Monday, May 6, 2024
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वरिष्ठ पत्रकार पर पं0 दीन दयाल उपाध्याय के आदर्शो पर चलने वालों ने ढाया कहर

2017.09.18.01. SSP. manoj singh knp⇒पत्रकार की पत्नी को बनाया बन्धक, मनमुताबिक लिखवाया राजीनामा
⇒परिजनों को दी गंभीर अन्जाम भुगतने की धमकी, दहशत में है परिवार
⇒वरिष्ठ पत्रकार ने कहा कि पलायन करने में ही अपने को सुरक्षित समझ रहा हूं
⇒सत्ता पक्ष के दबाव में पुलिस भी नहीं करेगी न्यायः पत्रकार मनोज सिंह
कानपुर, जन सामना संवाददाता। एक तरफ जहां पूरे देश में पं0 दीनदयाल उपाध्याय के अनुयायी देश के प्रधानमन्त्री नरेन्द्र मोदी जी का जन्मदिन मनाकर देश के अन्तिम व्यक्ति को सम्मानपूर्वक जीने का अधिकार दिलाने का दम भर रहे थे तो उन्हीं में कुछ अनुयायी शहर के एक पत्रकार व उसके परिजनों पर कहर बरपा रहे थे। उस कहर व धमकी का असर यह है कि पत्रकार अपने परिवार सहित शहर से पलायन करने की बात कर रहा है। उसको भय है कि सत्ता पक्ष व पं0 दीनदयाल उपाध्याय के अनुयायीजन उसके परिजनों को जानमाल की क्षति पहुंचा सकते हैं। उसे आशंका है कि उसके साथ कुछ भी हो सकता है।
जी, हां, मामला किदवई नगर थाना क्षेत्र का है। यहां जन सन्देश टाइम्स अखबार के वरिष्ठ पत्रकार मनोज सिंह दो दशकों से निवास कर रहे हैं। मनोज के मुताबिक जुही निरालानगर में अपराध निरोधक समिति की कुछ दुकानें हैं। वो दुकाने समिति के लोगों को रोजी रोजगार देने के लिए हैं। बताया गया कि भाजपा नेता गोपाल अवस्थी को भी एक दुकान मिली हुई थी, जिसे मनोज सिंह ने किराये पर ले लिया था, उसमें फोटो स्टूडियो खोल रखा है और दुकान का किराया भाजपा नेता गोपाल अवस्थी को अदा कर रहा था, इस दुकान पर मनोज का भाई भी कभी कभार बैठता था और अब मनोज की पत्नी दुकान को सन्चालित कर रोजी रोटी कमाने में सहयोग कर रही थी। बताया गया कि गोपाल अवस्थी को समिति से बाहर किन्हीं कारणों सें निकाल दिया गया तो मनोज ने किराया समिति को देना शुरू कर दिया और मनोज को समिति के अधिकारी नीलेश अवस्थी द्वारा समिति की सदस्यता दिला भी दी गई थी। नीलेश की अनुमति के बाद ही मनोज सिंह ने बिजली का मीटर लगवाया था। लेकिन समय व्यतीत हुआ और सत्ता बदली तो़ पुनः गोपाल अवस्थी ने वरिष्ठ पत्रकार मनोज सिंह की दुकान को हथियाने के लिए रविवार को अपने भाई गोविन्द अवस्थी व राजेश सैनी सहित दर्जनभर साथियों के साथ उस समय दुकानपर धावा बोला जब मनोज की पत्नी ऊषा सिंह साफ सफाई कर रहीं थी। गोपाल अवस्थी व उसके दर्जन भर साथियों ने मनोज की पत्नी के साथ इतनी अभ्रदता की कि दहशत में हो गई तभी मनोज ने आकर इसका विरोध किया तो भाजपा नेता ने मनोज की पत्नी को बन्धक बना लिया और पत्नी को जबरिया उठा ले जाने का प्रयास करने लगे इससे मनोज सिंह भी घबड़ा गये और उन्होंने अपने परिजनों की भलाई के लिए चुप्पी साधने में भलाई समझी। इस दौरान भाजपाइयों ने मनोज के बेबस करते हुए उन्हीं के हांथ से दुकान का सामान बाहर निकलवाया और इसकी वीडियो क्लिप बनाते हुए राजीवाजी दुकान खाली करने की बात भी जबरिया लिखवा ली। मनोज के मुताबिक अपनी पत्नी की हालत देख दहशत में उन्होंने वही किया जो गोपाल अवस्थी व उसके साथी चाहते थे। क्योंकि वह मजबूर थे, उन्होंने मनोज का फोन भी उस दौरान छीन लिया था।
इस के बाद मनोज सिंह व उसके परिजन इतने भयभीत दिखे कि उन्होंने पुलिस में तहरीर देने से मना कर दिया क्योंकि उनके साथ जो ज्यादती की गई उसे याद कर वो सिहर उठते हैं।
अब सवाल यह उटता है कि पं0 दीनदयाल उपाध्याय के आदर्शो से यही सबक ले रहे हैं गोपाल अवस्थी जैसे भाजपाईं। उन्होंने जरा भी नहीं सोचा कि जब पूरा देश सबका साथ सबका विकास का दम भरने वाले नरेन्द्र मोदी का जन्मदिन मना रहे थे तो उसी समय चन्द भाजपाई एक पत्रकार व उसके परिजनों पर कहर बरपा रहे थे और सूबे के मुख्यमंन्त्री श्री योगी के भयमुक्त समाज के नारे की धज्जियां उड़ाते हुए भयव्याप्त कर अपने आपको ऊंची पहुंच वाला साबित कर रहे थे।
कुछ भी लेकिन भयमुक्त समाज का नारा देने वाले योगी जी के नुमाइन्दे ही उनकी क्षवि को बट्टा लगा रहे हैं। वहीं किदवई नगर थाना क्षेत्र में ही कई ऐसे मामले भी हैं जिनमें भाजपाइयों के इशारे पर भी मकानों पर किरायेदारों ने कब्जा जमा रखा है और मकान मालिक दर दर की ठोकरें खा रहे हैं। वहीं पुलिस भी सत्तापक्ष के लोगों का पक्ष लेती दिख रही है और ऐसे में पक्षपात पूर्ण कार्रवाई करने के तमाम माले प्रकाश में आ चुके हैं।