हाथरस: नीरज चक्रपाणि। विभागीय अधिकारियों की अनदेखी व खाद्य विभाग की मेहरवानी के कारण पशुओं की चर्बी एवं अन्य पदार्थाे से निर्मित नकली देशी घी का कारोबार जनपद में खूब फल फूल रहा है। जिले में शुध्द देशी घी केे नाम पर जमकर नकली घी की विक्री की जा रही है। जिले एवं आसपास के क्षेत्रो में नकली देशी घी बनाने का काम हो रहा है, जिसे एजेन्टों द्वारा जिले के कस्बों में सप्लाई किया जाता है। लोगोें का कहना है, कि नकली घी का कारोबार पुलिस एवं खाद्य विभाग के संरक्षण में किया जा रहा है। इसीलिये इस गोखधन्धे में लगे करोबारियों पर कार्यवाही करने में कतराते हैं। इसकी एवज में हर माह वह मोटी रकम वसूलते हैं, नकली घी का कारोबार असली घी से कम दामों में उत्पाद को बेचकर असली घी बनाने वालों के लिये मुसीबत बने हुए हैं। जिले में नकली देशी घी विकसित हो रहा है, नकली घी के कारोबारी आसपास के कस्बों में अपना जाल फैला चुकेे हैं। शायद ही ऐसा कोई कस्बा होगा, जहां घी माफिया इस करोबार को अंजाम नही दे रहे, इस मामले में खाद्य विभाग की निष्क्रियता गले नही उतरती है। खाद्य विभाग से जुड़े लोग अवैध धन्धे वालों के यहां प्रतिमाह बैठकर मोटी रकम इसलिये वसूल रहे हैं, कि कोई टीम आयेगी तो इसकी अग्रिम सूचना उपलब्ध करा दी जायेगी?
वास्तव में गौर किया जाये तो नकली घी का कारोबार करने वाले और संरक्षणदाता क्षेत्रीय लोगों के स्वास्थ से नही बल्कि जीवन से खिलवाड़ कर रहे हैं। इस अवैध कारोबार में मीट माफियाओं की भागीदारी है, जो नकली घी तैयार करने हेतु पशुओं की चर्बी उपलब्ध कराते हैं? रात के अधेरे में नकली घी निर्माताओं के यहां ये चर्बी पहुचा दी जाती है? चर्बी युक्त घी के सेवन से लोग विभिन्न रोगों के शिकार हो रहे हैं। इस घी से भंयकर रोगों की चपेट में आये, लोग इलाज के लिये डाक्टरो के चक्कर लगाने को मजबूर हैं। प्रशासनिक अघिकारी भी ऐसे संगीन मामले को नजर अंदाज कर देते हैं? बल्कि ऐसे मामलों की शिकायत को रद्दी की टोकरी में डाल कर इस गोरखधन्धे पर पर्दा डालने में भूमिका निभाते है। नकली घी कम दामों पर बाजार में आसानी से खरीद लेते हैं, परन्तु वह इस बात का ध्यान नहीं देते देशी घी बाजार में आधे मूल्य में घी उनके शरीर को पौष्टिक तत्व देने के बजाय हानिकारक कैमीकल उनके शरीर में पहुचा देता हैं। इतना नहीं लोग नामी गिरामी ब्रांड के रैपरो को देखकर भ्रमित हो जाते हैं, क्योंकि नकली घी कारोबारी बड़ी होशियारी से प्रतिष्ठत ब्राण्डो से मिलते जुलते नामों के रैपर को लगा कर अपने उत्पादक बाजार में बेच देते हैं।