Friday, May 17, 2024
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दिव्यांग क्षेत्र में क्रांतिकारी साबित होगी नई शिक्षा नीति प्रणाली

मथुराः जन सामना संवाददाता। वात्सल्य ग्राम स्थित वैशिष्टयम विद्यालय द्वारा दिव्यांग क्षेत्र में नई शिक्षा नीति प्रणाली को अवगत कराने के उद्देश्य से तीन दिवसीय सतत पुनर्वास शिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया गया। जिसके अंतर्गत राष्ट्रीय शिक्षा नीत में विशेष शिक्षा का परिचय विषय पर चर्चा परिचर्चा की गई। शिविर के समापन पर वक्तव्य देते हुए दृष्टि बाधित प्रवक्ता संदीप ने ऑनलाइन एवं डिजिटल शिक्षा के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि दृष्टिबाधित बच्चों के लिए हम प्रोजेक्टर या स्पर्श वाले उपकरणों का प्रयोग करते हुए सिखा सकते हैं तथा ऑनलाइन शिक्षा प्राप्त करने का डिजिटल माध्यम भी है। इसके द्वारा कोई भी व्यक्ति जो शिक्षा प्राप्त करने में असमर्थ है। वह डिजिटल के माध्यम से शिक्षा प्राप्त कर सकता है। जयपुर से आए सहायक प्रवक्ता विकास ने दिव्यांग बच्चों के लिए कक्षा कैसी होनी चाहिए इस पर चर्चा की तथा शकुंतला मिश्रा नेशनल रिहैवलेशन विश्वविद्यालय, लखनऊ के प्रवक्ता डॉक्टर नरेंद्र सिंह ने शिक्षा में अनुकूलन और समावेशन पर विचार व्यक्त करते हुए कहा कि विशेष बच्चों के लिए प्रत्येक कक्षा के पाठ्यक्रम में अनुकूलन समावेश होना चाहिए। इसके अंतर्गत सभी को एक ही छत के नीचे पढ़ना चाहिए। शिक्षा की गतिविधि लचीली होनी चाहिए। बच्चों के मनोनुकूल पाठ्यक्रम हो जो सरल और सहज ग्राह्य होना चाहिए, जो दिव्यांग बच्चों को असहज महसूस ना हो। पाठ्यक्रम रुचि के अनुरूप हो तथा सामान्य बच्चों के तरह दिव्यांग बच्चे भी उसे ग्रहण कर सकें। शिविर की संयोजिका का वैशिष्टयम् की प्रधानाचार्या मीनाक्षी अग्रवाल ने सभी का आभार व्यक्त किया। शिविर में भरतपुर, दिल्ली, नोएडा, अमरोहा, गाजियाबाद, जयपुर, दौसा आदि से 100 प्रशिक्षिकों ने भाग लिया तथा 10 विषय विशेषज्ञों ने ऑनलाइन तथा ऑफलाइन शिक्षकों को प्रशिक्षित किया। इस अवसर पर सभी प्रशिक्षिकों को प्रमाण पत्र वितरण किए गए।
कार्यक्रम में परम शक्ति पीठ के कार्यकारी अध्यक्ष सी बी पाटोदिया, स्वामी सत्यशील, के बी गुप्ता, डॉक्टर आलोक उपाध्याय की विशेष उपस्थिति रही तथा राजेश कुमार, राज कुमार, रमाकांत शर्मा, अश्वनी सिंह, प्रीति गौतम, उमेश, अंकेश, जितेंद्र रावत आदि का विशेष सहयोग का कार्यक्रम का संचालन जसविंदर मलिक ने किया।