Saturday, September 7, 2024
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नई पीढ़ी को श्रीराम के जीवन दर्शन से जोड़ने की अनूठी पहल

कानपुर। अन्तर्राष्ट्रीय रामायण एवं वैदिक शोध संस्थान, अयोध्या (संस्कृति विभाग, उ.प्र.) तथा जिला प्रशासन, कानपुर नगर के तत्वावधान में शहर के नौबस्ता हनुमन्त विहार स्थित विमल उच्चतर माध्यमिक विद्यालय में आयोजित दो दिवसीय रामायण बालरंग उत्सव के प्रथम दिन रामायण आधारित चित्रकला प्रतियोगिता सम्पन्न हुई। इसके बाद बच्चों को ख्यातिलब्ध रामलीला कलाकारों द्वारा ताड़का एवं सुबाहु वध की लीला भी दिखाई गयी। इसे नई पीढ़ी को श्रीराम के जीवन दर्शन से जोड़ने की अनूठी पहल बताया जा रहा है।
कानपुर दक्षिण के नौबस्ता हनुमन्त विहार स्थित विमल उच्चतर माध्यमिक विद्यालय में अन्तर्राष्ट्रीय रामायण एवं वैदिक शोध संस्थान, अयोध्या (संस्कृति विभाग, उ.प्र.) तथा जिला प्रशासन, कानपुर नगर के तत्वावधान में दो दिवसीय रामायण बालरंग उत्सव का आयोजन किया गया है। जिसका मूल उद्देश्य बच्चों को भारत की प्राचीन संस्कृति की साकार प्रतिमूर्ति श्रीराम के जीवन दर्शन से जोड़ना हैद्य उत्सव के प्रथम दिन बच्चों के बीच सबसे पहले रामायण आधारित चित्रकला प्रतियोगिता आयोजित की गयी। जिसमें लगभग 125 छात्र-छात्राओं ने हिस्सा लेते हुए रामकथा से सम्बन्धित विभिन्न दृश्यों को कागज पर उकेर कर अपनी कला प्रतिभा एवं रामायण ज्ञान का परिचय दिया। सभी प्रतिभागियों को प्रमाण-पत्र देकर प्रोत्साहित किया गया। वहीँ सर्वश्रेष्ठ पांच प्रतियोगियों को क्रमशः प्रथम, द्वितीय, तृतीय एवं रनर-1 तथा रनर-2 का सम्मान देते हुए विशेष रूप से पुरस्कृत किया गया। विजेता प्रतिभागियों में अंशिका शुक्ल (कक्षा 5) प्रथम, आँकक्षा सैनी (कक्षा 9) द्वितीय तथा लक्ष्मी यादव (कक्षा 6) तृतीय स्थान पर रहीं। जबकि दीक्षा मिश्रा (कक्षा 10) तथा इशू सविता (कक्षा 6) रनर रहे। प्रतियोगिता सम्पन्न होने के बाद सुश्री दीपांजलि के रामलीला दल ने ताड़का एवं सुबाहु वध की लीला का प्रभावशाली मंचन करके बच्चों सहित सभी आगन्तुकों को मन्त्र मुग्ध कर दिया।
दो दिवसीय रामायण बालरंग उत्सव हेतु अन्तर्राष्ट्रीय रामायण एवं वैदिक शोध संस्थान, अयोध्या (संस्कृति विभाग, उ.प्र.) द्वारा नामित समन्वयक लक्ष्मण अभिनेता एवं स्वतन्त्र पत्रकार डॉ.दीप कुमार शुक्ल ने बताया कि भौतिकवाद की अन्धी दौड़ में भागती नई पीढ़ी संस्कृति एवं संस्कारों से निरन्तर दूर होती जा रही है। इस हेतु उत्तर प्रदेश के मुख्यमन्त्री योगी आदित्यनाथ तथा पर्यटन एवं संस्कृति मन्त्री जयवीर सिंह के निर्देश पर अन्तर्राष्ट्रीय रामायण एवं वैदिक शोध संस्थान द्वारा जिला प्रशासन के सहयोग से पूरे प्रदेश में बालरंग उत्सव आयोजित किये जा रहे हैं। कानपुर नगर में इस हेतु विमल उच्चतर माध्यमिक विद्यालय का चयन किया गया है। शीघ्र ही अन्य विद्यालयों में भी ऐसे कार्यक्रम आयोजित किये जा सकते हैंद्य ताकि नई पीढ़ी को श्रीराम और उनके जीवन दर्शन से जोड़ा जा सके। क्योंकि श्रीराम का जीवन दर्शन सम्पूर्ण मानव जाति के लिए प्रेरणा स्रोत है।
इस अवसर पर विद्यालय के प्रधानाचार्य विमल कुमार शुक्ल ने अन्तर्राष्ट्रीय रामायण एवं वैदिक शोध संस्थान को धन्यवाद देते हुए कहा कि यह कार्यक्रम नई पीढ़ी को राम के जीवन दर्शन से जोड़ने की अनूठी पहल है। ऐसे कार्यक्रमों से बच्चों को हमारी प्राचीन संस्कृति एवं संस्कारों से जोड़ने का पुनीत अवसर प्राप्त होता है। जिसकी आज अत्यन्त आवश्यकता हैद्य संस्थान के निदेशक सन्तोष कुमार शर्मा ने प्रतिभागी छात्र-छात्राओं को शुभकामनाएँ तथा सफल आयोजन हेतु अपने समस्त सहयोगियों को बधाई प्रेषित की है। प्रतियोगिता के तीन सदस्यीय निर्णायक मण्डल में सम्मिलित कला शिक्षक नीरज कुमार सचान, श्रीमती गीता देवी तथा कु.आस्था गौरव ने सभी प्रतिभागियों के प्रयास की भूरि-भूरि प्रशंसा की। कार्यक्रम को सफल बनाने हेतु विमल उच्चत्तर माध्यमिक विद्यालय की प्रबन्धक श्रीमती गीता शुक्ला ने अपने शिक्षकों वीरेन्द्र कुमार शुक्ल, गोविन्द सिंह, लक्ष्मी अवस्थी, सुनीता शुक्ला, मंजू त्रिवेदी, मालती, चन्द्र प्रकाश शुक्ल, दुर्गा प्रसाद शुक्ल तथा सभी आगन्तुकों एवं रामलीला कलाकारों को धन्यवाद ज्ञापित किया। सुश्री दीपांजलि के रामलीला दल के प्रमुख पात्रों में राम लवेन्द्र मिश्र, लक्ष्मण कुशेन्द्र मिश्र, विश्वामित्र विजयकान्त त्रिपाठी, ताड़का देवेन्द्र मिश्र, चिर्पाेटन विनोद कुमार उर्फ़ छुन्ना तिवारी, सुबाहु सूर्य प्रकाश अवस्थी तथा मारीच विमलेश त्रिवेदी उर्फ़ जय जय ने अपने दमदार अभिनय से सभी को अन्त तक बांधे रखा। व्यास की भूमिका रत्नेश त्रिपाठी उर्फ़ लाल ने निभाई तथा तबले पर सुशील द्विवेदी ने संगत कीद्य मंच एवं रूप सज्जा राघव मिश्र की रही। जबकि प्रस्तुति नियन्त्रक का दायित्व नीरज शुक्ला ने निभाया तथा प्रस्तुति सहायक मनु श्री, पूजा, आर्यन शुक्ल एवं सूर्यप्रकाश शुक्ल रहे।