Friday, September 20, 2024
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एनटीपीसी की ओर से शिक्षा के अवसर पाकर बच्चियों के चेहरे पर खिली मुस्कान

पवन कुमार गुप्ताः रायबरेली। एनटीपीसी ऊंचाहार में बालिका सशक्तिकरण अभियान के तहत ग्रीष्मकालीन छुट्टियों में संपन्न कार्यशाला में प्रतिभाग करने वाली 120 बच्चियों में से उच्च मेधावी बारह बालिकाओं को एनटीपीसी ऊंचाहार प्रबंधन द्वारा एनटीपीसी ऊंचाहार आवासीय परिसर स्थित डीएवी पब्लिक स्कूल में निःशुल्क शिक्षा हेतु एडमिशन दिया गया है। इस मुहिम के तहत परियोजना परिसर के डीएवी स्कूल में एक इंटरैक्शन प्रोग्राम आयोजित किया गया, जिसमें परियोजना प्रमुख मनदीप सिंह छाबड़ा ने मेधावी बालिकाओं तथा उनके अभिभावकों से संवाद स्थापित किया।
बालिकाओं का उत्साहवर्धन करते हुए श्री छाबड़ा ने कहा कि इन बालिकाओं के अंदर जो छिपी प्रतिभा है, उसे बाहर निकालें और अपने आपको किसी से कमतर ना आंकते हुए लक्ष्य निर्धारित करें और अपने कौशल एवं प्रतिभा से सबसे आगे निकलने का साहस पैदा करें। श्री छाबड़ा ने अभिभावकों से अपील करते हुए कहा कि वे बच्चियों को घर में पढ़ने व जो कार्य स्कूल में दिया जाए उसे पूरा करने के लिए ना केवल प्रेरित करें बल्कि समय-समय पर उनका मार्गदर्शन भी करें।
मानव संसाधन विभाग की प्रमुख रूमा दे शर्मा ने बालिकाओं का हौसला बढ़ाते हुए कहा कि एनटीपीसी ने आपको एक सशक्त मंच दिया है, अपने व्यक्तित्व को निखारने के लिए इसका भरपूर लाभ उठाएं। अभिभावकों से अपील करते हुए उन्होंने कहा कि आपकी बच्चियां हीरा हैं और ये अवसर उन्हें तराशने का एक प्रयास है।
डीएवी स्कूल के प्रधानाचार्य देवेन्द्र मिश्र ने कहा कि संस्कार और शिक्षा डीएवी संस्था के मूल में है। सभी ग्रामीण बालिकाएं जो इस संस्था का हिस्सा बन रही हैं, वे हिंदी से अंग्रेजी और अंग्रेजी से हिंदी में पाठ्य सामग्री में जमकर अभ्यास करें ताकि वे संस्था के सामान्य छात्र-छात्राओं से भी दो कदम आगे बढ़कर अपना, अपने माता-पिता तथा इस संस्था का नाम रौशन करें। इन बच्चियों को आगे बढ़ने के लिए स्कूल की ओर से हर संभव सहायता दी जाएगी।
सीएसआर विभाग ने सभी अभिभावकों तथा बालिकाओं का ऊंचाहार परियोजना प्रमुख से परिचय करवाया तथा परियोजना प्रमुख का इस बात के लिए आभार व्यक्त किया कि बालिकाओं और उनके अभिभावकों से संवाद कायम करके उनकी जो हौसला अफजाई किया है, इससे बालिका सशक्तिकरण अभियान को और गति मिली है। साथ ही इस बात को बल मिला है कि एनटीपीसी आसपास के ग्रामीणों के सहूलियतों तथा उनके बच्चों के कौशल विकास के प्रति एनटीपीसी कितना संवेदनशील है।