Sunday, October 6, 2024
Breaking News
Home » मुख्य समाचार » संत सम्मेलन और श्रीमद्भागवत कथा का कलश यात्रा के साथ हुआ शुभारम्भ

संत सम्मेलन और श्रीमद्भागवत कथा का कलश यात्रा के साथ हुआ शुभारम्भ

फिरोजाबाद : जन सामना संवाददाता। अखिल भारतीय सोहम महामंडल के 44 वें वार्षिक कार्यक्रम का आयोजन रविवार को कलश यात्रा के साथ शुरू हो गया। पीत वस्त्र धारण कर 651 सौभाग्यशाली महिलाएं सिर पर मंगल कलश लेकर चल रही थी। शोभायात्रा का मार्ग में जगह-जगह पुष्प वर्षा कर स्वागत हुआ।
रविवार को संत सम्मेलन और भागवत कथा की भव्य कलश यात्रा का शुभारंभ पंकज अग्रवाल एवं श्री भगवान अग्रवाल द्वारा आरती उतारकर किया। कलश यात्रा राधाकृष्ण मंदिर से प्रारम्भ होकर छोटा चौराहा, घंटाघर, गंज चौराहा, डाकखाना चौराहा, कोटला रोड होते हुए रामलीला प्रांगण में बने कथा स्थल पर पहुंचकर संपन्न हुई। कलश यात्रा में स्वामी विवेकानंद महाराज के उत्तराधिकारी अध्यक्ष स्वामी सत्यानंद महाराज के साथ महामंडलेश्वर शुकदेवानंद महाराज, स्वामी ज्ञानानंद महाराज, स्वामी पीतम दास महाराज, प्रज्ञानंद महाराज, निगमानंद महाराज, रामानंद महाराज, स्वामी विजया नंद महाराज एवं ब्रह्मचारी स्वामी अरुण स्वरूप महाराज आदि संत रथों पर विराजमान होकर चल रहे थे। कलश यात्रा में परीक्षित यजमान संजय शर्मा एवं पूनम शर्मा सिर पर श्रीमद् भागवत धारण कर तथा यज्ञपती यजमान सौरभ तिवारी एवं नेहा तिवारी परिजनों के साथ चल रहे थे। मंच पर कार्यक्रम का शुभारम्भ संजय मित्तल द्वारा दीप प्रज्वलन कर किया। स्वामी सत्यानंद महाराज ने कहा कि फिरोजाबाद की जनता बधाई की पात्र है जो विगत 44 वर्षों से निरंतर इस धार्मिक कार्यक्रम में तन मन धन का सहयोग प्रदान कर संपन्न करते हैं। भागवत आचार्य पंडित राम गोपाल शास्त्री ने प्रथम दिन श्रीमद् भागवत कथा के महत्व पर चर्चा करते हुए कहा कि श्रीमद् भागवत पुराण एक महान धार्मिक ग्रंथ है जिसके पढ़ने एवं श्रवण करने से भगवान से साक्षात मिलन होता है। उन्होंने कहा कि बड़े पुण्यों के बाद मानव जीवन प्राप्त होता है। इसीलिए प्रत्येक मनुष्य को अपने जीवन के अमूल्य समय को भगवान के स्मरण में लगाना चाहिए। जिससे वह इस नरक रुपी संसार से मोक्ष की प्राप्ति कर सके।
कलश यात्रा में चंद्र प्रकाश शर्मा, द्विजेंद्र मोहन शर्मा, सर्वेश दीक्षित, उमाकांत पचौरी एडवोकेट, अभिषेक मित्तल चंचल, रमाकान्त उपाध्याय, अंबेश शर्मा, पवन दीक्षित, अनुग्रह गोपाल, कन्हैया तिवारी, हरिओम वर्मा, प्रमोद राजौरिया, श्याम सिंह यादव, महेंद्र सिंह, शिवनारायण यादव आदि मौजूद रहे।