के संयुक्त मंत्री आरपी यादव ने कहा कि बीईओ को सुबह 6 बजे से देर रात तक विपरीत परिस्थितियों में कार्य करने के लिए बाध्य किया जा रहा है। इससे वह विभिन्न मानसिक एवं शारीरिक स्वास्थ्य सम्बन्धी समस्याओं से ग्रस्त हैं। यादव ने कहा कि कार्यावधि निर्धारित की जानी चाहिए। जीरो टालरेन्स नीति का अनुपालन निदेशालय तथा महानिदेशक राज्य परियोजना कार्यालय एवं अन्य कार्यालयों द्वारा भी किया जाए। बीईओ के प्रति द्वेषपूर्ण भावना है। 360 डिग्री फीडबैक लिया जा रहा है। बीएसए, निदेशालय तथा महा निदेशक कार्यालय का 360 डिग्री फीडबैक बीईओ से भी लिया जाए। कई कार्य बीईओ की तरफ से कराए जाते हैं लेकिन उनका बजट पंचायत विभाग को जाता है। उन्होंने कहा कि विद्यालयों में निर्माण कायाकल्प संबंधी धनराशि में सिर्फ बीईओ बदनाम किया जा रहा है। मान्यता प्राप्त विद्यालयों द्वारा यू डायस का कार्य पूर्ण नहीं किया जा रहा है। कई बार हम लोगों की तरफ से बीएसए और डीआईओएस को लिखकर दिया गया है लेकिन शासन की तरफ से बीईओ का ही वेतन बाधित कर दिया जाता है जोकि सरासर गलत है। बीईओ और जूनियर हाईस्कूल के शिक्षकों का ग्रेड पे समान है जबकि बीईओ का कैडर अलग है। इस मौके पर विधि मंत्री माधव राज त्रिपाठी, कोषाध्यक्ष दिनेश मौर्य, उपाध्यक्ष महिला इंदिरा देवी, राजेश राम, बृजलाल वर्मा, सत्य प्रकाश यादव, अखिलानंद राय, उदयमणि पटेल, लालमणि कन्नौजिया, वरुण मिश्रा, कुलदीप, केके त्रिपाठी, गौरव मिश्रा, उदय नारायन कटियार, राजेश कटियार, शैलेंद्र कुमार उत्तम, अमर सिंह वर्मा, मुकेश कुमार, मनोज पटेल, अजब सिंह, नसरीन फारुकी, नरेंद्र कुमार, देवेंद्र सिंह पटेल, चंद्रजीत सिंह, आनंद भूषण, प्रियंका चौधरी, ईश्वर कांत मिश्रा आदि बीईओ मौजूद रहे।
Home » मुख्य समाचार » बीईओ संघ ने धरना देकर किया आर-पार का ऐलान, एक माह में मांग न पूरी होने पर होगा बड़ा आंदोलन