Thursday, March 28, 2024
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आलिमे दीन स्व0 हजरत मौलाना मुहम्मद मुबीनुल हक कासमी के नाम से जानी जायेगी पुरानी चुंगी

कानपुरः जन सामना ब्यूरो। औद्योगिक नगर कानपुर के चमड़ा उद्योग के लिए विश्व प्रसिद्ध जाजमऊ स्थित पुरानी चुंगी चैराहे का नाम महान समाज सेवक, धर्मगुरू और प्रसिद्ध आलिमे दीन स्व0 हजरत मौलाना मुहम्मद मुबीनुल हक कासमी पूर्व इमाम जामा मस्जिद अशरफाबाद जाजमऊ के नाम पर नगर निगम ने ‘‘मौलाना मुबीनुल हक चैक’’रखा है। जिसका आज मौलाना मुबीनुल हक साहब के बेटे व अध्यक्ष जमीअत उलमा उत्तर प्रदेश मौलाना मुहम्मद मतीनुल हक़उसामा क़ासमी कार्यवाहक काजी ए शहर कानपुर के साथ ही क्षेत्रीय पार्षद हाजी शमीम आजाद ने मौलाना के नाम से लगाए गए शिलापट का अनावरण किया। इसके अवसर पर मौलाना उसामा कासमी ने वहाँ मौजूद लोगों के हुजूम के साथ अपने पिताजी को याद करते हुए कहा कि लोकप्रिय मौलाना मुबीनुल हक़ साहब जमीअत उलमा ए हिन्द के पूर्व अध्यक्ष मौलाना असद मदनी के बेहद करीबी थे। हजरत 45 वर्षों तक उत्तर प्रदेश की बड़ी दीनी संस्था जामे उल उलूम पटकापुर कानपुर में पढ़ाते हुए प्राचार्य और शेखुल हदीस जैसे महत्वपूर्ण पदों पर रहने के साथ ही कई वर्षों तक जमीअत उलमा कानपुर के अध्यक्ष भी रहे। अपने अध्यक्ष पद रहते हुए एशिया के सबसे बड़े जुलूस मुहम्मदी (स.अ.व.) का नेतृत्व भी किया और हमेशा ही राष्ट्रीय एकता, भाईचारे और नबी स0अ0व0 के बताए हुए रास्ते पर चलने की बात करते थे। इसके साथ ही मौलाना ने 40 वर्षों तक जामा मस्जिद अशरफाबाद में इमाम के पद पर रहकर पूरे कानपुर एवं मुख्य रूप से जाजमऊ क्षेत्र को खास लाभ पहुंचाया।
मौलाना उसामा ने कहा कि मौलानामुबीनुल हक साहब ने कानपुर के 45 वर्षीय जीवन में कभी भी किसी का दिल नहीं दुखाया, जो कि अपने आप में ही बेहद मुश्किल और एक अनोखा रिकॉर्ड रहा। मौलाना ने समस्त जीवन मुसलमानों के साथ-साथ देशवासियों विशेषकर जाजमऊ के लोगों की परेशानियों और दिक्कतों का आध्यात्मिक समाधान निकालते रहे, इसलिए सभी धर्मों, वर्ग और संप्रदाय के लोग अपने अपने लक्ष्य में सफलता के लिए आशीर्वाद और दुआएं लेने के लिए अंतिम दिनांे तक आते रहे। वह आज भी हमारे दिलों में जीवित हैं और उनकी यादें हमेशा जीवित रहेंगी।
मौलाना मुबीनुल हक़ साहब से करीबी संबध रखने वाले हाजी अब्दुल वहाब इराकी़, हाजी मुहम्मद हमज़ा, हाफिज़ मुम्ताज़, हाजी हारून रशीद, मुहम्मद सालेहीन उर्फ नन्हे , हाजी अनवार अहमद समेत बड़ी संख्या में लोगों ने कहा कि आज मौलाना मुबीनुल हक़ साहब के नाम से लगाया गया यह पत्थर केवल पत्थर नहीं है बल्कि मौलाना से जुड़ी एक याद है, हम सभी लोग इस चैराहे को आज से ‘‘मौलाना मुबीनुल हक चैक’’ कहें , इस तरह से हम जितनी बार भी इस चैक से निकलेंगे और जब हम मौलाना साहब के नाम को देखेंगे तो उनसे जुड़ी यादें भी ताज़ा होंगी, इन्शा अल्लाह।
इसके साथ ही, मौलाना उसामा ने कानपुर नगर निगम द्वारा अपने बुजुर्गाें और देश के महत्वपूर्ण लोगों की याद में उठाये गये इस कदम को सराहतेहुए विशेष रूप से हाजी शमीम आजाद को धन्यवाद दिया, जिनके प्रयासों से इस चैराहे को यह नाम दिया गया। अल्लाह हमें और मौजूद सभी लोगों को मौलाना मुबीनुल हक के जैसे ही एक अच्छा और नेक सीरत व्यक्ति बनने की तौफीक दे। आमीन।
इस मौके पर पार्षद हाजी शमीम आजाद ने मौलाना मुबीन हक के साथ बताए गए समय को याद करते हुए बताया किमौलानामुबीनुल उल हक साहब ने हमेशा सामाजिक और देश के वास्तविक विकास कार्याें पर बल दिया, आपकी दुआएं हमेशा हमारे साथ हैं आज मौलाना उसामा साहब के साथ ही सभी लोगों की दुआओं से हम सभी ने नगर निगम द्वारा इस चैराहे का नाम ‘‘मौलाना मुबीनुल हक चैक’’रखवाया है। यह एक बहुत अच्छी बात है कि चैराहे का नाम एक आलिमए दीन के नाम से जाना जाएगा, जिन्होंने सभी धर्माें के लोगों विशेष रूप से जाजमऊ के लोगों के लिए काम किया। पार्षद शमीम आज़ाद ने लोगों से आगे चल कर इस चैक को और अधिक सुंदरीकरणकराने का वादा किया।
इस अवसर पर मौलाना मुबीनुल हक साहब के भाई क़ारी महमूदुलहक़ रईस कासमी, मौलाना मुबीन साहब के छोटे बेटे मुहम्मद सुमामा, पोते हाफिज अमीनुलहक़ अब्दुल्लाह, मौलाना गुलाम क़ादिर, मौलाना नूरूद्दीन अहमद क़ासमी, मौलाना अकरम जामई, मुती सैयद मुहम्मद उस्मान क़ासमी, इशरत सुब्हान, राशिद खुर्शीद, हाजी अब्दुल मन्नान, हाजी अनवारूल हक़, इकराम बेग, रमजानी, राजू, चुन्नू, मौलाना अब्दुल तव्वाब कासमी, मुती मुहम्मद नासिर जामई, मौलाना मुहम्मद ईसा कासमी, सरफराज, शहनवाज, हाफिज मोहम्मद सिद्दीक, मुईद अहमद, नूरैन टार्जन, अज़मत मन्जूर, मुहम्मद अक़ील, मुंशी अख्लाक, चून्नू उस्मानी, मुहम्मद खालिद, मुहम्मद अयान, अब्दुल मुईद, मुहम्मद अरमान, मुहम्मद सलमान मंसूरी, समी उल्लाह, मुन्ना, बबलू के साथ ही भट्ठा, डिफेंस कॉलोनी, जे के कॉलोनी, पोखरपुर, संजय नगर, ताड़बगिया, लाल बंगला सहित जाजमऊ के विभिन्न क्षेत्रों के सैकड़ों लोगों ने शिरकत करते हुए मौलाना मुबीन उल-हक से अपने प्यार और स्नेह को दर्शाते हुए श्रद्धांजलि अर्पित की।