Friday, March 29, 2024
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स्वामी अच्युतानन्द शास्त्री जी महाराज जी धार्मिक प्रवृत्ति के साथ ही उनमें मानवीय गुण भी कूट कूट कर भरे थे: केशव प्रसाद मौर्य

⇒उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने श्री स्वामी अच्युतानन्द शास्त्री जी महाराज के 25वें निर्वाण दिवस पर 7 दिवसीय श्रीमद् भागवत कथा एवं भक्ति योग वेदांता संत सम्मेलन कार्यक्रम का दीप प्रज्ज्वलित व स्वामी जी के चित्र पर माल्यार्पण कर कार्यक्रम का किया शुभारंभ
⇒स्वामी अच्युतानन्द जी का जीवन दर्शन एवं सिद्धांतों को अमल में लाकर गरीबों का उत्थान करने व सबका साथ सबका विकास कर आगे बढ़ाने की दिशा में आगे आये जिससे समाज व देश में अधिक उन्नति व समृद्धि हो: उप मुख्यमंत्री
⇒साध्वी निरंजन ज्योति ने कथा में प्रवचनों व वाणी से सभी को मंत्र मुग्ध किया
कथाओं में प्रभु के जीवन का सार मिलता है जिसे सभी को जीवन में ग्रहण करना चाहिए: साध्वी निरंजन ज्योति
कानपुर देहातः जन सामना ब्यूरो। प्रदेश के उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य मूसानगर स्थित अखण्ड परमधाम हनुमान मंदिर में श्री स्वामी अच्युतानन्द शास्त्री जी महाराज के 25वें निर्वाण दिवस पर आयोजित 7 दिवसीय श्रीमद् भागवत कथा एवं भक्ति योग वेदांता संत सम्मेलन कार्यक्रम का दीप प्रज्ज्वलित व स्वामी जी के चित्र पर माल्यार्पण कर उन्हें श्रद्धासुमन अर्पित कर शुभांरभ किया। उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने कार्यक्रम में केन्द्र सरकार की राज्यमंत्री साध्वी निरंजन ज्योति द्वारा किये गये श्रीमद् भागवत कथा पाठ को भक्तिभाव व ध्यान पूर्वक सुना और कहा कि स्वामी अच्युतानन्द शास्त्री जी महाराज जी धार्मिक प्रवृत्ति के साथ ही उनमें मानवीय गुण भी कूट कूट कर भरे थे। उनकी वाणी आज के समय प्रसांगिक है आज के सामाजिक परिवेश में जब मानवीय मूल्य गौड़ होते जा रहे है ऐसे में मानवीय मूल्यो की सुरक्षा सुदृढता के लिए बुजुर्गो के विचारो व क्रिया कलापो को आत्मसात करना जरूरी है। उन्होंने कहा कि स्वामी अच्युतानन्द जी का जीवन दर्शन एवं सिद्धांतों को अमल में ला कर गरीबों का उत्थान करने व उनको आगे बढ़ाने की दिशा में आगे आये जिससे समाज व देश में अधिक उन्नति व समृद्धि आये। उन्होंने सबका साथ सबका विकास किस प्रकार हो इसका भी विस्तार से वर्णन किया। उन्होंने कहा कि सभी धर्माे का सार मनुष्य में भाईचारा बढ़ाना व राष्ट्रीय एकता अखण्डता को मजबूत करना है।
साध्वी निरंजन ज्योति ने कथा में अपने प्रवचनों से सभी को मंत्र मुग्ध किया। श्रीमद् भागवत कथा जिस स्थान पर भी होती हो उसे जरूर सुनना चाहिए। क्योंकि इस कथाओं में प्रभु के जीवन का सार मिलता है जिसे अगर हम अपने जीवन में ग्रहण कर लें तो हमारे जन्म-जन्म के पाप कट जाते हैं। उन्होंने कहा कि अज्ञानता के कारण मनुष्य अचिन्त्य चिन्तन करता है मानवता से दूर होता जा रहा है बुद्धि तो मनुष्य के पास है लेकिन बुद्धि का उपयोग करने का प्रयोग नही करता है। मनुष्य के पास प्रज्ञा, विवेकशीलता, संवेदनशीलता के साथ ही मनुष्य से जुडने व उसकी समस्याओं का निराकरण का भी भाव होना चाहिए। इस मौके पर विधायक प्रतिभा शुक्ला, विनोद कटियार, इन्द्रजीत पाल, जिलाध्यक्ष राहुल देव अग्निहोत्री, श्याम सिंह सिसौदिया, राजेन्द्र सिंह चैहान, विजय सोनी, राजेन्द्र निषाद, राघव अग्निहोत्री, सत्येन्द्र कुमार,एसडीएम राजीव पाण्डेय, सीओ, राम गोपाल कुशवाहा, एडी प्रमोद कुमार, मनीष आदि सहित भक्तजनों ने भागवत कथा का रसपान किया। इस मौके पर चिकित्सकों की एक टीम डाक्टर सोनाली, आनन्द, अरसद खान, अजीत सिंह, मीरा तिवारी, आरती देवी आदि द्वारा निरंतर सर्तक रही। छोटी मोटी बीमारियों के मरीजों को भी निःशुल्क दवा देकर उन्हें लाभाविंत किया। भक्तजनों ने प्रसाद ग्रहण कर आत्मखुशी प्रकट की।