शिकोहाबाद। आगरा लखनऊ एक्सप्रेस इस समय हादसों की स्थली बन गई है। विगत तीन दिन में नौ लोगों की मृत्यु हो चुकी है। जबकि लगभग 30 से अधिक लोग घायल हो चुके हैं। इसके बाबजूद यूपीडा इस तरफ कोई ध्यान नहीं दे रहा है। आखिर एक्सप्रेस वे की सुरक्षा में तैनात कर्मचारी क्या कर रहे हैं।
सोमवार सुबह चार बजे के करीब एक डबल डेकर बस दिल्ली से सिद्धार्थनगर के लिए रविवार शाम को रवाना हुई थी। बस में कुल 95 सवारियां भरी हुई थीं। बस को नीरज कुमार पुत्र बलवीर निवासी पारसोली नौझील मथुरा चला रहा था। सोमवार सुबह चार बजे के करीब बस नसीरपुर थाना क्षेत्र अंतगर्त माइल स्टोन 55.700 पर पहुंची, तभी चालक को नींद आ गई। जिससे बस तेज रफ्तार में बीच के डिबाइडर से टकरा गई। गनीमत रही कि बस डिबाइडर से टकराने के बाद पलटी नहीं, अन्यथा बड़ा हादसा हो सकता था।हादसा होते ही यात्रियों की चीख पुकार मच गई। सूचना पर पहुंची थाना पुलिस ने घायलों को प्राथमिक उपचार मुहैया कराया। ज्यादातर घायलों को एक्सप्रेस वे पर ही प्राथमिक उपचार के बाद गंतव्य के लिए रवाना किया गया। जबकि एक घायल विक्रम (28) पुत्र अशोक निवासी अशोक विहार दिल्ली को जिला संयुक्त चिकित्सालय लाया गया। जिसे अस्पताल से प्राथमिक उपचार के बाद छ्टूटी दे दी गई। वहीं दुर्घटनाग्रस्त बस को एक्सप्रेसवे से साइड में करा दिया गया गया है। आए दिन एक्सप्रेस वे पर हो रहे हादसों से कोई भी जिम्मेदार अधिकारी सबक नहीं ले रहा है। एक्सप्रेस वे पर वाहन खड़े रहते हैं, जिन्हें तत्काल प्रभाव से हटवाना चाहिए। लेकिन ऐसा नहीं होता है और हादसा हो जाता है।