Sunday, November 24, 2024
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भाजपा के सिवा आज तक कोई नहीं भेद पाया चौधरी चरण सिंह का गढ़

बागपतः विश्व बंधु शास्त्री। बागपत लोकसभा सीट 1967 से अस्तित्व में है। जिसमे आज तक भाजपा के अलावा कोई इस अभेद दुर्ग को नहीं भेद पाया। इस सीट पर किसान नेता और जाटों का कब्जा ज्यादा रहा है। इस सीट से दिग्गज नेता चौधरी चरण सिंह और चौधरी अजीत सिंह ने कई बार अपना परचम लहराया है। इस सीट पर जनता ने पार्टी नहीं प्रत्याशियों को वोट देकर जीत दिलाई। 1967 में जनसंघ के रघुवीर सिंह शास्त्री ने जीत हासिल की थी। 1977 में जनता पार्टी से लड़कर चौधरी चरण सिंह ये सीट जीते। इसके बाद 1980 और 1984 में लोकदल पार्टी से चौधरी चरण सिंह ने चुनाव लड़ा और जीत हासिल की। चौधरी अजीत सिंह ने भी 1989 और 1991 में जनता दल से इस सीट पर चुनाव लड़कर जीत हासिल की। चौधरी अजीत सिंह 1996 में भी जीते लेकिन इस बार उन्होंने कांग्रेस के टिकट से चुनाव लड़ा। 1997 में चौधरी अजीत सिंह ने निर्दलीय चुनाव लड़कर इस सीट पर कब्जा किया। इसके बाद चौधरी अजीत सिंह ने इस सीट पर हैट्रिक लगाई। 1999, 2004 और 2009 में राष्ट्रीय लोक दल से चौधरी अजीत सिंह ने तीन बार चुनाव लड़ा और जीते। भाजपा की बात करें तो सोमपाल शास्त्री ने 1998 में पहली बार इस सीट पर पार्टी को जीत दिलाई। वहीं 2014 और 2019 में सत्य पाल सिंह ने भारतीय जनता पार्टी को ये सीट जीतकर दी। अखिलेश यादव की समाजवादी पार्टी (सपा) और मायावती की बहुजन समाज पार्टी (बसपा) इस सीट पर कभी भी अपना खाता खोलने में कामयाब नहीं रही हैं।