Friday, September 20, 2024
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श्री अन्नः इस साल मथुरा को मिला बाजरा खरीद का ’10 गुना लक्ष्य’

⇒जनपद को मिला है दो लाख 35 हजार कुंतल सरकारी खरीद का लक्ष्य
⇒पिछले साल के मुकाबले एमएसपीअ पर 150 रुपये अधिक मिल रहे
मथुराः श्याम बिहारी भार्गव। मोटे अनाज को लेकर सरकार की मुहिम रंग ला रही है। बाजरा की खेती को बढावा देने के लिए उठाये जा रहे कदमों के तहत इस बार एमएसपी पर पिछले साल की तुलना में 150 अधिक किसानों को मिल रहे हैं। पिछली बार 8 हजार 71 कुंतल से ऊपर बाजरा की सरकारी क्रय केंद्रों पर खरीद हुई थी। इस बार दो लाख 35 हजार कुंतल का लक्ष्य रखा गया है। पिछले वर्ष सरकार खरीद का लक्ष्य 25 हजार कुंतल था। 2022 में पहली बार बाजरा की एमएसपी घोषित हुई थी और सरकारी क्रय केंद्रों पर खरीद हुई थी। जनपद में सरकारी क्रय केन्द्रों पर एक अक्टूबर से बाजार की खरीद शुरू हो चुकी है। जिला कृषि अधिकारी अश्वनी कुमार सिंह ने बताया कि जनपद में इस बार बाजरा की फसल अच्छी हुई है। बाजरा की खेती का रकबा 60 हजार हेक्टेयर है।

जबकि पिछली बार 48 हजार हेक्टेयर के करीब था। इस बार बाजरा की बम्पर पैदावार हुई है। मौसम का मिजाज ठीक रहा है और बाजरा की फसल पर इस बार किसी रोग तथा कीट का भी हमला नहीं हुआ है। जिला खाद्य वितरण अधिकारी संतोष ने बताया कि पिछले साल 23 सौ 50 रूपये एमएसपी था, जिसे इस साल बढाकर 25 सौ रुपये कर दिया गया है। जनपद में सरकारी खरीद के लिए 15 क्रय केन्द्र बनाये गये हैं। जबकि पिछली बार आठ क्रय केन्द्र बनाये गये थे।

जनपद में जितनी भी अनाज मंडिया हैं सब में दो दो क्रय केन्द्र बनाये गये हैं। राया मंडी, छाता मंडी, मथुरा मंडी तथा गोवर्धन मंडी में दो दो क्रय केन्द्र खोले गये हैं। जबकि कोसी मंडी में एक क्रय केन्द्र बनाया गया है। इस क्षेत्र में धान की फसल का रकवा अधिक रहता है। वहीं ब्लॉक में दो दो केन्द्र बनाये गये हैं, हर ब्लॉक में न्यूनतम एक क्रय केन्द्र जरूर बनाया गया है। उन्होंने बताया कि सभी क्रय केन्द्रों पर खरीद शुरू हो गई है। एक अक्टूबर से खरीद होनी थी लेकिन छुट्टी के चलते तीन अक्टूबर से विधिवत काम शुरू हो सका। क्रय केन्द्र पर सभी व्यवस्थाएं पूरी कर दी गई हैं।
एमएसपी पर फसल बेचने के लिए किसान को करना होगा रजिस्ट्रेशन
बिचौलियों और दलालों से किसानों को बचाने के लिए इस बार सरकार की ओर से पुख्ता इंतजाम किये गये हैं। किसान को खाद्य विभाग की वेबसाइट पर रजिस्ट्रेशन करना होगा। जिसमें अपनी फसल के रकखा का भी उल्लेख करना होगा। रजिस्ट्रेशन के बिना किसान सरकारी क्रय केन्द्र पर अपनी फसल नहीं बेच सकेंगे। बिना रजिस्ट्रेशन के किसान के बाजरा की खरीद नहीं हो पायेगी।