Saturday, September 14, 2024
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आज भी स्थिर है बकुलाही झील का प्रवाहः क्या दर्जनों गांवों के लिए फिर से मंडराने लगा है खतरा.?

पवन कुमार गुप्ताः ऊंचाहार, रायबरेली। रायबरेली जिले के रोहनिया ब्लाक क्षेत्र से निकलने वाला गंगा एक्सप्रेस वे का निर्माण कार्य काफ़ी तेज़ गति से चल रहा है। इस कार्य को गंगा एक्सप्रेसवे की यूपीडा कार्यदाई संस्था द्वारा कराया जा रहा है।
बताते चलें कि गंगा एक्सप्रेसवे निर्माण की जद में आ रहे उमरन गांव के पास स्थित तालाब को कार्यदायी संस्था मिट्टी द्वारा पाट कर एक्सप्रेसवे का निर्माण किया जा रहा है। जानकारी के मुताबिक इसी तालाब से होकर बकुलाही झील का प्रवाह है। जिसके पहले से बगल में जल निकासी के लिए बना नाला अवरुद्ध हो गया है। जिसके कारण अभी कुछ ही दिन पहले बरसात का पानी उमरन, रायपुर, सेमरा, भखरी, पावरगंज, सुमेरबाग, पटेरवा, पूरे मदारी, मुरारमऊ, पूरे बेचू, गौसपुर, पूरे बल्दू, सहित गांव में लगातार हो रही बारिश से सैकड़ो बीघा धान की फसल जलमग्न हो गई थी और लोगो के घरों में पानी घुसने लगा था। जिसके बाद उमरन प्रधान प्रतिनिधि रणजीत प्रताप सिंह की अगुवाई में संजय सिंह, अभिषेक सिंह, अजीत कुमार छोटेलाल, जगदीश यादव, केदार नाथ, शिव प्रताप, गजाधर, लाल जी, देशराज, संजय, सहित सैंकड़ों की संख्या में ग्रामीणों ने एक्सप्रेसवे के चल रहे काम को रोक कर धरना प्रदर्शन भी किया था। इस दौरान ग्रामीणों ने जल निकासी के लिए यूपीडा के अधिकारियों से बात करने और जल भराव से निजात दिलाने की मांग की थी। यह भी बताया गया कि धरना प्रदर्शन की खबर सुनकर कार्यदाई संस्था आईटीडी के एचआर राकेश कुमार सिंह ने भी मौके पर पहुंच कर ग्रामीणों की समस्या को अपने उच्च अधिकारियों को अवगत कराकर दो दिन में निस्तारण करने की बात कही थी। ग्राम प्रधान प्रतिनिधि रणजीत प्रताप सिंह के कहने पर ग्रामीणों ने दो घंटे बाद धरना प्रदर्शन बंद कर दिया था।
परन्तु अब एक बार फिर से सूत्रों द्वारा जानकारी प्राप्त हो रही है कि रोहनिया ब्लाक के लिए अभिशाप बनी इस बकुलाही झील के प्रवाह को आज भी गंगा एक्सप्रेस वे के द्वारा अवरुद्ध करके रखा गया है। अब सवाल यह है कि क्या ग्रामीणों के आक्रोश और प्रदर्शन का गंगा एक्सप्रेसवे के अधिकारियों ने सौदा कर लिया जो आज तक इस यह समस्या बनी हुई है।
फिलहाल यह तो जांच का विषय है कि आखिर ग्रामीणों के आक्रोश और प्रदर्शन के बावजूद अधिकारियों ने इस बकुलाही झील के प्रवाह को खोला क्यों नहीं.? यदि बकुलाही झील के प्रवाह को न खोला गया तो किसानों के लिए भी समस्या उत्पन्न होगी ही साथ ही कटाव होने पर गांवों में पानी घुसने लगेगा।