Saturday, March 29, 2025
Breaking News
Home » विविधा » “स्वतंत्रता दिवस मात्र नहीं हम सबका अभिमान भी”

“स्वतंत्रता दिवस मात्र नहीं हम सबका अभिमान भी”

kanchan pathak
कंचन पाठक. कवियित्री, लेखिका

यह स्वतंत्रता दिवस मात्र नहीं हम सबका अभिमान भी है
देशप्रेमियों का गुरुर है राष्ट्र भक्ति की शान भी है
आज न कोई शिकवा करना, करना नहीं लड़ाई
दिल या पुरखों की भूमि हो आज न खींचो खाई
जात धर्म का रोना धोना कर दो आज किनारे
इन्सा बन कर एक दूजे को गले लगा लो प्यारे
गौरव कर लो मातृभूमि पर अवसर है पैगाम भी है
संवरी-संवरी आज दिशा पर कहता यही दिनमान भी है ।।
जहरबेल के बीज रोप कर दूरी के कर दिए निशान
बारूदों की रेत बिछाकर दिल को भी कर दिया मकान
धूल गर्द में धुँधली शक्लें पहचानी न जाती है
वहशत की पथरीली आँखों तक पानी न आती है
लाचारों की शोणित से कंठों को तर कर लेते हैं
छीन गरीबों की रोटी यह अपना घर भर लेते हैं
कितनी फूट कहाँ भरनी है इनको यह अनुमान भी है
और सियासी रहनुमाओं की यही आज पहचान भी है ।।
भारत माँ की मुक्ति हेतु जो फांसी पर झूल गए
हम कृतघ्न कैसे कि उनको आसानी से भूल गए
आज याद उनको करके संकल्प यही कर लेना है
एका न टूटेगी अपनी मन में यह धर लेना है
आजादी के दीवानों का यही सच्चा सम्मान भी है
यह स्वतंत्रता दिवस मात्र नहीं हम सबका अभिमान भी है ।।